-नगर आयुक्त की ऑनलाइन बैठक में हुआ सत्यापन कार्य की समीक्षा, एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश, लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्यवाही
-वर्चुअल बैठक में 2579 लंबित आवेदनों को लेकर समीक्षा, डूडा, तहसील और नगर निगम को मिलकर एकजुटता से काम करने के निर्देश
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत गाजियाबाद में चल रही कार्यवाही ने अब रफ्तार पकड़ ली है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की सख्ती और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद अब योजना के तहत लंबित आवेदनों का सत्यापन एक सप्ताह में पूरा करने की तैयारी है। मंगलवार को हुई वर्चुअल बैठक इस योजना के भविष्य की दिशा तय करने वाली साबित हुई, जिसमें नगर आयुक्त ने अधिकारियों को दो टूक कहा लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, पात्र को लाभ और अपात्र की तुरंत पहचान हो।
बैठक की अध्यक्षता कर रहे अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव ने बताया कि अब तक 4890 में से 2311 आवेदनों का सत्यापन पूर्ण हो चुका है, लेकिन 2579 आवेदन अब भी लंबित हैं। इन लंबित आवेदनों की गंभीरता को समझते हुए नगर आयुक्त ने सभी ज़ोनल प्रभारी, डूडा और तहसील विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दिए कि कोई भी कर्मचारी यदि प्रक्रिया में ढिलाई करता है तो उसका नाम चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। नगर आयुक्त ने डूडा विभाग के अधिकारी संजय पथरिया को विशेष मॉनिटरिंग के लिए नामित किया है और उन्हें प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम, डूडा और तहसील विभाग की टीम अब समन्वय बनाकर एकीकृत रूप से कार्य कर रही है ताकि पात्र आवेदकों को योजना का लाभ समयबद्ध रूप से दिया जा सके।
नगर आयुक्त की सख्त चेतावनी
बैठक के दौरान नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं बल्कि गरीब और जरूरतमंद नागरिकों के सपनों का आश्रय है। उन्होंने कहा, हमारी जि़म्मेदारी है कि किसी भी पात्र व्यक्ति को उसका अधिकार समय पर मिले। सत्यापन प्रक्रिया में कोई भी कोताही, पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करती है, इसलिए अधिकारी अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाएं।
साप्ताहिक रिपोर्ट से होगी जवाबदेही तय
सभी जोन प्रभारी और विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया गया है कि अगले सात दिनों में लंबित आवेदनों का भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट नगर आयुक्त कार्यालय में प्रस्तुत करें। इसके साथ ही हर ज़ोन से प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट भी मांगी गई है ताकि प्रक्रिया की निगरानी प्रभावी रूप से की जा सके।
गाजियाबाद की प्रशासनिक तत्परता बनी मिसाल
नगर निगम द्वारा उठाया गया यह कदम प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता और गति दोनों का सटीक उदाहरण बनता जा रहा है। यह उम्मीद की जा रही है कि आगामी एक सप्ताह में सभी लंबित मामलों का निस्तारण कर जरूरतमंदों को जल्द ही राहत मिलेगी।
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