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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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दिल्ली में प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए उठाए गए कदम को लेकर आपत्ती जताई है।

जस्टिस अभय एस ओका ने दिल्ली सरकार से पूछा- ट्रकों और सामान लेकर जा रहे वाहनों की एंट्री कैसे बंद की है। इसके जवाब में वरिष्ठ वकील गोपाल शंकर नारायणन ने कहा- हमने कुछ रिपोर्ट और स्टडी सबमिट की है, जिनमें जिक्र है कि किस तरह ये ट्रक घूस देकर शहर में घुसने का रास्ता निकाल रहे हैं।

नारायणन ने कहा कि 113 एंट्री पॉइंट्स पर हमने प्रतिबंध लगा रखा है और निश्चित किया है कि वाहनों की एंट्री न हो।

इसके बाद जस्टिस ओका ने कहा- 113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 CCTV क्यों हैं। केंद्र सरकार इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे। एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं। इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे।

याचिका में मांग- बढ़ता प्रदूषण रोका जाए यह मामला एमिकस क्यूरी (न्याय मित्र) सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह की अपील पर लिस्ट किया गया है। जिन्होंने दिल्ली में मौजूदा स्थिति को देखते हुए तत्काल सुनवाई की मांग रखी थी।

14 नवंबर को एमिकस क्यूरी ने कहा था- प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ भी नहीं किया, हालात गंभीर हैं। दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनना चाहिए।

मामला दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के प्रबंधन से भी जुड़ा है, जिसे एमसी मेहता ने दायर किया है। इसमें NCR राज्यों में वाहनों से होने वाले प्रदूषण, इसका मैनेजमेंट और पराली जलाने जैसे मुद्दों को रखा गया है।

पिछली सुनवाई और कोर्ट के 4 बयान…

  • 18 नवंबर: 12वीं तक के क्लासेस ऑनलाइन करें सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 10वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कर दिए हैं। 11वीं और 12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग है क्या। इसके बेंच ने दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया था कि AQI का स्तर नीचे लाने के लिए GRAP स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंधों को लागू किया जाए।
  • 14 नवंबर : खतरनाक हालत में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से पूछा था कि एयर क्वालिटी के सीवियर कैटेगरी में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए। दरअसल एमिकस क्यूरी ने कहा था- CAQM को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि उन्होंने AQI को खराब होने देने से पहले GRAP-3 को क्यों नहीं लागू किया।
  • 11 नवंबर: कोई धर्म प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधि का समर्थक नहीं, स्वच्छ हवा मौलिक अधिकार दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन के आदेश के उल्लंघन पर कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। दिल्ली सरकार दो हफ्तों में यह तय करे कि पटाखा बैन को पूरे साल के लिए बढ़ाया जाए या नहीं। कोर्ट ने कहा- स्वच्छ वातावरण में रहना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
  • 4 नवंबर: कुछ ऐसा करना होगा जिससे अगले साल भी पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन न हो बेंच ने कहा कि हमें कुछ ऐसे कदम उठाने होंंगे, जिससे अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। बेंच ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कैंपस सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

AQI 400 के पार पहुंचने पर GRAP लगाया जाता है हवा के प्रदूषण स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।

ग्रेप के स्टेज

  • स्टेज I ‘खराब’ (AQI 201-300)
  • स्टेज II ‘बहुत खराब’ (AQI 301-400)
  • स्टेज III’गंभीर’ (AQI 401-450)
  • स्टेज IV ‘गंभीर प्लस’ (AQI >450)

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पूर्व CJI ने वायु प्रदूषण के चलते मॉर्निंग वॉक बंद की; कहा था- खराब हवा में सांस लेने डॉक्टर ने मना किया

पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते उन्होंने मॉर्निंग वॉक पर जाना बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि उनके डॉक्टर ने उन्हें सुबह की सैर पर जाने को मना किया है, क्योंकि खराब हवा के चलते सांस संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। पढ़ें पूरी खबर…

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