-अवैध शराब के साथ शराब विक्रेताओं पर नकेल कसने के लिए आबकारी विभाग की टीम ने मारा छापा
-दुकान पर रखें स्टॉक रजिस्टर और यूपीआई आईडी/क्यूआर कोड की हुई जांच, ऑनलाइन पेमेंट की दी हिदायत
-सार्वजनिक स्थान पर शराब का सेवन करने वाले शौकीनों की सुरक्षा में उतरी टीम
उदय भूमि
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में अवैध शराब के कारोबार पर अकुंश लगाने के बाद अब शराब विक्रेताओं पर आबकारी विभाग ने अपना शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। जिसके लिए आबकारी विभाग की टीमें दिन रात शराब की दुकानों पर चेकिंग की जा रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश की सभी दुकानों पर पॉश मशीन का प्रयोग करने और डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए आदेश पारित किया था। जिसमें सभी शराब की दुकानों को यूपीआई आईडी/क्यूआर कोड से ग्राहकों को भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। आदेश का सख्ती से पालन कराने के लिए आबकारी विभाग की टीमें दुकानों पर पहुंच कर वहां रखे स्टॉक और यूपीआई आईडी/क्यूआर कोड की जांच कर रही है। शराब की दुकानों पर लाइसेंस, स्टॉक रजिस्टर और बोतलों के बार कोड भी चेक किए। इन सबके बीच में अवैध शराब की तलाश में चेकिंग के साथ छापेमारी की कार्रवाई भी तेज हो गई है। बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी को रोकने के लिए आबकारी विभाग की टीम राजमार्ग, राष्ट्रीय मार्ग के साथ चेक पोस्ट और हाइवे पर आने-जाने वाले सभी वाहनों को रोक कर चेकिंग कर रही है।
शराब तस्करों के साथ विक्रेताओं में भी आबकारी अधिकारी का खौफ इस कदर दिखाई दे रहा है कि शराब विक्रेता भी दुकानों पर आने वाले ग्राहकों से विनम्र व्यवहार करते दिखाई दे रहे है। आबकारी अधिकारी ने आम जन की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक स्थान पर शराब पीने वालों के लिए विशेष अभियान चलाया है। अभियान के तहत आबकारी विभाग की टीमें अपील भी कर रही है कि खुले में शराब का सेवन करें। इसके अलावा लखनऊ की सभी दुकानों पर भी बोर्ड लगा दिए गए है। जिसमें साफ-साफ लिखा गया है कि खुले में शराब का सेवन और शराब पीकर गाड़ी चलाना दंडनीय अपराध है। शराब के नशे में गाड़ी चलाने से दुर्घटनाएं होती हैं क्योंकि शराब के कारण मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है। शराब के कारण सोच, तर्क और मांसपेशियों का समन्वय बिगड़ सकता है, जो मोटर वाहन को सुरक्षित रूप से चलाने के लिए आवश्यक है। इस तरह के कार्य से शौकीन खुद के साथ दुसरों की जान के साथ भी खिलवाड़ करते नजर आते है। इन्हीं हादसों को रोकने के लिए आबकारी विभाग आमजन की सुरक्षा के लिए अभियान के रुप में अपील करता नजर आता है। हालांकि आबकारी अधिकारी अभी तक शराब माफिया के कई सिंडिकेट को ध्वस्त कर चुके है। अगर बात की जाए जिले में शराब तस्करी की तो पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अवैध शराब के कारोबार को रोक पाने काफी हद तक आबकारी विभाग ने सफलता हासिल की है।
जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया शराब तस्करों से निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत शुक्रवार को सघन चेकिंग अभियान चलाया गया। शनिवार को आबकारी निरीक्षक कृति प्रकाश पाण्डेय, रिचा सिंह, राहुल सिंह, शिखर, विजय शुक्ला, विवेक सिंह, रजनीश प्रताप सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, अभिषेक सिंह, विजय राठी, सुभाष चन्द्र, अरविंद बघेल, कौशलेन्द्र रावत, लक्ष्मी शंकर वाजपेयी की टीम द्वारा लगातार चेकिंग एवं छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। लखनऊ- आगरा एक्सप्रेसवे एवं अन्य लिंक मार्गो पर संदिग्ध ट्रकों, टैंकरों और अन्य भारी वाहनों एवं आसपास के ढाबों की चेकिंग की गई। वहां संदिग्ध वाहनों एवं व्यक्तियों को रोककर सघन तलाशी ली गई। उनका कहना है कि सभी जरूरी स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया गया। शराब तस्करों से निपटने के लिए यह कवायद की गई है। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। इसके अलावा शराब तस्करों के संभावित ठिकानों पर भी छापेमार कार्रवाई की जा रही है, जो कि लगातार जारी रहेगी।
इसके अलावा गुडंबा, जानकीपुरम, आलमबाग, ठाकुरगंज आदि क्षेत्रों में मदिरा दुकानों की चेकिंग की गई। इस दौरान दुकानों को लाइसेंस शर्तों के अनुसार संचालित करने एवं निर्धारित मूल्य पर मदिरा की बिक्री करने का निर्देश दिए गए। साथ ही शराब विक्रेताओं को शराब की बोतल को पॉश मशीन से स्कैन कर शराब बिक्री करने और ऑनलाइन पेमेंट लेने के सख्त निर्देश दिए गए। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया अवैध शराब की बिक्री रोकने और वैध शराब की बिक्री सुनिश्चित कर राजस्व बढ़ाने के लिए इस तरह की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। आबकारी निरीक्षकों को लगातार हाईवे, ढाबा, औद्योगिक क्षेत्र एवं खादर क्षेत्रों में चेकिंग करने के सख्त निर्देश दिए गऐ है। ढाबा संचालकों को किसी भी हालत में अवैध रूप से अवैध शराब की बिक्री न करने की चेतावनी दी गई है। अवैध शराब की बिक्री मिलने पर संबधित ढाबा मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शादी पार्टी मे बार लाइसेंस नहीं लिया तो होगी कार्रवाई
त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद शादी सीजन में अवैध रुप से बिना लाइसेंस के शराब पिलाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए आबकारी विभाग की टीमें मैरिज हाल, शादी कार्यक्रम कराने वाले होटल, बरात घरों की जांच कर रही है। साथ ही संचालकों को भी सख्त हिदायत दी जा रही है कि बिना लाइसेंस के किसी भी प्रकार शराब पार्टी का आयोजन नहीं होना चाहिए। शादी पार्टियों में बिना आइसेंस शराब पार्टी का आयोजन किया, तो कार्रवाई की जायेगी। शादी के सीजन में बिना आइसेंस शराब पार्टी करने को लेकर आबकारी महकमा सख्त हो गया है। जिसके चलते पैनी नजर रखने व कार्रवाई करने के लिए 15 टीम का गठन किया गया है। जिले में देवोत्थान एकादशी से शादियों का सीजन शुरु हो चुका है। शादी पार्टी व अन्य कार्यकमी के दौरान शराब परोसना आम बात हो चुकी है। शादी व अन्य कार्यक्रमों में शराब पार्टी का आयोजन होता है। इसके लिए एक दिन का लाइसेंस बनवाना जरूरी होता है।
शादी व अन्य कार्यक्रम में शराब पिलाने को एक दिन का लाइसेंस लेने के लिए 11 हजार रुपये का शुल्क देना होगा। एक दिन का लाइसेंस मिलने पर आबकारी विभाग के माध्यम से या अपने से भी शराब खरीदकर पिला सकता है। परमिशन भी सिर्फ उत्तर प्रदेश शराब की रहेगी। ऐसा न हो कि आबकारी विभाग से लाइसेंस लेने के बाद बाहरी राज्यों की शराब परोसी जाए। इस प्रकार की सख्ती होने पर शादी में शराब पीकर हुड़दंग करने वालों पर भी अंकुश लगेगा। शादी के बाद देर रात होने वाले सड़क हादसों में भी कमी आएगी। ऑकेजनल बार लाइसेंस (एफएल-11) प्राप्त करने के लिए आबकारी विभाग की वेबसाइट पर किया जा सकता है। इसके अलावा यही नियम ढाबों पर भी लागू होगा। पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई और जुर्माना दोनों किया जाएगा।
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