•2.80 लाख की शराब समेत चार गिरफ्तार, पूर्व भाजपा नेता व उसकी पत्नी, मां-बाप के खिलाफ मुकदमा दर्ज
•आबकारी विभाग के राजस्व को चूना लगाने वालों पर कार्रवाई के लिए जिले में आबकारी विभाग की टीम ने कार्रवाई को दी धार
•जिले में शराब तस्करों के साथ विक्रेता और रेस्टोरेंट, बार संचालकों की निगरानी के लिए आबकारी विभाग का मुखबिर तंत्र हुआ सक्रिय
•स्टोर रूम को बनाया हुआ था शराब का अड्डा, राशन के बीच छिपा रखी थी लाखों रुपये की शराब
उदय भूमि
गाजियाबाद। दिल्ली से सटे गाजियाबाद का कनॉट प्लेस कहा जाने वाला आरडीसी इलाका आजकल हर दिन चर्चाओं में सुर्खियां बटोरता हुआ नजर आ रहा है। कभी मारपीट तो कभी हनी ट्रैप के मामले हमेशा से चर्चाओं में रहते है। एक बार फिर से अपनी सुर्खियों को बटोरते हुए आरडीसी राजनगर में एक नया मामला उजागर हुआ है। देखा जाए तो यह मामला कोई नया नहीं है, लेकिन पुराना भी नहीं कह सकते है। क्योंकि आज जिस जगह आबकारी विभाग की टीम ने फिर से कार्रवाई की है, इस तरह की कार्रवाई पूर्व में भी हो चुकी है। एक साल पूर्व भी आबकारी विभाग की टीम ने अपनी कार्रवाई से साबित कर दिया था कि अगर जिले में कोई काम करना है तो नियमानुसार ही करना होगा, नही तो कार्रवाई से बचाने के लिए न तो पैसा काम आएगा न ही कोई सिफारिश काम आएगी। देर रात आबकारी विभाग की टीम ने आरडीसी स्थित ताशा किचन ( द फूड वर्कशॉप) में छापेमारी के दौरान 199 सीलबंद एवं 31 खुली बोतल (कुल 230 बोतले) (90.75 ब.ली. शराब) बरामद की गई।
ताशा किचन (द फूड वर्कशॉप) का संचालक पूर्व भाजपा नेता संयम विभाग से लाइसेंस लिए बिना ही ग्राहकों को खाने के साथ दिल्ली और उत्तर प्रदेश की शराब पिला रहा था। जैसे ही इसकी भनक आबकारी विभाग को लगी तो टीम ने देर रात पहुंच कर छापा मार दिया। एक वर्ष पूर्व जब आबकारी विभाग की टीम ने कार्रवाई की थी तो उस समय भी संचालक ने सत्ता का दुरुपयोग करते हुए बिना लाइसेंस के शराब का सेवन करा रहा था। उस दौरान कार्रवाई को रोकने के लिए विभागीय टीम के पास कई राजनीतिक पार्टियों ने फोन कर कार्रवाई को रुकवाने का प्रयास किया था। मगर आबकारी विभाग की टीम ने सभी सिफारिशों को एक तरफा करते हुए अपनी कार्रवाई को प्राथमिकता देते हुए कार्रवाई की। विभाग को चकमा देने के लिए संचालक नाम बदल-बदलकर विभाग से ऑकेजनल बार का लाइसेंस लेकर शराब पिला रहा था। यह काम कोई उसके लिए नया नहीं था। मगर विभाग को गुमराह करने के लिए माह में करीब चार-पांच बार लाइसेंस लेकर बाकी अन्य दिनों में कभी कर्मचारियों तो कभी अपने रिश्तेदारों के नाम पर लाइसेंस लेकर शराब पार्टी का आयोजन करता था।
जिससे आबकारी विभाग के राजस्व को चूना लगा ही रहा था, साथ ही यूपी के साथ दिल्ली व अन्य राज्यों की शराब भी ग्राहकों को पिला कर उनसे यूपी के दाम वसूल रहा था। इस कार्रवाई को अंजाम में इस बार भी गाजियाबाद के साथ मेरठ मंडल उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार सिंह की भूमिका नजर आई। पूर्व में भी जब राकेश कुमार सिंह गाजियाबाद जिला आबकारी अधिकारी के पद पर तैनात थे, तब उन्होंने ही अपने कार्यकाल में संयम कोहली पर कार्रवाई की थी। गाजियाबाद में कार्यकाल के दौरान एक वर्ष पूर्व जनवरी माह में राकेश कुमार सिंह ने ही भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के महानगर कोषाध्यक्ष संयम कोहली पर मुकदमा दर्ज कराया था। पूर्व भाजपा नेता संयम कोहली व उसकी मां के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मुकदमें कविनगर थाना में दर्ज है। जो कि अपने रेस्टोरेंट में पार्टनरशिप व अलग कंपनी में साझेदारी का लालच देकर लोगों के साथ ठगी करते थे। पूर्व में भी सत्ता का खौफ के बल पर रसूखदार संयम कोहली अधिकारियों और तथाकथित लोगों के साथ अपनी पैठ जमाकर अवैध कार्यों को अंजाम देता था।
मगर अब भले ही उसकी सत्ता में पहुंच न हो लेकिन कहीं न कहीं उसी के बल पर आज भी कई विभागों में अधिकारियों पर अपनी धौंस जमाने का काम करता है। लेकिन जिस तरह से पूर्व में आबकारी विभागी की टीम ने उसके गरुर को चकनाचूर करने में अपनी अहम भूमिका निभाई थी, आज फिर एक बार आबकारी विभाग की टीम ने दोबारा कार्रवाई करते हुए अपने अहम रोल को अदा किया है। यह काबिले तारीफ है। क्योंकि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आज तक पूर्व भाजपा नेता और उसके परिवार की पुलिस गिरफ्तारी नही कर पाई है, इसके बाद कविनगर थाने में आबकारी विभाग की टीम ने फिर से संयम कोहली व उसकी मां, पत्नी और पिता पर एक नया मुकदमा दर्ज कराया है। जिले में भले ही पूर्व भाजपा नेता का नेटवर्क अन्य विभागों में आज भी चलता हो, मगर आबकारी विभाग की कार्रवाई के आगे उसका नेटवर्क बेकाम का है। सूत्रों का कहना है कि देर रात जब आबकारी विभाग की टीम कार्रवाई करने पहुंची तो उस दौरान भी टीम के पास कार्रवाई को रोकने के लिए कई लोगों के फोन पहुंचे थे। यह फोन किसके थे, कार्रवाई से बचाने के लिए उसे किसका संरक्षण प्राप्त हो रहा था यह अभी तक गोपनीय है।
दरअसल सोमवार रात को मेरठ मंडल उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार सिंह को मुखबिर से सूचना मिली कि आरडीसी स्थित ताशा किचन ( द फूड वर्कशॉप) में बिना लाइसेंस के अवैध रुप से शराब पिलाई जा रही है। सूचना पर कार्रवाई करते हुए उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार सिंह ने गाजियाबाद में आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, डॉ राकेश त्रिपाठी, मनोज शर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य और अनुज वर्मा को पहले एक जगह बुलाकर एकत्रित किया। इसके बाद टीम के साथ आरडीसी स्थित ताशा किचन ( द फूड वर्कशॉप) में छापेमारी की कार्रवाई की। जब रेस्टोरेंट में मौजूद बार टेंडर और कर्मचारियों से शराब पिलाने का लाइसेंस मांगा गया तो तो वह दिखा नहीं पाए। आबकारी विभाग की टीम ने रेस्टोरेंट में छिपाकर रखी विभिन्न ब्रांडों की विदेशी मदिरा, बीयर एवं वाइन की 199 सीलबंद एवं 31 खुली बोतले (कुल 230 बोतले) (90.75 ब.ली. शराब) बरामद किया। वहीं बार में मौजूद मोहित पुत्र सुनील कुमार निवासी-ग्राम- चिगरावती जनपद-बुलंदशहर, संजय पुत्र तेज सिंह निवासी -ग्राम मलाई कर्णप्रयाग जनपद चमोली उत्तराखंड, ईश्वरी कुमार पुत्र हरि सिंह निवासी- ग्राम-कुलसारी थराली, जनपद चमोली उत्तराखंड एवं भुवनेश पुत्र दिलबर सिंह निवासी-ग्राम- दसदुजला रुद्रप्रयाग उत्तराखंड को गिरफ्तार किया गया। वहीं पूछताछ में पकड़े गए कर्मचारियों ने बताया कि उक्त रेस्टोरेंट के संचालक संयम कोहली पुत्र श्याम कोहली निवासी 1-ए,1224 गोल्फ लिंक सोसायटी, संयम कोहली की माता डिंपल कोहली, पत्नी श्याम कोहली एवं संयम कोहली के पिता श्याम कोहली के कहने पर ही रेस्टोरेंट परिसर में ग्राहकों कों बिना लाइसेंस के शराब पिलाई जा रही थी। पकड़े गए कर्मचारियों और संयम कोहली व उसकी माता-पिता और पत्नी के खिलाफ भी आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए कवि नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। कार्रवाई से पहले जनपदीय आबकारी विभाग की टीम को यह तक नहीं पता था कि उप आबकारी आयुक्त किस जगह और किस स्थान पर छापेमारी की कार्रवाई को करने जा रहे है।
स्टोर रूम में छिपाकर रखी थी 2.80 लाख की शराब
ताशा किचन ( द फूड वर्कशॉप) में जब आबकारी विभाग की टीम छापेमारी की कार्रवाई करने पहुंची तो टीम को बार से कुछ अधिक शराब की बोतल बरामद नहीं हुई। जब टीम ने रेस्टोरेंट परिसर की पूरी तरह से तलाशी ली तो संचालक ने दिल्ली व यूपी शराब की 230 बोतल में से करीब 220 बोतलों को स्टोर रुम में छिपाकर रखा हुआ था। जिसकी कीमत करीब 2.80 लाख की है। जो कि सिर्फ कर्मचारी और मालिक को ही पता था। पूछताछ में कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें जब मालिक का फोन आता था तो वह स्टोर रुम से बोतल निकाल कर ग्राहकों को पिलाते थे। आमतौर पर बार पूरी तरह बंद रहता था। मगर जब कोई वीआईपी गेस्ट रेस्टोरेंट में आता था उससे पहले मालिक का फोन उनके पास पहुंच जाता था और फिर बार को सजा दिया जाता था। जिसके बाद रेस्टोरेंट में शराब की पार्टी और रात में डीजे बजाता था। पूर्व में जब आबकारी विभाग की टीम ने उक्त रेस्टोरेंट पर कार्रवाई की थी तो उस वक्त रेस्टोरेंट मालिक बार में ग्राहकों के मनोरंजन के लिए विदेशी बार बालाओं का भी डांस कराता था।
बिना लाइसेंस के पार्टी करने वालों पर होती है विशेष निगरानी
जिले में भले ही कुछ लोग आज भी अंजान है कि बिना लाइसेंस की शराब पार्टी होने पर आबकारी विभाग की टीम को इसकी भनक कैसे लग जाती है। जिले में प्रतिदिन विभाग के पास लाइसेंस लेने के लिए आने वाले आवेदन और बिना लाइसेंस के शराब पार्टी करने वालों की निगरानी सिर्फ क्षेत्रीय आबकारी निरीक्षक हीं नही बल्कि उसकी निगरानी खुद आबकारी अधिकारी भी करते रहते है। विभाग से कौन और कब लाइसेंस ले रहा है, इसकी पूरी कुंडली आबकारी विभाग के पास होती है। जिसके लिए आबकारी विभाग व उसका मुखबिर तंत्र भी बीच-बीच में ग्राहकों की भीड़ में पहुंच कर रेस्टोरेंट की जांच करता है। आबकारी विभाग का नेटवर्क इतना मजबूत है कि उसे तोड़ पाना शराब माफिया हो या फिर बिना लाइसेंस के शराब पार्टी का आयोजन करने वाले संचालक हो वह भी नहीं तोड़ पाते है। अपने मजबूत नेटवर्क की वजह से ही आज जिले में शराब माफिया नहीं बल्कि आबकारी विभाग का राज चल रहा है।
विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए पूर्व में ली थी भाजपा की सदस्यता
सत्रो के अनुसार संयम कोहली पिछले करीब तीन वर्षों से भाजयुमो के महानगर कोषाध्यक्ष है। इससे पूर्व वह अपना कारोबार करते थे। शायद उन्होंने अपने कार्यों को अंजाम देने के लिए भाजपा की सदस्यता ली थी। जब भाजयुमो के महानगर कोषाध्यक्ष बने तो रेस्टोरेंट की आड़ में अवैध रुप से शराब परोसने का काम भी शुरू कर दिया। क्योंकि उसके मन में था कि अगर भाजपा में रहेंगे तो पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से बचने में आसानी रहेगी। कुछ मामलों में देखा जाए तो पूर्व में पुलिस भी कार्रवाई करने से बचती नजर आती थी। भाजपा के पद पर रहते हुए पूर्व में जीडीए की नाक के नीचे रेस्टोरेंट में अवैध निर्माण करा लिया था। हालांकि बाद में जीडीए ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई भी की थी। इसी तरह जब पुलिस में कोई मामला पहुंचता तो उससे पहले ही पुलिस के पास भाजपा नेता का फोन पहुंच जाता था। जिसके बाद मामले को दबा दिया जाता था। अप्रैल 2023 में राजनगर सेक्टर-15 के रहने वाले कनव बजाज ने कविनगर थाने में पूर्व भाजपा नेता संयम कोहली व उसकी मां डिंपल कोहली के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें मां-बेटे ने मिलकर अपने रेस्टोरेंट में पार्टनरशिप व एक अलग कंपनी में साझेदारी के नाम पर 1.29 करोड़ रुपये ठग लिए थे। आरोपितों ने निवेश करने के बदले उन्हें अपने कारोबार में 35 प्रतिशत का साझेदार बनाने का झांसा दिया था।
मेरठ मंडल उप आबकारी आयुक्त राकेश कुमार सिंह का कहना है कि अगर किसी भी जिले में अवैध शराब का कारोबार या फिर बिना लाइसेंस के शराब पार्टी का आयोजन पाया गया तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सभी जिला आबकारी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए है कि अपने-अपने जिले में चेकिंग के साथ मुखबिर तंत्र को मजबूत किया जाए। बाहरी राज्यों की शराब तस्करी को रोकने के लिए चेकिंग और शराब पर ओवर रेटिंग को रोकने के लिए दुकानों कि निगरानी बढ़ाई जाए। साथ ही बिना लाइसेंस के शराब पार्टी का आयोजन करने वाले संचालकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लगातार निरीक्षण किया जाए। सोमवार रात को बुलंदशहर जिले में चेकिंग के दौरान सात दुकानों पर ओवर रेटिंग के मामले सामने आए है। जिस पर कार्रवाई करते हुए विक्रेता को जेल भेजने के साथ लाइसेंसियों को कारण बताओ का नोटिस जारी किया गया। इसके बाद भी अगर उक्त दुकानों पर दोबारा ओवर रेटिंग का मामला संज्ञान में आया तो संबंधित अनुज्ञापी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए लाइसेंस भी निरस्त कराया जाएगा। आबकारी विभाग के राजस्व के साथ चोरी और नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। पूर्व में भी कई बार अनुज्ञापियों को हिदायत दी जा चुकी है। अब चेतावनी नही बल्कि सीधे कार्रवाई की जाएगी। अपने कार्यों में सुधार न लाने वाले अनुज्ञापी हो या फिर संबंधित आबकारी विभाग की टीम सभी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी।
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