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गाजियाबाद। डासना स्थित एसडीजीआई ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने ट्रांसफॉर्मिंग लर्निंग आउटकम्स: सीओ-पीओ मैपिंग और अटेनमेंट विषय पर सोमवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य शैक्षणिक नवाचार को बढ़ावा देना और शैक्षिक प्रथाओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के सिद्धांतों के अनुरूप बनाना था। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्वलन समारोह से हुई, जो ज्ञान और प्रकाश का प्रतीक है। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के प्रमुख शैक्षणिक विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें कुलाधिपति महेंद्र अग्रवाल, कुलपति डॉ. प्रसनजीत कुमार, प्रो वाइस-चांसलर (प्रशासन) पीयूष श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार डॉ. राजीव रतन, आईक्यूएसी निदेशक डॉ. हरीश तलुजा, विभिन्न स्कूलों के निदेशक, विभागाध्यक्ष और संकाय सदस्य शामिल थे।

कुलाधिपति महेंद्र अग्रवाल और उप-कुलाधिपति अखिल अग्रवाल ने एनईपी 2020 के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने उच्च शिक्षा में इसके परिवर्तनकारी दृष्टिकोण और शैक्षणिक लक्ष्यों को उद्योग और वैश्विक मानकों से जोडऩे में इसकी भूमिका पर जोर दिया। कुलपति डॉ. प्रशंजीत कुमार और रजिस्ट्रार डॉ. राजीव रतन ने भी संस्थागत प्रथाओं को एनईपी 2020 के अनुरूप संरेखित करने के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए, विशेष रूप से सीओ-पीओ मैपिंग और अटेनमेंट के संदर्भ में कार्यशाला का पहला सत्र आईक्यूएसी निदेशक डॉ. हरीश तलुजा ने प्रस्तुत किया। उन्होंने एनईपी 2020 के मुख्य सिद्धांतों पर प्रकाश डाला और इसे अंत:विषय दृष्टिकोण, अनुभवात्मक शिक्षा और मापनीय परिणामों के माध्यम से शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता बताया।

दूसरा सत्र डॉ. अंकुर गर्ग ने लिया, जिसमें उन्होंने ब्लूम्स टैक्सोनॉमी फ्रेमवर्क का उपयोग करके कोर्स आउटकम्स (सीओ) और प्रोग्राम आउटकम्स (पीओ) को डिजाइन करने की जटिलताओं पर चर्चा की। डॉ. गर्ग ने यह समझाया कि स्पष्ट और मापनीय आउटकम्स कैसे सुनिश्चित करते हैं कि छात्रों को व्यावसायिक सफलता के लिए आवश्यक कौशल और दक्षताओं का विकास हो। कार्यशाला का समापन एक इंटरएक्टिव चर्चा के साथ हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने विभागों में सीओ-पीओ मैपिंग और अटेनमेंट रणनीतियों को लागू करने पर अपने दृष्टिकोण साझा किए।

संकाय सदस्यों ने सत्रों के दौरान दिए गए व्यावहारिक मार्गदर्शन और उपयोगी सुझावों की सराहना की। सीएसई विभाग की प्रोफेसर शिवानी गर्ग ने कार्यशाला के सफल आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों ने कार्यशाला की सुचारू कार्यप्रणाली और प्रभाव सुनिश्चित किया। यह कार्यशाला एसडीजीआई ग्लोबल यूनिवर्सिटी की शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने, प्रगतिशील शिक्षण प्रथाओं को अपनाने और शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ संरेखित होने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

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