-मेरठ मंडल उप आबकारी आयुक्त ने आबकारी निरीक्षक और अनुज्ञापियों के साथ की संयुक्त बैठक
-ओवर रेटिंग की शिकायतों को देख अनुज्ञापियों के साथ आबकारी निरीक्षकों भी लगाई क्लास
-अवैध शराब के अड्डों पर कार्रवाई के साथ जागरूकता अभियान में तेजी लाने के दिए निर्देश
-शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य को पूरा करते हुए बिना लाइसेंस के शराब पिलाने वालों पर कार्रवाई करने के दिए निर्देश
उदय भूमि
गौतमबुद्ध नगर। जिले में अब खानापूर्ति करने से काम नहीं चलेगा। काम करना है तो अपने कार्यों में सुधार लाए अनुज्ञापी, नहीं तो विक्रेता के साथ लाइसेंसी भी विभागीय कार्रवाई के लिए तैयार रहें। विभाग की छवि को धूमिल करने में शामिल विक्रेता हो या लाइसेंसी या फिर संबंधित इस्पेंक्टर किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। अगर कोई विक्रेता या लाइसेंसी अपनी मनमानी करता है तो तत्काल कार्रवाई की जाए। अब बातों से और न ही कोई बहाना चलाने से काम चलेगा। अगर जिले में नियमानुसार दुकान चलाती है तो चलाए, नहीं तो लाइसेंस सरेंडर कर दें। पांच, दस रुपये के लालच में जिस तरह से विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होगा। पिछले कुछ समय से लगातार ओवर रेटिंग की शिकायत लगातार सामने आ रही है। जिस पर पूरी तरह से अंकुश लगाए, नहीं तो खुद भी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। लाइसेंस लिया है तो दुकानों की खुद भी निगरानी रखें। घर बैठे या फिर लाइसेंस लेने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा विक्रेता हो या अनुज्ञापी या फिर संबंधित इंस्पेक्टर हो, सभी को अपने कार्यों में सुधार लाने की जरूरत है। विक्रेता पर नजर रखने के लिए संबंधित अनुज्ञापी को नोटिस जारी किए जाए, अगर उसके बाद भी ओवर रेटिंग की शिकायत मिलती है तो तत्काल लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाए।
गलती से अगर ओवर रेटिंग के मामलों में किसी भी आबकारी निरीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई तो उसके खिलाफ स्वयं कार्रवाई करुंगा। इसलिए जिले में काम करना है तो पहले आदतों मेंं सुधार करना होगा। अब कोई बहाना या फिर बातों से काम नहीं चलेगा। किसी भी काम को अंजाम देने के लिए धरातल पर उतरना होता है। इसलिए जिले में सबसे अधिक जगह पर होने वाली ओवर रेटिंग की शिकायतों पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए वहां की निगरानी बढ़ाई जाए। साथ ही इसके लिए अपने मुखबिर तंत्र को भी सक्रिय किया जाए। दुकानों पर निरीक्षण के दौरान दुकान पर मौजूद ग्राहकों से भी शराब विक्रेताओं के कार्यों का भी फीडबैक लेते रहे। वहीं बैठक में अनुज्ञापियों को भी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई विक्रेता शराब पर ओवर रेटिंग कर रहा है तो उसकी जवाबदेही आपकी होगी। जिस तरह से पिछले कुछ समय से विक्रेता अपनी मनमानी कर विभाग की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे है, यह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसलिए अब अगर शराब की दुकान चलानी है तो ध्यान रहें नियमानुसार काम करना होगा, नहीं तो लाइसेंस निरस्त करने में बिल्कुल भी समय नहीं लगाया जाएगा। लगातार हिदायत देने के बाद भी आपके कार्यों में कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। इसलिए अब कोई भी ओवर रेटिंग का मामला अगर सामने आया तो विक्रेता के साथ सबसे पहले अनुज्ञापी के खिलाफ मुकदमा और उसका लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब हो कि जनपद में आबकारी विभाग की सख्त हिदायत के बावजूद कुछ शराब विक्रेता अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। निर्धारित से ज्यादा मूल्य पर शराब की बिक्री कर नियमों का मखौल उड़ाया जा रहा है। ओवर रेटिंग की शिकायतों की बाढ़ पिछले करीब दो माह से अधिक देखने को मिल रही है। शराब पर ओवर रेटिंग में लिप्त विक्रेता और अनुज्ञापी के गठजोड़ को तोड़ने के लिए मेरठ मंडल उप आबकारी आयुक्त सख्त रुख इख्तियार किया है। बैठक के दौरान उप आबकारी आयुक्त ने अधिकारियों से प्रतिदिन हो रही कार्रवाई और राजस्व की जानकारी ली। जिस पर जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने क्रिसमस व नववर्ष पर जनपदीय विभाग के राजस्व की रिपोर्ट कार्ड को प्रस्तुत किया। जिले में आबकारी विभाग के राजस्व को देख जहां एक ओर उप आबकारी आयुक्त ने अधिकारी और इंस्पेक्टरों की पीठ थपथपाई तो वहीं दूसरी ओर उन्हें बीच-बीच में कार्रवाई के तरीकों में बदलाव करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर शराब तस्करों पर कार्रवाई करनी है तो उसकी जड़ों पर पहले प्रहार किया जाए। साथ ही शराब तस्करी के मामले में जेल से छूट कर आए तस्करों पर अपनी निगरानी रखें और अधिक से अधिक सोसायटी और देहात क्षेत्र के ग्राम प्रधान एवं सभासभदों के साथ अपना समन्वय स्थापित कर खुद का एक नेटवर्क तैयार करें। जब तक खुद का नेटवर्क मजबूत नहीं होगा, तब शराब तस्करी पर रोक लगाना आसान नहीं होगा।
बैठक के दौरान उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार सिंह ने अनुज्ञापियों को अपने-अपने दुकानों पर सतर्क दृष्टि रखते हुए ओवररेट व अन्य अवैध गतिविधियों को पूर्णत: रोकने के लिए निर्देशित किया। साथ ही समय से उठान/निकासी करवाते रहने, सीसीटीवी कैमरों का संचालन सुनिश्चित करने और नियमानुसार अनुज्ञापन के संचालन के लिए निर्देशित किया। बैठक के दौरान उप आबकारी आबकारी आयुक्त ने सभी इंस्पेक्टरों को कार्रवाई में तेजी लाने और चेकिंग की कार्रवाई में और मजबूती लाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन आने वाली सभी शिकायतों का गुणवत्ता निस्तारण करने के साथ शिकायतकर्ता से भी इसका फीडबैक लिया जाए। जिले में शराब की ओवर रेटिंग और अवैध शराब के अड्डों पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत कार्रवाई की जाए। सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए विभिन्न स्रोतों पर कार्ययोजना तैयार किया जाए और शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति के लिए लगातार अपने कर्तव्यों को पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन करें। बैठक में जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव, आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय, डॉ. शिखा ठाकुर, गौरव चन्द, चन्द्रशेखर सिंह, अभिनव शाही, नामवर सिंह और रवि जायसवाल आदि अधिकारी और अनुज्ञापी उपस्थित रहे।
नववर्ष के उपलक्ष्य में जिस तरह से जिला आबकारी अधिकारी ने सरकारी खजाने को भरने के लिए अपनी रणनीति तैयार की थी, उसी सफलता का परिणाम है कि जिले में इस बार पिछले वर्ष की अपेक्षा से अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है। साथ ही इस बार ऑकेजनल बार लाइसेंस लेने के लिए आवेदनों की भी लंबी लिस्ट देखने को मिली। जिले में नववर्ष पर पार्टी करने के लिए विभाग के पास इस बार 50, 100 नहीं बल्कि करीब 126 अस्थायी लाइसेंस जारी किए गए। अस्थायी लाइसेंस से ही विभाग को करीब 13 लाख 86 हजार रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ है। एक दिन में विभाग को इस बार लगभग 14 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। गौतमबुद्ध नगर के शौकीनों ने इस बार सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए सरकार के खजाने में सबसे अहम भूमिका निभाई है। लेकिन नववर्ष को सकुशल संपन्न कराने के लिए जिस तरह से आबकारी विभाग की टीम ने दिन-रात एक किया हुआ था, यह शायद वहीं जानते है।
शराब पार्टी के आयोजन से लेकर बाहरी राज्यों की शराब तस्करी को रोकने तक आबकारी विभाग की टीमें पिछले करीब दो सप्ताह से दिन-रात लगी हुई थी। जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। जिसके लिए खुद मेरठ मंडल उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार सिंह ने बैठक में सभी के कार्यों की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। बता दें कि जिले में 564 दुकाने है, जिनमें अंग्रेजी, देसी, बीयर एवं मॉडल शॉप शामिल है। इन दुकानों की सुरक्षा और कार्रवाई की जिम्मेदारी जिले की सात टीमों के कंधे पर है। जिले में सात टीमों के पास करीब 34 सिपाही की अतिरिक्त फौज है। देखा जाए तो जिले की कमान को 41 सदस्यों की फौज के कंधो पर है। जिसमें यह टीमें अपनी कार्रवाई और सरकार के राजस्व को भरने में अपनी अहम भूमिका भी निभाने का काम कर रही है।
बिना लाइसेंस के लाइसेंस के शौकीनों को पिला रहा था शराब, गिरफ्तार
जिले में बिना लाइसेंस के शराब पार्टी करने वालों पर आबकारी विभाग की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में आबकारी विभाग की टीम ने एक मैनेजर को गिरफ्तार किया है। जो कि विभाग की आंखों में धूल झोंक कर शौकीनों को बिना लाइसेंस के शराब पिला रहा था। माह में 5 दिन लाइसेंस लेने के बाद बाकी दिनों में बिना लाइसेंस के शराब पिला रहा था। जैसे ही इसकी सूचना आबकारी विभाग की टीम को लगी तो बिना देरी किए टीम ने रेस्टोरेंट का औचक निरीक्षण किया। टीम को देख रेस्टोरेंट में हड़कंप मच गया। टीम ने बिना देरी किए रेस्टोरेंट मैनेजर से शराब पिलाने का लाइसेंस मांगा तो दिखा नहीं पाया। टीम ने मैनेजर को गिरफ्तार कर रेस्टोरेंट में रखी शराब को जब्त कर लिया।
जिला आबकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया रविवार रात सूचना मिली कि हैप्पी आवर्स रेस्टोरेंट सोरखा सेक्टर-113 में बिना लाइसेंस के शराब पार्टी चल रही है। सूचना पर पहले प्रतिदिन विभाग के पास आने वाले लाइसेंस की सूची देखी गई तो उसमें हैप्पी आवर्स रेस्टोरेंट का नाम नहीं था। रेस्टोरेंट पर कार्रवाई के लिए आबकारी निरीक्षक रवि जायसवाल और गौरव चन्द की संयुक्त टीम गठित की गई। टीम को चेकिंग के दौरान रॉक फोर्ड ब्रांड, ओल्ड मॉन्क ब्रांड एवं ओक एंड ग्लो ब्रांड की तीन भरी बोतले एवं चार खाली बोतले बरामद हुई। हैप्पी आवर्स रेस्टोरेंट सोरखा सेक्टर-113 से बिना एफएल-11 लाइसेंस के शराब परोसने पर रेस्टोरेंट मैनेजर अश्विन मिश्रा पुत्र दीनानाथ मिश्रा को गिरफ्तार किया गया। जिसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया। साथ ही रेस्टोरेंट के खिलाफ आबकारी विभाग के पोर्टल पर ब्लैक लिस्ट की कार्रवाई भी की गई।
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