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बडगाम2 घंटे पहले

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गोली लगने के बाद स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।

जम्मू कश्मीर के शुक्रवार रात आतंकियों ने एक बार फिर गैर कश्मीरियों पर जानलेवा हमला किया। बडगाम के मजहामा गांव में आतंकियों ने दो गैर कश्मीरी लोगों को गोली मारी।

घायल सूफियान और उस्मान को तत्काल ही अस्पताल में एडमिट कराया गया। दोनों यूपी में सहारनपुर के रहने वाले हैं। ये बडगाम में जल जीवन प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे।

घटना के बाद से सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके के घेरा और सर्च ऑपरेशन जारी है। वहीं, दोनों घायलों का हालत स्थिर बताई जा रही है। उनका इलाजा जारी है। बीते 12 दिनों में जम्मू-कश्मीर में गैर कश्मीरी लोगों पर यह दूसरा हमला है।

बडगाम आतंकी हमले पर श्रीनगर सांसद रूहुल्लाह मेहदी ने कहा कि इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। विधानसभा चुनावों के तुरंत बाद हमलों में तेजी आई है।

ससे पहले 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में आतंकियों ने 7 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें एक डॉक्टर की पहचान शहनवाज अहमद के तौर पर हुई थी। उससे पहले 16 अक्टूबर को शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

आतंकियों ने सुफियान के पैर में गोली मारी।

आतंकियों ने सुफियान के पैर में गोली मारी।

उस्मान के दाहिने हाथ में गोली लगी है।

उस्मान के दाहिने हाथ में गोली लगी है।

हमले के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार उन्होंने X पोस्ट में लिखा- मजहामा बडगाम में नागरिकों पर आतंकवादी हमले की खबर से दुखी हूं। पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ मेरी सहानुभूति और प्रार्थनाएं। भाजपा सरकार जो सीधे जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा को नियंत्रित करती है, उसे इन बार-बार की विफलताओं के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। साथ ही यह भी पूछना चाहता हूं कि हालिया चुनावों के तुरंत बाद इन हमलों में अचानक वृद्धि क्यों हुई?

2024 में चार अन्य टारगेट किलिंग

22 अप्रैल: राजौरी में आतंकियों ने एक घर पर फायरिंग की थी। इसमें 40 साल के मोहम्मद रज्जाक की मौत हो गई थी। वे कुंडा टोपे शाहदरा शरीफ के रहने वाले थे। अप्रैल में टारगेट किलिंग की ये तीसरी वारदात थी।

रज्जाक के भाई सेना में जवान हैं। 19 साल पहले आतंकियों ने इसी गांव में रज्जाक के पिता मोहम्मद अकबर की हत्या कर दी थी। वे वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करते थे। रज्जाक को पिता की जगह नौकरी मिली थी।

राजौरी में मो. रज्जाक का अंतिम संस्कार किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।

राजौरी में मो. रज्जाक का अंतिम संस्कार किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।

8 अप्रैल: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पदपावन में आतंकियों ने गैर कश्मीरी स्थानीय ड्राइवर परमजीत सिंह को गोली मारी थी। वह दिल्ली का रहने वाला था। आतंकियों ने परमजीत पर उस वक्त हमला किया था, जब वह अपनी ड्यूटी पर था। घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले थे।

17 अप्रैल: आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी शंकर शाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने उसे पेट और गर्दन में गोलियां मारी थीं।

17 अप्रैल को आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

17 अप्रैल को आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

7 फरवरी: श्रीनगर में 7 फरवरी 2024 को आतंकियों ने हब्बा कदल इलाके में सिख समुदाय के दो लोगों को AK-47 राइफल से गोली मारी दी थी। मृतकों की पहचान अमृतसर के रहने वाले अमृत पाल (31) और रोहित मसीह (25) के रूप में की गई थी। अमृत पाल की मौके पर ही मौत हो गई थी। रोहित ने इलाज के दौरान दम तोड़ा था।

7 फरवरी को आतंकियों ने अमृतसर के दो युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

7 फरवरी को आतंकियों ने अमृतसर के दो युवकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

370 हटने के बाद TRF एक्टिव, टारगेट किलिंग की TRF को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि TRF को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर ने बनाया है। यह लश्कर और जैश के कैडर को मिलाकर बनाया गया है। यह संगठन कश्मीरियों, कश्मीरी पंडितों और हिंदुओं की हत्या की कई घटनाओं में शामिल है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद TRF ज्यादा एक्टिव हो गया है। हमलों की जिम्मेदारी लश्कर नहीं, बल्कि TRF लेता है।

TRF का मकसद कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों, सरकारी अफसरों, नेताओं और सिक्योरिटी फोर्सेस को निशाना बनाता है। 370 हटने के बाद सरकारी योजनाओं, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना और अस्थिरता फैलाना इसका मकसद है। इसने सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वह भारत का करीबी मानता है।

घाटी में गैर-कश्मीरियों की हत्या का कारण

खुफिया एजेंसियों ने बताया था कि टारगेट किलिंग पाकिस्तान की कश्मीर में अशांति फैलाने की नई साजिश है। माना जा रहा है कि इसका मकसद, आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना है।

आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही कश्मीर में टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ी हैं, जिसमें खास तौर पर आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों और यहां तक कि सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वे भारत का करीबी मानते हैं।

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जम्मू-कश्मीर के पुंछ में 2 आतंकी गिरफ्तार, 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद

जम्मू-कश्मीर के पुंछ में शनिवार सुबह सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 3 ग्रेनेड और 1 पिस्तौल भी बरामद की गई है। सेना के अधिकारियों ने बताया ये दोनों जम्मू-कश्मीर गजनवी फोर्स नाम के संगठन से जुड़े हाइब्रिड आंतकी हैं।

हाइब्रिड आतंकी आम नागरिकों की तरह ही इलाके में रहते हैं, लेकिन चोरी-छिपे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होते हैं या आतंकियों की सहायता करते हैं। इन्हें पहचानना मुश्किल हो जाता है। पूरी खबर पढ़ें …

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