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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 2019 में राष्ट्रीय प्रतीकों का गलत इस्तेमाल करने पर दी जाने वाली सजा में बदलाव का सुझाव दिया था।
केंद्र सरकार जल्द ही राष्ट्रीय प्रतीकों के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए भारी जुर्माने समेत जेल की सजा का प्रावधान करने जा रही है।
प्रस्ताव है कि प्रधानमंत्री-राष्ट्रपति के नाम, फोटो और राष्ट्रीय प्रतीकों के दुरुपयोग करने के कानून में सजा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए के जुर्माने और जेल कर दिया जाए।
वहीं, दो अलग-अलग मंत्रालयों के इससे जुड़े दो कानूनों को मिलाकर एक ही मंत्रालय के अधीन एक कड़ा कानून बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
अभी गृह मंत्रालय के तहत द स्टेट एंबलम ऑफ इंडिया (प्रॉह्बिशन ऑफ इंप्रॉपर यूज) एक्ट, 2005 और उद्योग मंत्रालय के तहत द एंबलम एंड नेम्स (प्रॉह्बिशन ऑफ इंप्रॉपर यूज) एक्ट, 1950 लागू है।
सूत्रों के मुताबिक दोनों मंत्रालयों के बीच बातचीत के दौरान यह प्रस्ताव सामने आया था। प्राइवेट फर्म और NGO के नामों में भारत, आयोग, निगम, ब्यूरो जैसे शब्दों के बढ़ते इस्तेमाल के मद्देनजर यह बदलाव किया जा रहा है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 2019 में की थी सिफारिश सबसे पहले उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 2019 में राष्ट्रीय प्रतीकों का गलत इस्तेमाल करने पर दी जाने वाली सजा में बदलाव का सुझाव दिया था।
मंत्रालय ने पहली बार ऐसा करने वाले पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव दिया था। वहीं, दूसरी बार अपराध करने वाले पर 5 लाख रुपए जुर्माना और 6 महीने जेल का सुझाव दिया था।
मंत्रालय ने यह सुझाव गृह मंत्रालय के द स्टेट एंबलम एक्ट के प्रावधानों के आधार पर दिया था। एक्ट में 2 साल की जेल और 5000 रुपए तक के जुर्माने का नियम है।
जबकि उद्योग मंत्रालय के द एंबलम एंड नेम्स एक्ट में 500 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
वहीं, हालिया बातचीत में उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग ने राष्ट्रीय प्रतीकों के गलत इस्तेमाल को डिक्रिमिनलाइज (क्रिमिनल केस न मानना) करते हुए सजा को जुर्माने तक सीमित रखने और जेल की सजा न देने का सुझाव दिया है।
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