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16 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष-समाजवादी शब्द हटाने की मांग खारिज की। ऋषभ पंत IPL इतिहास के अब तक के सबसे महंगे प्लेयर बने। दिल्ली में बुजुर्गों की पेंशन फिर से शुरू।
कुछ प्रमुख करेंट अफेयर्स की जानकारी, जो सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण हैं…
नेशनल (NATIONAL)
1. संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ : संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी 25 नवंबर से शुरु हो गया। यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। 26 दिनों तक चलने वाले इस सत्र में 19 बैठकें होंगी। इस सत्र के लिए वक्फ संशोधन बिल समेत 16 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं।
हालांकि 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर संसद की बैठक नहीं होगी। 26 नवंबर, 1949 को संविधान को अपनाया गया था।
- संसद की कार्यसूची में जो 16 विधेयक शामिल किए गए हैं, उनमें 5 नए विधेयक हैं।
- बाकी 11 बिल ऐसे हैं जो पहले से ही लोकसभा या राज्यसभा में पेंडिंग हैं।
- इन लंबित विधेयकों के साथ नए विधेयकों की लिस्ट में सहकारिता विश्वविद्यालय से जुड़ा विधेयक भी है।
- वक्फ बिल और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय की स्थापना से जुड़े विधेयक समेत कुल पांच नए विधेयक चर्चा और पारित करने के लिए पेश किए जाने हैं।
- सत्र के दौरान अनुदान की पूरक मांगों के पहले बैच पर भी चर्चा होगी।
- पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक, मर्चेंट शिपिंग बिल, कोस्टल शिपिंग बिल भी संसद के इस सत्र में पेश किए जाएंगे।
- इन विधेयकों के अलावा आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व का समायोजन करने से संबंधित विधेयक, रेलवे (संशोधन) विधेयक और बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक पहले से ही पेंडिंग हैं।
- इससे पहले, संसद के दोनों सदनों का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करने के संबंध में विचार-विमर्श के लिए नई दिल्ली में 24 नवंबर को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई।
- 30 राजनीतिक दलों के 42 नेताओं ने बैठक में भाग लिया और हर दल के नेता ने अपने सुझाव दिए।
2. सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष-समाजवादी शब्द हटाने की मांग खारिज की : सुप्रीम कोर्ट ने 25 नवंबर को संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को हटाने की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। 22 नवंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था।
इंदिरा गांधी की सरकार में ये शब्द जोड़े गए थे।
- CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कहा- इन शब्दों को संविधान में 42वें संशोधन (1976) के जरिए शामिल किया गया था और ये संविधान के बुनियादी ढांचे का हिस्सा हैं।
- बेंच ने कहा- संविधान में दर्ज ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द भारतीय लोकतंत्र की बुनियादी विशेषताओं को बताते हैं। इन्हें हटाना उचित नहीं है। संविधान को उसके मूल उद्देश्यों से अलग करने का कोई भी प्रयास मंजूर नहीं।
- पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी, वकील विष्णु शंकर जैन और अन्य की दायर याचिकाओं में कहा गया था कि ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्दों को संविधान में शामिल करना गैर जरूरी और अवैध है। ये शब्द लोगों की निजी स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं पर असर डालते हैं।
- दरअसल, संविधान 1949 में अपनाया गया था। तब संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ नहीं थे।
- 1976 में इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान 42वें संविधान संशोधन के तहत संविधान की प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द शामिल किए गए थे।
3. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने ‘अब कोई बहाना नहीं’ कैंपेन का शुभारंभ किया : 25 नवंबर को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने नई दिल्ली में ‘अब कोई बहाना नहीं’ नामक राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए सभी हितधारकों, जैसे कि जनता और सरकार, से सक्रिय कदम उठाने की अपील करना है।
इस पहल के तहत, सरकार लिंग समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और वर्कशॉप का आयोजन करेगी।
- यह अभियान समाज में जागरूकता फैलाने और लोगों को इस गंभीर मुद्दे पर विचार करने के लिए प्रेरित करेगा।
- यह पहल महिला एवं बाल विकास तथा ग्रामीण विकास मंत्रालयों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है।
- इसे संयुक्त राष्ट्र महिला (UN Women) का भी समर्थन प्राप्त है, जो लैंगिक समानता के लिए समर्पित संयुक्त राष्ट्र की संस्था है।
- यह अभियान ‘नई चेतना 3.0 अभियान’ के साथ शुरू किया गया है, ताकि लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए कार्रवाई के आह्वान को व्यापक रूप से फैलाया जा सके।
- वैश्विक स्तर पर, हर साल महिलाओं के खिलाफ हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस यानी 25 नवंबर से मानवाधिकार दिवस यानी 10 दिसंबर तक लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 16 दिनों का सक्रियता अभियान मनाया जाता है।
- #अबकोईबहानानहीं पर एक फिल्म भी रिलीज की गई, जिसमें लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने के लिए हर एक नागरिक सहित सभी हितधारकों की जवाबदेही की आवश्यकता को दर्शाया गया है।
समिट (SUMMIT)
4. पीएम मोदी ने ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता गठबंधन’ (ICA) के वैश्विक सहकारिता सम्मेलन का उद्घाटन किया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारिता गठबंधन’ (ICA) के वैश्विक सहकारिता सम्मेलन का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन 25 से 30 नवंबर 2024 तक आयोजित होगा और इसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य सहकारिता के माध्यम से सभी की समृद्धि को बढ़ावा देना है।
- उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।
- भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय और अंतरराष्ट्रीय सहकारी गठबंधन के सहयोग से यह आयोजन हो रहा है।
- कार्यक्रम का मुख्य विषय “सहकारिता से सभी की समृद्धि का निर्माण” रखा गया है, जिसमें नीति, उद्यमशीलता, और नेतृत्व पर चर्चा की जाएगी।
- इस सम्मेलन में रोशडेल पायनियर्स अवार्ड 2025 भी दिया जाएगा, जो सहकारी समितियों के विकास में योगदान देने वाले व्यक्तियों या संगठनों को सम्मानित करेगा। इफको लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय किसानों और सहकारी समितियों के उत्पादों को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करना है।
स्टेट इन न्यूज (STATE IN NEWS)
5. दिल्ली में बुजुर्गों की पेंशन फिर से शुरू : दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले AAP सरकार ने 25 नवंबर को बुजुर्गों की पेंशन स्कीम को दोबारा शुरू करने का ऐलान किया। स्कीम में 80 हजार नए बुजुर्गों को और जोड़ा गया है। पहले 4.50 लोगों को इस स्कीम का फायदा मिलता था। अब 5.3 लाख बुजुर्ग इस स्कीम के दायरे में आएंगे।
दिल्ली सरकार ने पेंशन के वास्ते आवेदन करने वाले बुजुर्गों के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की।
- 60 से 69 साल तक के बुजुर्गों को हर महीने 2000 रुपए दिए जाएंगे।
- वहीं, 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को 2500 रुपए महीना मिलेगा।
- दिल्ली विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 23 फरवरी 2025 को खत्म हो रहा है। अगले दो महीने में चुनाव हो सकते हैं।
- पिछला विधानसभा चुनाव फरवरी 2020 में हुआ था, जिसमें आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 70 में से 62 सीटें जीती थीं।
स्पोर्ट (SPORT)
6. ऋषभ पंत IPL इतिहास के अब तक के सबसे महंगे प्लेयर बने : इंडियन प्रीमियर लीग 2025 का मेगा ऑक्शन 24 नवंबर से सऊदी अरब के जेद्दा में जारी है। कुल 577 खिलाड़ियों के लिए बोली लगाई जा रही है। पहले दिन रविवार को 72 खिलाड़ी बिके और इसमें टीम इंडिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत छाए रहे। पंत आईपीएल इतिहास के अब तक के सबसे महंगे प्लेयर बन चुके हैं।
आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन के पहले दिन लखनऊ सुपर जायंट्स ने ऋषभ पंत को 27 करोड़ रुपये करोड़ रुपये की बोली लगाकर खरीदा और उन्हें सबसे महंगा खिलाड़ी बना दिया।
- पंत के बाद दूसरे सबसे महंगे प्लेयर श्रेयस अय्यर बने, उन्हें 26.75 करोड़ रुपए में पंजाब ने खरीदा।
- पिछले सीजन में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) को चैंपियन बनाने वाले श्रेयस अय्यर को पंजाब किंग्स ने 26.75 करोड़ में खरीदा।
- ऑक्शन के 5 सबसे महंगे खिलाड़ी भारतीय ही रहे।
- वेंकटेश अय्यर तीसरे सबसे महंगे भारतीय बन गए हैं। उन्हें कोलकाता ने 23.75 करोड़ में खरीदा।
- युजवेंद्र चहल IPL हिस्ट्री के सबसे महंगे स्पिनर हैं। उन्हें युजवेंद्र को पंजाब किंग्स ने 18 करोड़ में खरीदा।
आज का इतिहास (TODAY’S HISTORY)
25 नवंबर का इतिहास : 1867 में आज ही के दिन अल्फ्रेड नोबल ने ‘डायनामाइट’ का पेटेंट कराया था। डायनामाइट को बारूद भी कहते हैं। डाइनामाइट के अलावा अल्फ्रेड के नाम पर आज 355 पेटेंट हैं। अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर हर साल शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। इसी डायनामाइट ने नोबेल को मशहूर किया और इसी की वजह से उन्होंने शांति का रास्ता चुना। 21 अक्टूबर 1833 को स्वीडन में अल्फ्रेड नोबेल का जन्म हुआ था। 1888 में अल्फ्रेड के भाई लुदविग की मौत हो गई। तब एक फ्रेंच अखबार ने अनजाने में छाप दिया कि अल्फ्रेड नोबेल का निधन हो गया। इसके साथ अखबार ने उनकी कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें ‘Merchant Of Death’ यानी ‘मौत का सौदागर’ बताया।
इसी बात ने अल्फ्रेड को परेशान कर दिया और वो शांति के काम में लग गए। इस घटना के 8 साल बाद जब 10 दिसंबर, 1896 को अल्फ्रेड का निधन हुआ तो दुनिया यह जानकर हैरान रह गई कि उन्होंने अपनी चल-अचल संपत्ति का 94 प्रतिशत भाग उन व्यक्तियों को पुरस्कृत करने के लिए रख दिया, जिन्होंने शांति, भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा और साहित्य के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ काम किया हो।
10 दिसंबर 1901 से शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिए जाने की परंपरा शुरू हुई।
- 2002 में लुसियो गुटेरेज इक्वाडोर के राष्ट्रपति बने थे।
- 1987 में परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक मेजर रामास्वामी परमेश्वरन का निधन हुआ था।
- 1984 में भारत के 5वें उप-प्रधानमंत्री और महाराष्ट्र के प्रथम मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण का निधन हुआ था।
- 1982 में भारत की प्रसिद्ध महिला क्रिकेटर झूलन गोस्वामी का जन्म हुआ था।
- 1965 में फ्रांस ने अपना पहला सैटेलाइट लांच किया था।
- 1960 में टेलीफोन की STD सुविधा का पहली बार कानपुर और लखनऊ के बीच प्रयोग किया गया था।
- 1941 में लेबनान को फ्रांस से आजादी मिली थी।
- 1867 में अल्फ्रेड नोबल ने डायनामाइट का पेटेंट कराया था।
- 1866 में इलाहाबाद हाई कोर्ट का उद्घाटन हुआ था।
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