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मंगलवार को जमकर गरजा बुलडोजर, कार्रवाई का लोगों ने किया विरोध

गाजियाबाद। विजय नगर के चांदमारी में सेना की अरबों रुपए की जमीन पर कब्जा कर डाली गई झुग्गी-झोपड़ी पर मंगलवार को दूसरे दिन भी प्रशासन-पुलिस की बुलडोजर कार्रवाई जारी रही। दूसरे दिन विजयनगर में रक्षा संपदा की जमीन पर हुए अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया गया। रक्षा संपदा की 161 एकड़ जमीन से अवैध झुग्गियों को हटाने के लिए दूसरे दिन भी अभियान चलाया गया। मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे रक्षा संपदा के अधिकारी पुलिस बल के साथ सेक्टर-9 स्थित भूमि पर पहुंचे और कार्रवाई की। कार्रवाई में शाम चार बजे तक करीब 550 झुग्गियों को गिरा दिया गया था। रक्षा संपदा के अधिकारी वीके गुप्ता ने बताया कि शाम तक करीब 550 झुग्गियों को गिराकर सेना की भूमि खाली करने का लक्ष्य रखा गया था।

इस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध करने की भी कोशिश की। एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने कूड़े में आग लगा दी। पहले तो जेसीबी से आग पर काबू पाने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिलने पर दमकल विभाग की गाडिय़ों को मौके पर बुलाकर आग पर काबू पाया गया। दो दिनों में यहां से 2000 से ज्यादा झुग्गी-झोपड़ी को हटाने के बाद 20 एकड़ जमीन को कब्जामुक्त कराया गया। इस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने बुलडोजर चलाने की कार्रवाई का विरोध किया,लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। वहीं,दो दिन से चल रही बुलडोजर कार्रवाई से लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। बता दें कि विजय नगर में सोमवार को भी अभियान चलाया गया था। इस दौरान चांदमारी के पास रक्षा संपदा विभाग की जमीन पर 40 से 50 साल में अवैध रूप से बनाई सैकड़ों झुग्गियों और अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया था।

बताया गया कि इन झुग्गियों में अवैध गतिविधियां भी संचालित हो रही थीं। अपराध को भी बढ़ावा मिल रहा था। झुग्गियों में गांजा और अवैध शराब की बिक्री की शिकायतें पुलिस और प्रशासन के पास पहुंचती थीं। इसके बाद ही अभियान चलाकर यह कार्रवाई की गई। प्रशासन का कहना है कि किसी भी हाल में अवैध कब्जे को छोड़ा नहीं जाएगा। जहां-जहां लोगों ने अवैध कब्जा किया हुआ है। उन सभी जमीन को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। रक्षा संपदा कार्यालय के एसडीओ वीके गुप्ता का कहना है कि विजयनगर में रक्षा संपदा विभाग की 161 एकड़ से अधिक जमीन है। इस जमीन की कीमत अरबों रुपए में है। रक्षा संपदा विभाग के अभिलेखों में इस जमीन को राइफल रेंज विजयनगर के नाम से जाना जाता है। इस जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण और कब्जा करने की जानकारी मिली थी। रक्षा संपदा विभाग के स्टेट ऑफिसर की ओर से जमीन को कब्जा मुक्त कराने का निर्देश जारी किया गया था।

जमीन को कब्जा मुक्त करने की कार्रवाई शुरू करने से पहले नोटिस चस्पा करने और मुनादी कराकर लोगों को खुद ही जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए जागरूक किया गया था। रक्षा संपदा विभाग की विजयनगर के भोवापुर में स्थित 161.5116 एकड़ जमीन से सोमवार व मंगलवार को बुलडोजर चलाकर अवैध कब्जा हटाया गया। चांदमारी(आर्मी शूटिंग रेंज)की इस बेशकीमती जमीन पर यह अतिक्रमण 40 से 50 साल पहले किया गया था। मेरठ से आए सेना के अधिकारियों ने पुलिस और पीएसी व नगर निगम की टीम की मौजूदगी में इस अतिक्रमण को बुलडोजर चलाकर साफ  करा दिया। मंगलवार को सुबह 10 बजे से दोपहर तीन बजे तक चली बुलडोजर की कार्रवाई में 2000 से ज्यादा स्थाई और अस्थाई झुग्गियां हटाई गईं। रक्षा संपदा कार्यालय मेरठ मंडल के एसडीओ वीके गुप्ता ने बताया कि जमीन को खाली कराने के लिए पहले नोटिस जारी किए गए। इसके बाद पिछले चार दिन से मुनादी भी कराई जा रही थी। इसका पूरा ख्याल रखा गया कि कार्रवाई से जन-धन की हानि न हो।

सेना की जमीन पर अतिक्रमण करके रह रहे लोगों को पहले ही बता दिया गया था कि या तो वे खुद ही झुग्गियां हटा लें या फिर इन्हें जेसीबी से हटाया जाएगा। पुलिस, पीएसी और सेना के अधिकारी पहुंच गए थे।बुलडोजर को देख झुग्गियों में रह रहे लोग खुद ही अपना सामान समेटने लगे। आधे घंटे बाद झुग्गियों पर बुलडोजर गरजना शुरू हुआ। इसके पीले पंजे ने दोपहर तीन बजे तक पूरी जमीन खाली कर दी। इस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन की कोशिश की लेकिन, पुलिस और पीएसी के सामने उनकी एक न चली। दो दिन पहले भी कुछ लोगों ने झुग्गियों के बाहर प्रदर्शन कर सर्दी के दिनों में कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध किया था। इसका कोई असर नहीं हुआ। सेना की ओर से मुनादी कराए जाने का काम जारी रहा। एसीपी कोतवाली रितेश त्रिपाठी ने बताया कि सेना के अधिकारियों के कहने पर कार्रवाई के दौरान थाना पुलिस के साथ दो प्लाटून पीएसी भी लगाई गई थी।बता दें कि सेना की जमीन से अवैध कब्जा हटाने की मांग लेकर भाजपा सांसद अतुल गर्ग और विधायक संजीव शर्मा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे। इसके बाद ही सेना के अधिकारियों की ओर से जमीन खाली करने के नोटिस जारी किए गए थे। नोटिस मिलते ही कुछ लोगों ने झुग्गियों से सामान समेट लिया था। बाकी लोगों ने सामान नहीं हटाया था।




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