साल 2023 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) भारत सरकार ने यह प्रोजेक्ट एएमयू को दिया था जिसे अब पूरा कर लिया गया है. जिस केमिकल की खोज की गई है उसका फार्मूला डीएसटी विभाग को भेजा जा रहा है. पिछले साल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) भारत सरकार ने पानी की जांच के लिए केमिकल तैयार करने का एक प्रोजेक्ट एएमयू को सौंपा था.
एक केमिकल की बूंद बताएगी पानी का सच
एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय के सलाहकार जीशान अहमद ने बताया कि जनवरी 2023 में यह प्रोजेक्ट एएमयू के रसायन विभाग को मिला था. प्रोजेक्ट मिलने के बाद वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में अलग-अलग केमिकल की आपस में यौगिक क्रियाएं कराई गईं. इसके बाद सीटी कांप्लेक्स केमिकल वजूद में आया. इस केमिकल के जरिये पानी में मिलने वाले खतरनाक तत्वों की पहचान की जा सकेगी.
आसानी से हो जाएगी जांच
जीशान अहमद ने बताया कि पानी की दस-बीस बूंदों से सीटीएस के जरिये नदी, नहर, तालाब और स्वीमिंग पूल के पानी की सेहत जानी जा सकती है. यह शोध इंटरनेशनल जर्नल एसीएस ओमेगा, जर्नल ऑफ केमेस्ट्री में छप चुका है. पानी में मिलने वाले खतरनाक तत्व सीटीसी केमिकल रासायनिक अभिक्रिया से अलग-अलग में नजर आएंगे. पानी के तत्व की पहचान में यूवी-विजिबल स्पेक्ट्रो फोटोमीटर का भी सहारा लिया जाता है.
इसे भी पढ़ें – Noida School Closed: नर्सरी से 8वीं तक के बच्चों के लिए नोएडा के स्कूल बंद, ठंड को देखते हुए DM ने लिया फैसला
क्या है सीटी कांप्लेक्स
डॉ. इशात खान ने बताया कि सीटी कांप्लेक्स एक तरह का केमिकल है, जो प्रयोगशाला में अलग-अलग केमिकल को अभिक्रिया कराकर नए रूप में केमिकल को तैयार किया गया है. इस कांप्लेक्स के जरिये पानी में मिलने वाले खतरनाक तत्वों की आसानी से पहचान हो जाती है. शोध के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह शोध अंतरराष्ट्रीय जर्नल में छप चुका है.
Tags: Aligarh news, Local18
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||