यहां से ला रही हैं मिट्टी
गंगा के किनारे शास्त्री ब्रिज के नीचे सैकड़ो की संख्या में महिलाएं मिट्टी का चूल्हा बनाते हुए दिख जाएंगी. यह महिलाएं महाकुंभ लगने के लगभग 2 माह पहले से अपने काम में जुट गई हैं. लोकल 18 से बात करते हुए सरिता देवी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष माघ मेले के समय यहां पर हम मिट्टी से चूल्हा बनाते हैं. अबकी बार महाकुंभ लगने जा रहा है. ऐसे में मिट्टी के चूल्हे की डिमांड ज्यादा रहेगी. इसी को देखते हुए हम लोग लगभग 2 माह पहले ही इस काम में जुट गए हैं, जिससे कि आने वाली श्रद्धालुओं को सस्ते दाम पर चूल्हा उपलब्ध कराया जा सकेगा.
गैस सिलेंडर का बनेगा विकल्प
चूल्हा बनाने वाली महिलाओं ने बताया कि करोड़ों श्रद्धालु महाकुंभ में डुबकी लगाने जाएंगे. ऐसे में सभी के पास गैस सिलेंडर नहीं होगा. हमारी मिट्टी के चूल्हे मात्र 30 रुपए में लेकर वह इसके आराम से खाना पकाकर खा सकते हैं. खास बात यह है कि इस चूल्हे को तैयार करने में ये महिलाएं गंगा के किनारे से ही मिट्टी लेकर आती हैं, जिससे एक बार चूल्हा बनाने के बाद दूसरी परत उसे पर गोबर की लगाती हैं, फिर सूखने के बाद अंतिम परत मिट्टी की होती है और उसे सुखा देती हैं. तब जाकर यह चूल्हा तैयार होता है. इस चूहे को बनाने में कुल तीन परत मिट्टी लगाई जाती है.
महाकुंभ में रहती है इसकी डिमांड
सरिता देवी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान मिट्टी के चूल्हे को आने वाले लोग खोजते हैं ,क्योंकि उन लोगों को यहां लकड़ी तो मिल जाती है, लेकिन खाना पकाने के लिए चूल्हा नहीं मिल पाता है. उसे उन्हें बाजार से ही खरीदना पड़ता है. यही वजह है कि प्रत्येक वर्ष संगम पर लगने वाले मेले में लाखों चूल्हे बिक जाते हैं. इस प्रकार इन महिलाओं की रोजी-रोटी का भी जुगाड़ हो जाता है.
Tags: Allahabad news, Local18, Prayagraj News, UP news
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