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-उच्च शिक्षा मंत्री ने भारत शिक्षा एक्सपो 2024 के पहले संस्करण का किया उद्घाटन
-प्राचीन काल में नालंदा व तक्षशिला की तरह ग्रेटर अब नोएडा बन गया आधुनिक शिक्षा का केंद्र: योगेंद्र उपाध्याय

उदय भूमि
ग्रेटर नोएडा। भारत शिक्षा एक्सपो शिक्षा क्षेत्र का एक भव्य संगम है और छात्रों, विद्वानों और शिक्षा पेशेवरों के लिए एक तीर्थस्थल से कम नहीं है। यह बातें सोमवार को उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने भारत शिक्षा एक्सपो 2024 के पहले संस्करण का उद्घाटन के दौरान कहीं। इस दौरान मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार धीरेंद्र पाल सिंह, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अतिरिक्त सीईओ प्रेरणा सिंह, उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सिपु गिरी, नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के परियोजना निदेशक रोहित गुप्ता, भारत शिक्षा एक्सपो के अध्यक्ष, हरिवंश चतुर्वेदी और इंडिया एक्सपोजिशन मार्ट लिमिटेड के चेयरमैन, डॉ राकेश कुमार भी उपस्थित थे। इस आयोजन ने भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है। उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (जीएनआईडीए) द्वारा समर्थित, यह तीन दिवसीय आयोजन (11-13 नवम्बर) भारत में शिक्षा क्षेत्र के भविष्य के बारे में जानने के लिए एक सशक्त मंच है।

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से ग्रेटर नोएडा, आधुनिक शिक्षा का केंद्र बन गया है जैसे प्राचीन काल में नालंदा और तक्षशिला थे, जहां दुनिया भर के छात्र ज्ञान प्राप्त करने आते थे। भारत शिक्षा एक्सपो 2024 इंडिया एक्सपो सेंटर और मार्ट द्वारा आयोजित किया गया है और यह नई शिक्षा नीति के मूल सिद्धांतों को प्रदर्शित करने की एक सराहनीय पहल है। उन्होंने कहा, यह समग्र और बहु-विषयी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उच्च शिक्षा मंत्री ने भारत शिक्षा एक्सपो 2024 के उद्घाटन कार्यक्रम में उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 का भी शुभारंभ किया और कहा कि यह नीति उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता, नवाचार, और समावेशन के नए युग का मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने निजी क्षेत्र के निवेश को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए निवेश आवश्यक है और उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 में निवेशकों के लिए लाभकारी प्रावधानों के साथ एक सहयोगी परिवेश बनाने के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं।

मुख्यमंत्री के शिक्षा सलाहकार और पूर्व यूजीसी चेयरमैन धीरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि अब उत्तर प्रदेश शिक्षा के मामले में एक अग्रणी राज्य बन गया है और जल्द ही सर्वश्रेष्ठ बनने की ओर है। यह राज्य एक युवा प्रदेश के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पहले विदेशी संस्थान उत्तर प्रदेश में निवेश करने से हिचकते थे, लेकिन अब यहाँ निवेश का माहौल बदला है, हमारे दूरदर्शी मुख्यमंत्री के गतिशील नेतृत्व में विशेषकर शिक्षा विभाग में विभिन्न सकारात्मक बदलावों को देखा जा सकता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की अतिरिक्त सीईओ प्रेरणा सिंह ने छात्रों को अपने करियर में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ शैक्षिक विकल्पों की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि भारत शिक्षा एक्सपो का यह पहला संस्करण होने के बावजूद इतने बड़ा और सफल तरीके से हुआ है। इस दौरान उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव सिपु गिरी ने उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति 2024 पर एक विशेष प्रस्तुति दी और इसके लाभों के बारे में जानकारी दी।

वहीं नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के परियोजना निदेशक रोहित गुप्ता ने अटल टिंकरिंग लैब और बच्चों को आलोचनात्मक सोच, डिजाइन थिंकिंग और नवाचार के प्रति प्रोत्साहित करने की अपनी कोशिशों का संक्षिप्त विवरण दिया। आईईएमएल के चेयरमैन डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि भारत शिक्षा एक्सपो 2024 युवाओं को नवीनतम शिक्षा प्रवृत्तियों से अवगत कराने के लिए एक आंदोलन जैसा है, जो उन्हें विविध क्षेत्रों में उभरते अवसरों का अनुभव प्रदान करता है। भारत शिक्षा एक्सपो 2024 एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य उद्योग-शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसरों का निर्माण करना, और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिवर्तनकारी उद्देश्यों को साकार करना है।

भारत शिक्षा एक्सपो 2024 में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के चांसलर, उपकुलपति, संस्थानों के प्रमुख, प्रतिष्ठित शिक्षाविद, शिक्षाशास्त्री और उद्योग के दिग्गज एकत्रित हो रहे हैं। इनमें गलगोटिया यूनिवर्सिटी, शारदा यूनिवर्सिटी, जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी, जीएलए यूनिवर्सिटी, एसआरएम यूनिवर्सिटी, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ का रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय और उत्तराखंड का माइंड पावर यूनिवर्सिटी शामिल हैं। इसके अलावा कनाडा का नॉर्थ आइलैंड कॉलेज भी अंतरराष्ट्रीय भागीदार के रूप में सम्मिलित हुआ है।

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