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अयोध्या: भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार यह वैवाहिक उत्सव न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक भी होने जा रहा है. 26 नवंबर को भगवान राम चार रथों पर अपने भाइयों के साथ अयोध्या से जनकपुर के लिए बारात लेकर रवाना होंगे. 14 दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में अयोध्या और जनकपुर के लाखों श्रद्धालु इस दिव्य अवसर के साक्षी बनेंगे.

इस आयोजन में लगभग 250 बाराती अयोध्या से शामिल होंगे, जबकि अन्य स्थानों से जुड़कर बारात की कुल संख्या 550 से अधिक हो जाएगी. विवाह समारोह 26 नवंबर से शुरू होकर 9 दिसंबर को समाप्त होगा, जब भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह के बाद बारात अयोध्या वापस लौटेगी.

विशेष जल और लड्डू प्रसाद की तैयारी
बारात में भारत और नेपाल के 51 प्रमुख तीर्थ स्थलों का जल शामिल होगा, जिससे विवाह उपरांत भगवान श्रीराम और माता सीता का अभिषेक किया जाएगा. मध्य प्रदेश के महाकालेश्वर मंदिर से भेजे गए 1,11,111 लड्डुओं का प्रसाद भी बारात के साथ जाएगा, जिसे विवाह के बाद श्रद्धालुओं में निशुल्क वितरित किया जाएगा. यह प्रसाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भेजा गया है.

बारात का स्वरूप और आयोजन
चार रथों पर श्रीराम और भाई: भगवान राम और उनके तीनों भाई (भरत, लक्ष्मण, और शत्रुघ्न) चार रथों पर सवार होकर जनकपुर जाएंगे.
51 तीर्थ स्थलों का जल: एक विशेष रथ पर भारत और नेपाल के प्रमुख तीर्थ स्थलों का जल ले जाया जाएगा.
श्रद्धालुओं का उत्साह: पूरे मार्ग में अयोध्या से लेकर जनकपुर तक भक्तों की भारी भीड़ जुटेगी.

विश्व हिंदू परिषद का योगदान
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने जानकारी दी कि यह आयोजन अयोध्या और जनकपुर के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक एकता का प्रतीक है. विवाह के दौरान जनकपुर में भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें नेपाल और भारत के कई हिस्सों से श्रद्धालु भाग लेंगे.

श्रद्धालुओं के लिए संदेश
यदि आप भी भगवान श्रीराम और माता सीता के विवाह का साक्षी बनना चाहते हैं, तो 26 नवंबर से 9 दिसंबर तक आयोजित इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं.

Tags: Local18, Ram Mandir ayodhya, Ram Temple Ayodhya

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