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पहली गोली लगते ही जसवंत जमीन पर गिर गया। फिर भी हत्यारा उस पर गोलियां दागता रहा।

ग्वालियर में 7 नवंबर की रात जसवंत गिल उर्फ सोनी सरदार की गोली मारकर हत्या करने वाले खालिस्तानी शूटर नवजोत सिंह और अनमोलप्रीत सिंह की रिमांड आखिरकार पुलिस को मिल गई है। पंजाब पुलिस विशेष सुरक्षा में दोनों शूटर्स को लेकर ग्वालियर के डबरा थाना पहुंची है

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कनाडा और खालिस्तानी कनेक्शन सामने आने के बाद पहले ही ये मामला हाई प्रोफाइल हो गया था। पुलिस एक महीने से इन शूटर्स की मांग कर रही थी, लेकिन अब जाकर रिमांड मिली है। हत्या की सुपारी कनाडा से मृतक के ही रिश्तेदार सतपाल सिंह ने दी थी। हत्या करने वाले शूटर खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के गुर्गे थे, जो हत्या के दो दिन बाद पुलिस के हाथ लगे।

डबरा में जसवंत की हत्या का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था।

7 नवंबर को जसवंत की गोली मारकर हत्या हुई थी सात नवंबर की शाम 7.30 बजे का वक्त था। डबरा में गोपालबाग सिटी निवासी जसवंत सिंह खाना खाकर बाहर टहल रहा था। तभी बाइक पर दो युवक पहुंचे। दोनों ने जसवंत पर ताबड़तोड़ गोली बरसाईं और फरार हो गए। 37 सेकेंड की ये वारदात और आरोपियों का चेहरा वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए।

वारदात के पीछे 8 साल पुरानी बदले की कहानी है। दरअसल, जसवंत ने 5 फरवरी 2016 को अपनी पत्नी के ममेरे भाई ग्वालियर के आदित्यपुरम निवासी सुखविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसने सुखविंदर के पिता राजविंदर और मां बलविंदर कौर को भी गोली मारी थी लेकिन वे बच गए थे। 13 साल की हरमन कौर ने रेफ्रिजरेटर के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई थी।

15 दिन की पैरोल पर जेल से आया था जसवंत सिंह इस वारदात को जसवंत ने अवैध संबंध के संदेह के चलते अंजाम दिया था। इसी मामले में उसे 2018 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। उसे साल में 15–15 दिन की पैरोल मिलती थी। जसवंत 28 अक्टूबर को ही 15 दिन की पैरोल पर घर आया था। हत्या की साजिश उसकी पत्नी के दूसरे ममेरे भाई सतपाल ने रची, जो कनाडा में है। उसने 2.50 लाख रुपए की सुपारी देकर पंजाब के दो शूटर हायर किए थे।

जसवंत की हत्या का मकसद- 8 साल पुराना बदला सतपाल आठ साल पहले हुई अपने भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था। उसने पंजाब में अपनी ससुराल के कनेक्शन पर यहां शूटर्स भेजे और हत्या को अंजाम दिलवाया। इसमें उसकी मदद डबरा के रहने वाले एक दोस्त अजय कुमार ने की थी। अजय सतपाल का बचपन का दोस्त है। इसी ने शूटर्स के लिए होटल में रूम बुकिंग और भागने के लिए कैब हायर की थी।

अजय लगातार सतपाल के संपर्क में था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर आरोपी बनाया था। इस मामले में सतपाल के रिश्तेदार राई मस्तूरा गांव निवासी हरजीते उर्फ जीता सरदार की तलाश है। सुपारी की रकम इसी ने बदमाशों को दी थी।

टेकनपुर में सीसीटीवी कैमरे में दोनों शूटर कैद हुए थे।

ग्वालियर पुलिस ने 24 घंटे में की शूटर्स की पहचान 24 घंटे में पुलिस ने ताबड़तोड़ छानबीन कर पंजाब के रहने वाले शूटर नवजोत सिंह और अनमोलप्रीत सिंह की पहचान कर ली थी। जब इनकी पहचान कनाडा में खालिस्तानी गैंगस्टर अर्श डल्ला के शूटर होने का पता लगा तो यह मामला और भी ज्यादा हाईप्रोफाइल हो गया।

मामले में ग्वालियर पुलिस के इनपुट पर पंजाब पुलिस ने मोहाली बरनाला से दोनों शूटरों को गिरफ्तार किया था। शूटर्स पर पंजाब के फरीदकोट में भी कैशियर की हत्या का आरोप है। अब जाकर ग्वालियर पुलिस को पंजाब पुलिस की कस्टडी से दोनों शूटर्स की पुलिस रिमांड मिली है।

खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला ने दोनों शूटरों से करीब दो महीने पहले भी हत्या कराई थी।

MP पुलिस की पूछताछ के दौरान शूटर उगलेंगे राज अब एमपी पुलिस को खालिस्तानी शूटर नवजाेत और अनमोलप्रीत सिंह की रिमांड मिली है। ऐसे में ग्वालियर पुलिस पूछताछ के जरिए इस सनसनीखेज हत्याकांड की पूरी परतें पलटेगी।

शूटर्स से किसने कॉन्टैक्ट किया? कनाडा से लिंक किसने जोड़ी? कितने रुपए में हत्या की सुपारी मिली थी? कितने रुपए पहले मिले और कितने बाद में मिले? किसने कहां-कहां साथ दिया? हत्या से पहले कैसे आए और कहां रुके? ऐसे तमाम सवालों का जवाब आरोपियों से पूछताछ में मिल सकता है। ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि भी हत्याकांड में कई कड़ियां जुड़ना बाकी है।

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डबरा के रहने वाले जसवंत सिंह की उसी के घर के बाहर 7 नवंबर को हत्या कर दी गई थी।

डबरा के रहने वाले जसवंत सिंह की उसी के घर के बाहर 7 नवंबर को हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद परिवार ने खुलकर पहली बार कनाडा में रहने वाले जसवंत के मामा ससुर राजविंदर सिंह पर सुपारी देकर हत्या कराने का आरोप लगाया है। परिवार के आरोपों के बाद पुलिस इस एंगल पर जांच कर रही है। पढ़ें पूरी खबर…

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