मुस्लिम परिवार की बेटियों की शादी के लिए नहीं था सामान
फिरोजाबाद के बछामई गांव में रहने वाली मुस्लिम महिला सलीम बानो ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि उसके पति का देहांत कई साल पहले हो चुका है. घर में दो बेटियों की शादी होनी थी, लेकिन पैसों की तंगी के कारण शादी में दिया जाने वाले सामान की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. घर में कमाने वाली वह अकेली हैं. बेटी की शादी की सभी तैयारी पूरी हो चुकी थी. दो दिन बाद बारात आने वाली थी, लेकिन शादी के लिए सामान को खरीद पाना बड़ा मुश्किल हो रहा था. तभी जसराना में लक्की ट्रस्ट अतुर्रा के नाम से संस्था चलाने वाले लोधी देवेन्द्र सिंह ने उनकी मदद के लिए बोला. शादी में दिया जाने वाला समान बक्सा, कुर्सी, मेज, बेड आदि हजारों रुपए के सामान को बाजार से खरीदकर लाकर दिया. इतना सामान मिलने के बाद उनके परिवार में खुशी का लहर दौड़ गई. उन्होंने अपनी दोनों बेटियों की शादी एक साथ खुशी खुशी कर दी.
शादी के बर्तनों से लेकर बेड-सोफा देकर गरीब बेटियों की शादी में करते हैं मदद
संस्था के सदस्य अभय प्रताप सिंह लोधी ने बताया कि उनकी संस्था लक्की ट्रस्ट अतुर्रा कई सालों से गरीब परिवार की बेटियों की शादी के लिए मदद कर रही है. संस्था के लोग बेटियों की शादी में दरवाजा-बारौटी के लिए रखे जाने वाले सभी बर्तनों को दान में देते हैं और इसके अलावा कुर्सी, मेज, सोफा, बेड, अलमारी, बक्सा आदि सामान दान देकर मदद करते हैं.संस्था का उद्देश्य गरीब परिवार की मदद करना है.
Tags: Hindi news, Local18
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