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-जिला प्रशासन व जिला गंगा संरक्षण समिति द्वारा गंगा उत्सव का आयोजन

गाजियाबाद। जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि हिंडन नदी को स्वच्छ बनाने के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण,जल नदी आदि की सुरक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। किसी भी वस्तु का उपयोग आवश्यकतानुसार किया जाना चाहिए। सोमवार को लोहिया नगर स्थित हिंदी भवन में गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी घोषित किए जाने के उपरान्त नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन एवं जिला गंगा संरक्षण समिति द्वारा गंगा उत्सव-2024 कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में चित्रकला व पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने द्वीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिलाधिकारी, जिला वानिकी अधिकारी ईशा तिवारी, सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन ललित जायसवाल का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। जिलाधिकारी ने सर्वप्रथम पुराणों के अनुसार मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण की संक्षिप्त कथा सभी को सुनाई। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा जरूरत के अनुसार ही किसी भी चीज का उपयोग,प्रयोग करना चाहिए। जरूरत से ज्यादा करने पर वह हम सभी के लिए नुकसानदायक है।

पहले लोग तालाब, नदी आदि जगहों पर स्नान करते थे। लेकिन धीरे-धीरे लोग अपने घरों में आ गए। क्योंकि कुछ लोगों की गलत आदतों के कारण तालाब, नदी गंदे हो गए है,इस कारण वहां स्नान कर पाना मुश्किल है। वर्तमान में हम लोग घरों में भी सावर (फव्वारा), बाथटब आदि या अत्यधिक पानी का उपयोग कर नहाते एवं अन्य कार्य करते है। इसी प्रकार जल का दुरुपयोग होता रहा तो आने वाले समय में अपने बच्चों के लिए पानी सिर्फ पीने लायक ही बचेगा। ऐसे में जल का कम से कम या आवश्यकतानुसार ही उपयोग करें। यदि कोई व्यक्ति सोचता है कि उसके करने से क्या होगा,तो यह गलत सोच है। उसकी देखादेखी और भी करेंगे। इसलिए पर आप सुधरों तभी तुम्हें देख जग सुधरेगा। हमें पर्यावरण सहित अन्य जागरूकता के कार्यों को जमीनी स्तर पर जरूर करना चाहिए। जिलाधिकारी ने अनेक प्रकार से सभी को पर्यावरण,जल,नदी आदि के बारे में जागरूक करने के लिए अनेक प्रकार के विशेष बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम सभी को 10-10 लोगों को उक्त सभी विषयों पर जागरूक करना चाहिए। यदि हम सभी लोग जागरूक हो जाएंगे तो वह दिन दूर नहीं कि हमारी धरती स्वर्ग से भी सुंदर हो जाएगी।

जिलाधिकारी के संबोधन के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमेंं विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने गणेश वंदना,गंगा मैया पर अनेक प्रकार के गीत,भजन का गुणगान कर सांस्कृतिक नृत्य भी प्रस्तुत किया। जिलाधिकारी ने सभी प्रतियोगियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्हें आने वाले मतदान दिवस पर मतदान करने एवं कराने कराने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में गंगा समिति के सदस्य सत्येंद्र सिंह, जिला प्रशासन,शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थी, अभिभावक एवं अध्यापक उपस्थित रहे। गंगा संरक्षण समिति के सदस्य सत्येंद्र सिंह ने कहा कि एक स्वच्छ हिंडन नदी के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक है। हिंडन नदी गाजियाबाद समेत कई जिलों से होकर बहती है। नदी वर्तमान में गंभीर प्रदूषण का सामना कर रही है। नदियों का संरक्षण न केवल पर्यावरणीय आवश्यकता है बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक उत्तरदायित्व भी है।

1-जागरूकता अभियान: समिति ने हिंडन महोत्सव के माध्यम से स्थानीय स्कूलों में जाकर जागरूकता फैलाने का कार्य किया है। छात्रों को नदी की मौजूदा स्थिति और इसे प्रदूषण मुक्त बनाने के महत्व के बारे में बताया जाता है। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों के माध्यम से उनके परिवारों और समुदाय में भी यह संदेश पहुँचाना है।
2-पेंटिंग प्रतियोगिताएं: महोत्सव में बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जहां वे अपनी रचनात्मकता से नदी संरक्षण का संदेश देते हैं। ये प्रतियोगिताएं न केवल बच्चों में जागरूकता फैलाने में मददगार हैं, बल्कि उनके चित्रों के माध्यम से समाज को भी एक सकारात्मक संदेश मिलता है।
3-सांस्कृतिक कार्यक्रम: बच्चों और स्थानीय कलाकारों के नाटक, गीत, नृत्य और कविताओं के माध्यम से नदी संरक्षण का संदेश दिया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम आम जनता को मनोरंजक तरीके से जोड़ने और संदेश को गहराई तक पहुँचाने का प्रभावी माध्यम है।

प्रदूषण नियंत्रण के अन्य उपाय
हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए अन्य उपायों में कारखानों के दूषित जल का प्रवाह रोकना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, और वृक्षारोपण शामिल हैं।
1-कारखानों का दूषित जल: हिंडन में प्रदूषण का एक बड़ा कारण कारखानों का दूषित जल है। इसके लिए सरकार और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सख्त नियम लागू करने चाहिए और सभी कारखानों को जल शोधन संयंत्र स्थापित करने के निर्देश देने चाहिए। इस पानी के शोधन और प्रबंधन के लिए प्रभावी कदम उठाना जरूरी है, ताकि नदी में बिना शोधन के कोई भी दूषित जल न जाए।
2-रेन वाटर हार्वेस्टिंग: वर्षा जल संचयन से भूजल स्तर में सुधार होता है और पानी की उपलब्धता बढ़ती है। लोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग की प्रणाली स्थापित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए, ताकि वे जल संरक्षण में योगदान दे सकें।
3-वृक्षारोपण। हिंडन के किनारों पर वृक्षारोपण से मिट्टी का कटाव रुकता है और प्रदूषण का प्रभाव भी कम होता है। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करते हैं और वातावरण को शुद्ध करते हैं। इस उद्देश्य के लिए वृक्षारोपण अभियान चलाना और स्कूलों एवं गैर-सरकारी संगठनों को इसमें शामिल करना आवश्यक है।

कैसे बढ़ाए जन जागरूकता
1-सोशल मीडिया अभियान: सोशल मीडिया के जरिए व्यापक जनसमूह तक पहुंचा जा सकता है। हिंडन की स्थिति, उसके संरक्षण के उपायों और समाज के योगदान पर आधारित वीडियो, ग्राफिक्स और पोस्ट साझा किए जा सकते हैं।
2-सामाजिक आयोजन: स्थानीय मेलों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कार्यशालाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सकता है। ऐसे कार्यक्रमों में लोगों को हिंडन की समस्या से अवगत कराया जा सकता है और वे भी इस मिशन का हिस्सा बन सकते हैं।
3-स्वयंसेवकों का योगदान: स्थानीय समाज के हर वर्ग से स्वयंसेवकों की टीम बनाकर, वे विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरूक कर सकते हैं। नुक्कड़ नाटक, पोस्टर वितरण और वर्कशॉप के माध्यम से भी लोग जागरूक हो सकते हैं।

‘नमामि गंगे और सरकारी योजनाएं
गंगा और उसकी सहायक नदियों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई पहल की गई हैं, जिसमें नमामि गंगे मिशन का विशेष योगदान है। प्रदूषण नियंत्रण और घाटों का विकास, ग्रामीण स्वच्छता, वनस्पतियों और जीवों का संरक्षण, और मानव संसाधन प्रबंधन जैसे पहलुओं पर भी कार्य किए जा रहे हैं । इस मिशन के तहत, तकनीकी सहयोग, वित्तीय प्रबंधन, और अंतरराज्यीय सहयोग पर जोर दिया जा रहा है ताकि नदियों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाया जा सके।

थर्ड पार्टी सोशल ऑडिट की अनिवार्यता
हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चल रहे कार्यों की गुणवत्ता और प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी सोशल ऑडिट आवश्यक है। यह ऑडिट न केवल गतिविधियों की निगरानी करता है बल्कि सभी कार्यों की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को भी बढ़ाता है। सोशल ऑडिट से समाज को इस परियोजना की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिलती है और इसे सफलता के करीब लाने के लिए ज़रूरी सुधार किए जा सकते हैं।

निष्कर्ष:
हिंडन को प्रदूषण मुक्त बनाना एक सामूहिक प्रयास की मांग करता है। सरकार, समाज, गैर-सरकारी संगठन, और हर व्यक्ति का योगदान इस दिशा में महत्वपूर्ण है। उत्थान समिति ने इस प्रयास में एक अहम भूमिका निभाई है, परंतु इसे व्यापक बनाने के लिए इसे समाज के हर वर्ग में फैलाना आवश्यक है। एक स्वच्छ और स्वस्थ हिंडन न केवल पर्यावरण की दृष्टि से, बल्कि हमारी आने वाली पीढिय़ों के लिए भी आवश्यक है।

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