Image Slider

-क्राइम ब्रांच और मधुबन बापूधाम पुलिस की संयुक्त टीम ने दबोचे तीन अंतर्राज्यीय वाहन चोर
-चोरी की ब्रेजा, मारुति स्विफ्ट, फ्रोन्क्स व होण्डा सिटी समेत 8 कार बरामद

गाजियाबाद। कार चोरी करने वाले एक शातिर गिरोह का क्राइम ब्रांच की टीम ने पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के सदस्य दिल्ली-एनसीआर से अभी तक 400 से ज्यादा कार चोरी कर चुके थे। गिरोह के सदस्य इतने शातिर हैं कि पलक झपकते ही कार को उड़ा ले जाते थे। कविनगर थाने में सोमवार को वाहन चोरी की घटना का खुलासा करते हुए कवि नगर एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी और थाना मधुबन बापूधाम पुलिस की संयुक्त टीम ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वाहन चोरी करने वाले शकील उर्फ भुरवा पुत्र सदाकत निवासी ग्राम जसोरा मुण्डाली जनपद मेरठ, हसीन पुत्र रहीसुद्दीन निवासी ग्राम अलियारपुर खजूरी किला परीक्षितगढ़ जनपद-मेरठ और समीर पुत्र मोहम्मद यूसुफ निवासी महावतों की मस्जिद नागौरी गेट रोड सदर जोधपुर राजस्थान को गिरफ्तार किया है। जिनकी निशानदेही पर चोरी की 3 ब्रेजा कार, 3 मारूति स्विफ्ट कार, 1 मारूति फ्रोन्क्स व 1 होण्डा सिटी कार व चोरी करने के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व चाबियां बरामद किया है।

शकील उर्फ भुरवा अनपढ़ है, वह ट्रक ड्राईवर का काम करता था। जिसमें ज्यादा कमाई नहीं होती थी। इस बीच इसका संपर्क वर्ष 2010 में सलमान से हुआ। उसके साथ वाहन चोरी व लूट की वारदात करने लगा, जिसमें वह पहली बार जेल गया था। जेल से छूटने के बाद भी चोरी व लूट की वारदात अलग-अलग साथियों के साथ करता रहा, जिसमें कई बार विभिन्न जनपदों से जेल जाता रहा। वर्ष-2022 में शकील उर्फ भुरवा ने असलम, राशिद काला, हसीन के साथ मिलकर अपना वाहन चोरों का गैंग बना लिया और मेरठ, गाजियाबाद व दिल्ली एनसीआर से वाहन चोरी कर मांग के अनुसार सप्लाई करने लगे। पकड़ा आरोपी हसीन भी अनपढ़ है वह गांव में खेती, मजदूरी का काम करता है। उसके बाद उसका संपर्क असलम से हुआ और उसके साथ लग्जरी कारें चोरी करने लगा वर्ष 2019 में दिल्ली से जेल गया था। जेल से छूटने के बाद पुन: इसी अपराध में लिप्त रहा और अपने साथियों के साथ लग्जरी गाड़ियां चोरी करके मांग के अनुसार सप्लाई करने लगा।

जिसमे वह पूर्व में भी कई बार जेल जा चुका है। आरोपी समीर 10वीं पास है पहले वह पंचर की दुकान पर काम करता था और बाद में वर्ष 2021 मे इसने स्पेयर पार्टस की दुकान खोली। जब उसमें भी फायदा नहीं हुआ तो, उसका संपर्क जोधपुर के ही साजिद खान व अरशद से हुआ। जो कि दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से लग्जरी कार चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। गाड़ी चोरी कर उसे आगे सप्लाई कर देते थे। जिसमें उनकी अच्छी कमाई भी होने लगी। चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त व उनको काट कर उनके पार्टस अलग-अलग करके बेचने लगा। इस काम के लिए समीर ने जोधपुर में एक अलग से गोदाम ले रखा था। एसीपी ने बताया पकड़े गए आरोपियों का एक संगठित गिरोह है। जिसमें शकील उर्फ भुरवा के अलावा हसीन, असलम, राशिद काला, अज्जू उर्फ अजरूद्दीन, हाफिज, अरशद, अब्दुल खालिक व समीर भी है। जो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में लग्जरी गाडियों को उनकी मांग के अनुसार चोरी कर उसके इंजन नम्बर व चेसिस नम्बर में टेम्परिंग करके उसके फर्जी कागजात तैयार करके दूसरे राज्यों में बेच देते हैं।

गाड़ी की डिमांड राजस्थान से अरशद, अब्दुल खालिक व समीर और मेरठ से अज्जू उर्फ अजरूद्दीन व हाफिज बताते थे। शकील उर्फ भुरवा अपने साथी हसीन, राशिद काला व असलम के साथ डिमांड वाली गाडी की चोरी करने के लिए पहले कार की रेकी करता था और उसके बाद गाड़ी को चिन्हित कर लेते हैं, तब मौका देखकर ये लोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस (टैब) के माध्यम से नकली चाबी बनाकर कार चोरी कर लेते थे। गाड़ी चोरी करके कुछ दूर जाने के बाद उसकी नम्बर प्लेट चेंज कर देते थे और जीपीएस चेक करके उसको निकालकर फेक देते हैं। फिर चोरी की गाड़ी को अपने छुपाने के स्थानों पर ले जाकर खड़ी कर देते हैं। बाद में जिन साथियों ने डिमांड की होती है वह आकर उस गाडी को ले जाते थे। राजस्थान के समीर, अरशद व अब्दुल खालिक आकर गाड़ियां ले जाने के बाद एक्सीडेंटल व टोटल लॉस की गाड़ियों के इंजन व चेचिस नम्बर को इन चोरी की गाडियों पर नम्बर टेम्पर करके बेच देते है या उन गाड़ियों को काटकर उनके पार्टस अलग-अलग बेच देते है।

आरोपी जब भी गाड़ी चुराते जाते थे, उस समय अपनी पहचान छिपाने के लिए गाड़ी का नंबर प्लेट बदल कर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर तयशुदा स्थान पर एकत्र हो जाते थे और उस समय तक मोबाइल को बंद कर देते थे। आपस में व्हाट्स-एप पर ही मैसेज व कॉल करते थे, आपस में नोर्मल कॉल करने से बचते हैं। आरोपी पिछले करीब 15 वर्षों से लगातार वाहन चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे है। जो कि अभी तक करीब 400 से अधिक गाड़ी चोरी कर उन्हें बेच चुके है। गाड़ी चोरी के मामले में आरोपी पूर्व में कई बार जेल भी जा चुके है।

———-

🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।

 

Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||