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लोनी की हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है, जहां गुरुवार को एक्यूआई 402 दर्ज किया गया। जिले की हवा भी रेड जोन में है, जिससे प्रदूषण का स्तर सुधारने के बजाय बढ़ रहा है। दिनभर आसमान में धुंध छाई रही, जिससे लोगों को गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन हो रही है। हवा बीते छह दिन से बेहद खराब श्रेणी में थी। लोनी की हवा बीते छह दिन से बेहद खराब श्रेणी में थी, लेकिन पिछले दो दिन से जिले का एक्यूआई खराब श्रेणी में बना हुआ था। मंगलवार को यह 268 और बुधवार को 281 था, जबकि सोमवार को 314 दर्ज किया गया था। अब हवा फिर से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। लोग संबंधित विभागों से प्रदूषण का स्तर कम होने की उम्मीद लगाए बैठे थे।   प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) के दूसरे चरण की पाबंदियां लागू हैं। ग्रेप के पहले चरण की पाबंदी 15 अक्टूबर और दूसरे चरण की पाबंदी 22 अक्टूबर से लागू हुई थीं। लोगों का मानना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो हवा गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है, जिससे ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदियां भी लागू हो जाएंगी और स्थिति और भी खराब हो जाएगी।   जिले में लोनी के बाद वसुंधरा क्षेत्र का वायु गुणवत्ता सूचकांक सबसे अधिक है, जहां एक्यूआई 338 दर्ज किया गया। लोनी में प्रदूषण के मुख्य कारणों में अवैध फैक्ट्रियों का संचालन, ई-वेस्ट जलाकर धातु निकालना, जगह-जगह टूटी सड़कें, निर्माण गतिविधियों से उड़ी धूल, खुले में निर्माण सामग्री बेचना और पुराने वाहनों का संचालन शामिल हैं।   ———- 🔸 स्थानीय सूचनाओं के लिए यहाँ क्लिक कर हमारा यह व्हाट्सएप चैनल जॉइन करें।