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संसद के शीतकालीन सत्र के 10वें दिन भी अडाणी मुद्दे को लेकर जमकर हंमागा हुआ। इसी बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। विपक्ष के 70 सांसदों ने प्रस्ताव पर दस्तखत करने की बात कही है।
न्यूज एजेंसी PTI के सूत्रों ने बताया कि अगस्त में ही विपक्षी दलों ने आवश्यक हस्ताक्षर जुटा लिए थे, लेकिन उन्होंने धनखड़ को एक और मौका देने का निर्णय लिया था। अब विपक्ष का कहना है कि धनखड़ सदन में निष्पक्षता के साथ काम करते हैं।
संसद के बाहर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा- मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा है।
जिन नियम के तहत मुद्दों को रिजेक्ट कर दिया गया। उस पर हमें बोलने से रोकते हैं, लेकिन सत्ता पक्ष के सांसदों को बोलने दे रहे हैं।
मेरा यह आरोप है कि आज उन्होंने घोर पक्षपाती ढंग से सदन का संचालन किया है। सब जानते हैं कि मोदी सरकार ऐसा प्रयास सिर्फ अडानी को बचाने और मुद्दों को भटकाने के लिए कर रही है।
कांग्रेस सांसद बोले- मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी इतना पक्षपाती सभापति नहीं देखा।
प्रमोद तिवारी बोले- केंद्र सरकार अडाणी को बचा रही है कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहा हूं कि उन्होंने सदन को कमजोर किया है। मैंने आज तक नहीं देखा कि प्रश्नकाल में सरकार के सारे लोग खड़े हो जाएं और जवाब न आने दें। मेरा सवाल लगा हुआ था, लेकिन मुझे सवाल पूछने की इजाजत नहीं मिली।
प्रमोद तिवारी ने आगे कहा;-
भाजपा सरकार अडाणी के पैसे और भ्रष्टाचार में बराबर की भागीदार है। ये नहीं चाहती कि अडाणी का नाम आए, इसलिए सदन को नहीं चलने दे रही।
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