-सीडीओ की अध्यक्षता में जिला पोषण समिति की बैठक आयोजित
उदय भूमि
गाजियाबाद। जिले में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति असंवेदनशीलता किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बुधवार को विकास भवन के दुर्गावती देवी सभागार में जिला पोषण समिति की बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल ने अधिकारियों को यह दिशा-निर्देश दिए। जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह के निर्देशन में सीडीओ अभिनव गोपाल ने जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्र्णेय, जिला पंचायत राज अधिकारी प्रदीप द्विवेदी, जिला पूर्ति अधिकारी अमित तिवारी, जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी सुधीर कुमार,चिकित्साधिकारी,बाल विकास परियोजना अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ जिला पोषण समिति की बैठक की गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्र्णेय एवं मेरठ मंडल की मंडल समन्वयक गरिमा सिंह ने बैठक में पीपीटी के माध्यम से विगत माह की जिला पोषण समिति की बैठक में दिए गए निर्देश के क्रम में अनुपालन से अवगत कराया। बैठक में पोषण ट्रैकर एप पर बच्चों का वजन,लंबाई एवं ऊंचाई फीडिंग की समीक्षा की गई। जिसमें बाल विकास परियोजना शहरी में फीडिंग सबसे कम 96.37 प्रतिशत की गई।
सीडीओ ने बाल विकास परियोजना अधिकारी को निर्देश दिए कि ससमय फीडिंग का कार्य पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाएं। पोषाहार वितरण के संबंध में बताया कि तृतीय त्रैमास का पोषाहार प्राप्त नहीं हुआ है। इस कारण वितरण नहीं किया जा सका है। सैम बच्चों के प्रबंधन की समीक्षा में पाया गया कि पोषण ट्रैकर ऐप पर आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा कुल 537 सैम बच्चों का चिन्हांकन किया गया है। एएनएम व सीएचओ द्वारा स्क्रीनिंग में कुल 15 बच्चों को ही सैम चिन्हित किया गया है। मुख्य विकास अधिकारी ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों तथा बाल विकास परियोजना अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर सैम बच्चों की सूची प्रतिमाह तैयार कर बच्चों को लाभान्वित किया जाना सुनिश्चित करें। हॉट कुक्ड फूड योजना में कुछ आंगनवाड़ी केंद्रों पर गर्म खाना वितरित नहीं किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने अवगत कराया कि ग्रामीण परियोजनाओं में कुछ केंद्रों पर राशन खत्म होने के कारण वितरण नहीं किया जा रहा।
केंद्रों पर शहरी परियोजना के ऐसे केंद्र जिनमें बर्तन न होने के कारण राशन अवशेष है। उन केंद्रों का राशन ग्रामीण परियोजनाओं में समायोजित किया जाना है। सीडीओ ने निर्देश दिए कि प्रतिमाह एनआरसी में 100 प्रतिशत बेड ऑक्यूपेंसी होनी चाहिए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि वह अपने अधीनस्थ अधिकारी,कर्मचारियों के कार्यों की मॉनिटरिंग करना सुनिश्चित करें। हर माह उन्हें योजनाओं के संबंध में पूर्ण जानकारी प्रदान कराते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण कराए। जिससे समयान्तराल में अपना कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण कर सकें। बैठक कर दो बार उनके कार्यों की समीक्षा की जाए। जिससे कार्यों में और बेहतर तरीके से सुधार किया जा सके।
यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के विपरीत कार्य किया जा रहा है या असंवेदनशीलता बरती जा रही है, तो उसके खिलाफ तत्काल विभागीय कार्रवाई की जाए। उसे कारण बताओ नोटिस भी दिया जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी विभागाध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि वह अपने विभाग से संबंधित योजनाओं का प्रचार-प्रसार करते हुए उन्हें शत-प्रतिशत लाभार्थी तक पहुंचाएं। बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री की ओर से अनेक योजनाएं चलाई गई हैं। इन योजनाओं का धरातल पर शत-प्रतिशत कार्य होना चाहिए। बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति किसी प्रकार की असंवदेनशीलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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