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-सीयूजी नंबरों पर लगाई जागरूक करने वाली कॉलर ट्यून, 1930 हेल्पलाइन नंबर पर करें कॉल

गाजियाबाद। न जान न पहचान पर फिर भी हर कोई एक-दूसरे के लिए काम कर रहा…ऐसा है साइबर लुटेरों का नेटवर्क। कड़ी दर कड़ी जुड़ती जाती है, लेकिन एक दो से ज्यादा को न कोई जानता है न पहचानता है, लेकिन सभी बैंकों में अलग-अलग लोगों का करंट अकाउंट खुलवाते हैं और इसके जरिये एक-दूसरे को फायदा पहुंचाते हैं। यह किसी को नहीं पता होता है कि इस नेटवर्क की शुरुआत कहां से हुई और यह कहां पर खत्म होता है। सबको खाता खुलवाने पर एक निश्चित रकम जरूर मिल जाती है। साइबर क्राइम से लोगों को बचाने के लिए गृहमंत्रालय से लेकर पूरे देश का सुरक्षा तंत्र आमजनों को साइबर क्रिमिनलों के झांसे में ना आने की अपील करने के साथ-साथ साइबर क्राइम के बचाव के उपायों की भी जानकारी दे रहा है।

इस क्रम में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने भी साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता लाने के लिए अपने-अपने सीयूजी नंबरों पर साइबर क्राइम से बचने के उपायों को बताने वाली कॉलर ट्यून लगा ली है। इस कॉलर ट्यून में बताया जा रहा है कि अगर किसी के पास किसी न्यायिक अधिकारी, सीबीआई अफसर, क्राइम ब्रांच अथवा पुलिस अधिकारी बताकर कॉल की जाती है तो ऐसा हो सकता वह कि वो कॉल किसी साइबर क्रिमिनल ने उस व्यक्ति अथवा व्यक्तियों को ठगने के लिए की हो। ऐसी स्थिति में वह व्यक्ति तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके तत्काल पुलिस की सहायता पा सकता है और साइबर क्रिमिनल के फ्रॉड से बच सकता है। बता दें कि पुलिस कमिश्नेरट गाजियाबाद प्रशासन भी पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्रा के निर्देशन व एडीसीपी क्राइम, साइबर क्राइम सच्चिदानन्द बर्नवाल की अगुवाई में जनपद वासियों को विभिन्न माध्यमों एवं संसाधनों से जागरूक कर रही है।

जिससे लोगों को साइबर अपराध के बारे में जागरूक किया जा सकें। क्योंकि साइबर अपराध को रोकने के लिए एकमात्र जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। लोगों में जितनी जागरूकता बढ़ेगी उतना साइबर अपराध पर रोक लगेगी।
साइबर क्राइम सच्चिदानन्द बर्नवाल ने बताया सोशल मीडिया के इस्तेमाल के दौरान सतर्क रहें। फर्जी आईडी के जरिये छात्राओं और महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। अगर आपके साथ ऐसा कुछ भी होता है तो तुरंत पुलिस को बताएं, पहचान गुप्त रखते हुए हुए समाधान का आश्वासन दिया। कोई भी फोन करके कितना भी लालच दे, उसकी बातों में न आएं। जालसाज ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं। जागरूक रहे और किसी को अपने एकाउंट का पासवर्ड न बताएं। साइबर अपराध को लेकर स्वयं के साथ दूसरों को भी जागरूक करें।




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