-हिंडन शमशान घाट पर लगेंगे कम धुएं वाले उच्च तकनीकी दाह संस्कार संयंत्र
-लकडिय़ों की खपत होगी कम, पर्यावरण संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा: विक्रमादित्य सिंह मलिक
उदय भूमि
गाजियाबाद। चिता को जलाने में लकडिय़ों का बेतहाशा इस्तेमाल और इसके धुएं व राख प्रदूषण की चिंता बढ़ा दी है। जल, मिट्टी और वायु के बढ़ते प्रदूषण ने पूरी दुनिया की नींद उड़ा दी है। लकडिय़ों का बेतहाशा इस्तेमाल और इसके धुएं व राख प्रदूषण की चिंता को कम करने के लिए नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने नई पहल करते हुए हिंडन शमशान घाट पर कम धुएं वाला उच्च तकनीकी दाह संस्कार संयंत्र लगाने कवायद तेज कर दी है। नगर आयुक्त के इस प्रयास से जहां एक ओर लकड़ी की खपत कम होगी तो दुसरी ओर पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। जनवरी 2025 में नगर आयुक्त कई कार्यों को धरातल पर ला चुके है। साथ ही आगामी योजनाओं को भी शहरवासियों के लिए बनाई जा रही है। नगर आयुक्त द्वारा हिंडन नदी के समीप स्थित श्मशान घाट के जीर्णोद्धार करने और कम धुआं देने वाले आधुनिक दाह संस्कार संयंत्र स्थापित करने का कार्य जनवरी में प्रारंभ करने के लिए निर्देशित किया। जिसके लिए मुख्य अभियंता निर्माण नरेंद्र कुमार चौधरी व अन्य टीम कार्य योजना बना रही है।
शुक्रवार को हिंडन शमशान घाट पर कम धुएं वाला उच्च तकनीकी दाह संस्कार संयंत्र का नगर आयुक्त द्वारा प्रोजेक्ट का डेमो भी देखा गया। नगर आयुक्त ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के क्रम में नगर निगम लगातार कार्य कर रहा है। शमशान घाट पर 40 से अधिक प्लेटफॉर्म बने हुए हैं। जिनमें एक बार में प्रतिदिन 400 से 500 क्विंटल लकडिय़ों के माध्यम से अंतिम संस्कार की कार्यवाही की जाती है। जिसमें कुछ सुधार करते हुए नगर निगम तीन आधुनिक तकनीकी के दाह संस्कार संयंत्र लगाएगा। जिनके माध्यम से हिंदू धर्म की सभी क्रियाएं भी पूर्ण रूप से हो सकेंगे। दाह संस्कार के समय लकड़ी की कम खपत होगी और धुआ भी कम होगा। दो संयंत्र सीएनजी के होंगे और एक गाय के गोबर की लकड़ी का होगा। जिनको वास्तु को ध्यान में रखते हुए स्थापित किया जाएगा। गाय के गोबर की बनी लकड़ी के साथ-साथ केवल 100 क्विंटल लकड़ी ही इस्तेमाल की आवश्यकता रहेगी।
मुख्य अभियंता निर्माण नरेंद्र कुमार चौधरी ने बताया शमशान घाट पर अन्य प्लेटफार्म की भी मरम्मत का कार्य किया जाएगा। साथ ही ग्रीनरी को बढ़ाया जाएगा, अंतिम यात्रा में शामिल होने वाले आगंतुकों की बैठने के लिए उचित व्यवस्था भी की जाएगी। जिसके लिए हाल भी बनाया जाएगा। लगभग साढे तीन करोड़ की लागत से कार्य कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित टीम को मौके पर निरीक्षण भी कराया गया। सभी प्लानिंग पूर्ण कर ली गई है। जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में कार्य प्रारंभ करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है, जो कि पांच माह की भीतर पूरा कर लिया जाएगा। हिंडन नदी स्थित श्मशान घाट का सौंदर्यीकरण भी किया जाएगा। घाट पर लगी हुई मूर्ति शंकर भगवान की जटाओं से जल निकलेगा, जिससे अंतिम स्नान की व्यवस्था भी की जायेगी। मौके पर अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव और निर्माण विभाग से अधिशासी अभियंता निर्माण एसपी मिश्रा भी उपस्थित रहे।
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