कैसे आया गोंडा आने का ख्याल
लोकल 18 से बातचीत के दौरान सुमन मौर्य बताती हैं कि लॉकडाउन में जयपुर की फैक्ट्री बंद हो गई थी, फिर उनकी पूरी फैमिली गोंडा में शिफ्ट हो गई. इसके बाद, इन्होंने गोंडा में अपना सूट का बिजनेस शुरू किया, जिससे अब सालाना लाखों का टर्नओवर हो रहा है. सुमन मौर्य बताती हैं कि उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. इसके बाद, हाउसवाइफ होने के साथ-साथ, जयपुर में पति के साथ लेडीज सूट का बिजनेस करती थी.
फैमिली का मिला पूरा सपोर्ट
सुमन बताती हैं कि उन्हें फैमिली का पूरा सपोर्ट मिला. उनके पति ने कहा कि गोंडा में ही बिजनेस शुरू किया जाए. फिर, समूह में जुड़ने के बाद, उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर गोंडा में खुद का बिजनेस शुरू किया.
कब से कर रही हैं बिजनेस?
सुमन कहती हैं कि लॉकडाउन से पहले उनका जयपुर में बिजनेस था, लेकिन कोरोना में सब बंद होने और लॉकडाउन हो जाने के कुछ समय बाद ये लोग गोंडा आ गए. फिर इन्होंने गोंडा में ही बिजनेस शुरू कर दिया. उनके लेडीज सूट पूरे गोंडा जिले की दुकानों पर सप्लाई किए जाते हैं.
क्या-क्या मिलता है?
सुमन बताती हैं कि हमारे यहां महिलाओं के अधिकांश सामान उपलब्ध हैं, जैसे लेडीज कुर्ता, फ्रॉक, पैंट-प्लाजो समेत कई प्रकार के सामान. कस्टमर अपनी पसंद और बजट के मुताबिक खरीदारी करते हैं. उन्होंने अपने पति के बिजनेस में जुड़कर ये काम सीखा और आज बराबरी से उनका हाथ बंटा रही हैं और बढ़िया मुनाफा भी हो रहा है.
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