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नई दिल्ली. भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट की पहली पारी में 46 रन पर ऑलआउट हो गई. टीम इंडिया ने इसकी भरपाई दूसरी पारी में की और 10 गुना से ज्यादा रन ठोक दिए. पूरे 462 रन. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके बावजूद भारत ने 72 साल पुराने ऐसे रिकॉर्ड की बराबरी की, जो कोई टीम नहीं चाहती. इस मैच में भारत के 7 बैटर 0 पर आउट हुए.

भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरू में तीन मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच खेला जा रहा है. इस मैच में विराट कोहली, सरफराज खान, केएल राहुल, रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन पहली पारी में खाता भी नहीं खोल सके. दूसरी पारी में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज 0 पर आउट हुए. इस तरह भारत के 7 बैटर मैच में एक-एक बार 0 पर लौटे. यह भारतीय इतिहास में दूसरी बार और पिछले 72 साल में पहला मौका था, जब टीम इंडिया के इतने सारे बैटर मुंह लटकाए पैवेलियन लौटे.

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भारतीय टीम के सामने इससे पहले ऐसी स्थिति 1952 में इंग्लैंड में आई थी. तब लीड्स टेस्ट मैच में भारतीय टीम पहली पारी में 293 और दूसरी पारी में 165 रन बनाकर आउट हो गई थी. पहली पारी में 334 रन बनाने वाले इंग्लैंड ने 7 विकेट से मैच जीता था. यह मैच 5 से 9 जून के बीच खेला गया था.

विजय हजारे की कप्तानी में उतरी भारतीय टीम के तीन बैटर पहली पारी और 4 बैटर दूसरी पारी में खाता नहीं खोल सके थे. पहली पारी में सी. गोपीनाथ, गुलाबराय रामचंद और गुलाम अहम 0 पर आउट हुए थे. दूसरी पारी में भारत के टॉप-3 बैटर पंकज रॉय, दत्ता गायकवाड़, माधव मंत्री और विजय मांजरेकर खाता नहीं खोल सके थे.

मांजरेकर और सरफराज का 0 भी और शतक भी
न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरू टेस्ट मैच में सरफराज खान ने पहली पारी में 0 पर आउट होने के बाद दूसरी पारी में 150 रन की पारी खेली. विजय मांजरेकर ने भी 1952 में लीड्स टेस्ट मैच में 0 पर आउट होने से पहले 133 रन बनाए थे. इस तरह ये दोनों मुंबइया बैटर उस लिस्ट में शामिल हैं, जिसमें किसी बैटर ने एक ही टेस्ट मैच में शतक भी बनाया और 0 पर भी आउट हुआ.

Tags: India vs new zealand, Sarfaraz Khan, Team india

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