अब हैं 125 पेटियों क मालिक
रोबॉट ने बिजनेस की शुरुआत 15 पेटियों से शुरू की थी. शुरुआत में उनका व्यवसाय छोटा था, लेकिन प्रशिक्षण और मेहनत ने उन्हें सफलता की ऊंचाई तक पहुंचा दिया. अक्टूबर से फरवरी तक का समय शहद निकालने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. ऐसे में रोबॉट के पास 125 पेटियां हैं, जिनसे वह हर सीजन में 3 से 4 कुंटल शहद निकाल लेते हैं. जहां 7 दिन के भीतर शहद तैयार हो जाता है, जिससे उन्हें हर सीजन में बेहतरीन आमदनी हो जाती है.
मधुमक्खी पालन करने वाले रोबॉट ने बताया
रोबॉट ने बताया कि मधुमक्खी पालन एक मेहनत और धैर्य का काम है, लेकिन यदि सही तरीके से किया जाए, तो यह लाभकारी साबित हो सकता है. उनका कहना है कि शहद निकालने का यह कार्य धीरे-धीरे बढ़ा है. जहां समय के साथ उनकी समझ भी इस व्यवसाय के बारे में बेहतर हुई है. उन्होंने बताया कि एक पेटी से हर सीजन में लगभग 30 से 40 किलो शहद प्राप्त होता है, जिसे बाजार में अच्छे दामों पर बेचा जाता है. इसके अलावा शहद से जुड़ी अन्य चीजें जैसे मोम, प्रोपोलिस आदि भी बेची जाती हैं, जो अतिरिक्त आय का स्रोत बनती है.
रोबॉट की सफलता इस बात का उदाहरण है कि अगर कोई व्यक्ति कठिन मेहनत, सही मार्गदर्शन और धैर्य के साथ किसी व्यवसाय में लगे, तो उसे जरूर सफलता मिलती है. मधुमक्खी पालन जैसे पारंपरिक व्यवसाय से आजकल अच्छे लाभ की संभावना है. रोबॉट इसका जीता-जागता उदाहरण है. उनके इस प्रयास से न सिर्फ उन्हें आर्थिक लाभ हो रहा है, बल्कि वे अपने गांव और आसपास के क्षेत्र में भी इस व्यवसाय को बढ़ावा दे रहे हैं.
Tags: Agriculture, Local18, Rampur news
FIRST PUBLISHED : December 8, 2024, 13:38 IST
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||