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कांग्रेस पार्टी का हाल सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से थोड़ी उम्मीद जगी थी लेकिन उसके बाद के विधानसभा चुनावों में पार्टी लगातार विफल साबित हो रही है. हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और महाराष्ट्र चारों राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में उसकी हालत पतली देखी गई. वह देश के गिने-चुने राज्यों में अपने दम पर सरकार में है. लेकिन वहां भी उसके भीतर का क्लेश थमने का नाम ले रहा है.

कांग्रेस पार्टी इस वक्त देश के तीन राज्यों कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश में अपने दम पर सत्ता में है. इसमें सबसे बड़ा राज्य कर्नाटक है. लेकिन, यहां पार्टी के भीतर ही सिर फुटव्वल हो रहा है. सीएम पद की लड़ाई राज्य दो बड़े नेताओं में जारी है. यह लड़ाई एक बार फिर सामने आ गई है. बुधवार को राज्य के सीएम सिद्दारमैया ने उन बयानों को खारिज कर दिया जिसमें डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था कि पार्टी आलाकमान ने राज्य में पावर शेयरिंग का एक फॉर्मूला तैयार करवाया था. और अब पार्टी हाईकमान राज्य के सीएम पद को लेकर फैसला लेगा.

पावर शेयरिंग पर बवाल
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने ये बाते कही थी. दरअसल, 2023 में कर्नाटक में कांग्रेस की जीत के बाद सीएम पद को लेकर लंबे समय तक विवाद चला था. सिद्दारमैया और डीके शिवकुमार दोनों बड़े दावेदार थे. फिर केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद दोनों के बीच पावर शेयरिंग का फॉर्मूला तय किया गया. डीके शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री के पद के साथ प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद भी दिया गया था. इंटरव्यू में शिवकुमार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि 2023 में नई सरकार के गठन से पहले ही उनके और सिद्दारमैया के बीच सीएम पद को लेकर एक समझौता हुआ था.

लेकिन, अब सिद्दारमैया के बयान के बाद शिवकुमार अपने बयान से पलट गए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान अंतिम है. हम सीएम और पार्टी के प्रति वफादार हैं. शिवकुमार ने आगे कहा कि अब कोई बहस नहीं है. उधर, कर्नाटक में मंत्रिमंडल के विस्तार या उसमें बदलाव के बारे में पूछे जाने पर सिद्दारमैया ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है. मीडिया से सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि यह मेरा विशेषाधिकार है. क्या मैंने आपसे कुछ कहा है? तो फिर क्यों ऐसी बातें कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जो भी फैसला होगा हाईकमान करेगा.

रैली पर बवाल
गुरुवार को हासन में कांग्रेस की एक रैली है. इस रैली के नाम को लेकर भी विवाद है. पहले इस रैली का नाम ‘जन कल्याण समावेश’ था. लेकिन इसका नाम बदल दिया गया है. इस बारे में पूछे जाने पर सिद्दारमैया ने कहा कि उनके समर्थन यह रैली कर रहे हैं. इसका नाम स्वाभिमानी ओक्कुटा रखा गया है. कांग्रेस पार्टी इस रैली का समर्थन कर रही है. वहीं शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह रैली करवा रही है. इस रैली में हर किसी का स्वागत है.

Tags: Congress, DK Shivakumar

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