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लखीमपुर: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर ज़िले में बाढ़ का कहर भले ही कम हो गया है, लेकिन ग्रामीणों की परेशानियां अब भी खत्म नहीं हुई हैं. बाढ़ के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं, वहीं दूसरी ओर लोगों के घरों में रखा सारा सामान भी नष्ट हो गया. ग्रामीण अब सड़कों पर रहकर अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं. बनबसा बैराज से छोड़ा गया पानी तराई क्षेत्र में भारी तबाही मचाने का कारण बना था.

पानी कम, लेकिन समस्याएं बनी हुई हैं
शारदा नदी में आई बाढ़ का पानी अब कम हो रहा है और धीरे-धीरे यातायात भी सामान्य हो रहा है. हालांकि, घरों में रखा अनाज, कपड़े, और ईंधन बाढ़ के पानी से भीग चुके हैं, जिन्हें अब सूखाने के लिए ग्रामीणों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. पशुओं के लिए चारा जुटाना भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.

तहसील प्रशासन की मदद और मुआवजे की व्यवस्था
लखीमपुर जनपद के कुछ गांवों में अभी भी बाढ़ का पानी जमा हुआ है. तहसील प्रशासन की ओर से बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाई जा रही है. जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई थीं, उन्हें पहले भी मुआवजा दिया जा चुका है. पलिया तहसील क्षेत्र के बंसी नगर इलाके में बाढ़ का पानी कम हो चुका है, लेकिन ग्रामीण अब भी सड़कों पर रहकर दिन गुजारने को मजबूर हैं.

शारदा नदी का कटान बढ़ने से ग्रामीणों की चिंता
बाढ़ का पानी घटने के बाद शारदा नदी का कटान तेज हो गया है, जिससे तराई क्षेत्र में रहने वाले लोग परेशान हैं. इस कटान के चलते जनपद खीरी के करीब 200 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए थे. सैकड़ों एकड़ में फैली फसलें पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं, जिससे ग्रामीणों की समस्याएं और बढ़ गई हैं.

Tags: Lakhimpur Kheri, Local18, Special Project, UP news

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