मरीजों में तेजी से बढ़ता है संक्रमण
– फोटो : adobe photo
विस्तार
खांसी-जुकाम जैसे सामान्य रोगों में भी एंटीबॉयोटिक का बेवजह इस्तेमाल निमोनिया को गंभीर बना रहा है। ऐसे मरीजों में धीरे-धीरे एंटीबॉयोटिक दवाओं का असर होना कम या बंद हो जाता है। ऐसे में रोग गंभीर हो सकता है और मरीज आईसीयू या वेंटिलेटर तक पहुंच जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि निमोनिया एक श्वसन संक्रमण है जो बैक्टीरिया, वायरस या अन्य सूक्ष्मजीवों के कारण होता है। जबकि एंटीबॉयोटिक केवल बैक्टीरियल संक्रमणों के खिलाफ प्रभावी होते हैं। इनका वायरल निमोनिया या अन्य प्रकार के संक्रमणों के इलाज में कोई लाभ नहीं होता, लेकिन देखा गया है कि मरीज बेवजह एंटीबॉयोटिक इस्तेमाल करते हैं।
ऐसे मरीजों में बैक्टीरिया के खिलाफ दवाओं की प्रभावशीलता कम होने लगती है और दवाओं का असर नहीं हो पाता। वहीं दूसरा अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान संक्रमण से होने वाला निमानिया मरीज की स्थिति गंभीर बना देता है। कई बार मरीज आईसीयू या वेंटिलेटर तक पहुंच जाता है। ऐसे मरीजों में मौत तक हो सकती है।
निमोनिया की रोकथाम में वैक्सीन असरदार
निमोनिया की रोकथाम में वैक्सीन काफी असरदार है। ऐसे में बारिश का मौसम शुरू होने पर और सर्दी खत्म होने तक बुजुर्ग, बच्चे और गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों को डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन लगाने की सलाह दी जाती है। मरीज की उम्र, रोग की प्रभाविता, रोग की गंभीरता व अन्य के आधार पर वैक्सीन लगाया जाता है।
आईसीयू और वेंटिलेटर में संक्रमण रोकने पर काम कर रहा एम्स
आईसीयू और वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों में संक्रमण को रोकने के लिए एम्स बड़े स्तर पर काम कर रहा है। इसमें कृत्रिम बुद्धिमता का भी सहारा लिया जा रहा है। साथ ही शोध भी किए जा रहे हैं। डॉक्टरों की माने तो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने ड्रॉप नीचे गिरते हैं। इसके कारण संक्रमण दूसरे तक पहुंच जाता है। यदि आईसीयू व वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज को संक्रमण होता है तो यह मरीज को गंभीर बना देता है।
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
———-
🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||