बजरंग पूनिया और योगेश्वर दत्त।
हरियाणा के पहलवान योगेश्वर दत्त और बजरंग पूनिया राजनीति को लेकर आपस में भिड़ गए। ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के वर्किंग चेयरमैन बजरंग पूनिया ने नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) के 4 साल का बैन लगाने को सरकार की साजिश बताया। इससे भाजपा नेता पहलवान योगेश्वर
उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया राजनीति में आए हैं तो राजनीति करें और खेल को बख्श दें। बजरंग पूनिया भी जवाब देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने योगेश्वर दत्त को जवाब दिया कि राजनीति करेंगे तो अपने दम पर करेंगे, न कि बहन-बेटियों को आगे लाकर राजनीति करेंगे।
पहलवान बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने 6 सितंबर को कांग्रेस जॉइन की थी। जिसके बाद कांग्रेस ने बजरंग को अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था। जबकि विनेश फोगाट को जुलाना से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया था।
सिलसिलेवार ढंग से पूरा मामला पढ़िए…
बजरंग पर NADA ने 4 साल का बैन लगाया करीब 10 दिन पहले NADA ने बजरंग पूनिया पर 4 साल का बैन लगा दिया था। नाडा ने कहा कि बजरंग पूनिया ने डोप का सैंपल नहीं दिया। इसके जवाब में बजरंग ने पहले कहा कि बैन गलत तरीके से लगा है। इतना बैन तो ताकतवर स्टेरॉयड लेने वाले पर लगता है।
बजरंग ने कहा कि यह बैन व्यक्तिगत द्वेष और राजनीतिक साजिश का परिणाम है। मेरे खिलाफ यह कार्रवाई उस आंदोलन का बदला लेने के लिए की गई है, जो हमने महिला पहलवानों के समर्थन में चलाया था। भाजपा सरकार और फेडरेशन ने मुझे फंसाने और मेरे करियर को खत्म करने के लिए यह चाल चली है।
योगेश्वर दत्त ने कहा- खिलाड़ी इनसे दूर रहें, ये अपनी अच्छी-बुरी राजनीति करें इस मामले में योगेश्वर दत्त ने सोनीपत में मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बात थोड़े ही न है कि डोप टेस्ट ही न दे, उससे भागता रहे। वह बात अलग है कि कोर्ट में केस है और कोर्ट फैसला करेगा। ऐसा थोड़े होता है कि जब तक फैसला न आए तो डिफेंस में ही लगे रहो।
अगर राजनीति में है तो राजनीति करे। खिलाड़ियों को बख्शे। खिलाड़ियों को खेल करने दे और यह (बजरंग) राजनीति करे। खेल से दूर रहे। चाहे अच्छी राजनीति करनी हो या बुरी।
बजरंग ने कहा- 2 बार जनता नकार चुकी, अनाप-शनाप न बोलें इस पर बजरंग पूनिया ने सोनीपत में मीडिया से बातचीत कहा कि मैं इन (योगेश्वर दत्त) पर बात नहीं करना चाहता। उनको तो 2 बार जनता ने ही नकार दिया था। मुझे लगता है कि वह TRP लेना चाहते हैं। अगर वह खिलाड़ियों के बारे में बोलें तो लोग उनको देखेंगे। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति करने के लिए आया हूं।
चलो, मैं और विनेश फोगाट तो राजनीति में आए हैं। मगर, जो 6-7 लड़कियों ने FIR दर्ज कराई थी, इन्होंने तो उन पर भी अगुलियां उठा दीं। उन बहनों को भी गलत बता दिया। वह पहले भी किसान और पहलवानों के खिलाफ बोले। उनसे उम्मीद करना बेकार है। मैं यही कहूंगा कि जैसे रेसलिंग में मेहनत की, वैसे ही राजनीति में भी करेंगे। वह अनाप-शनाप न बोलें, अगर खिलाड़ियों से हमदर्दी होती तो जंतर-मंतर पर धरने में साथ होते।
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