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एसएम कृष्णा ने बेंगलुरु में अपने आवास पर अंतिम सांस ली।
पू्र्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एसएम कृष्णा का सोमवार देर रात करीब 2:30 बजे निधन हो गया। वे 92 साल के थे। कृष्णा ने बेंगलुरु में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उनका पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा था।
वे उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता एमएस कृष्णा 2017 में भाजपा से जुड़ गए थे। 2023 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
उनकी शुरुआती शिक्षा मैसूर में हुई। उन्होंने मैसूर के महाराज कॉलेज से ग्रेजुएट किया। इसके बाद बेंगलुरु के शासकीय लॉ कॉलेज से एलएलबी किया। 29 अप्रैल 1964 को प्रेमा के साथ उनका विवाह हुआ।
कृष्णा पढ़ाई के लिए अमेरिका भी गए। उन्होंने टेक्सास की साउथेन मॉडलिस्ट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट और वॉशिंगटन डीसी की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की।
अमेरिका से लौटने के बाद उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में लॉ की प्रैक्टिस की। इसके कुछ दिन बाद वे राजनीति में आए। वे 1962 में पहली बार कर्नाटक विधानसभा की मद्दूर सीट से निर्दलीय विधायक चुने गए। इसके बाद वे 1968 से मांड्या लोकसभा सीट से चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं बार जीते।
वे इंदिरा गांधी के शासन में कैबिनेट मंत्री और राजीव गांधी के शासन में उद्योग और वित्त राज्यमंत्री रहे। वे 1989 में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बने। 1999 कर्नाटक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने।
कृष्णा 11 अक्टूबर, 1999 से 28 मई, 2004 तक कांग्रेस से कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें आधुनिक कर्नाटक का जनक भी कहा जाता है। वे 1996 और 2006 में राज्यसभा सदस्य रहे थे। इसके बाद दिसंबर, 2004 से मार्च, 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। कृष्णा 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार में विदेश मंत्री रहे।
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