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गाजियाबाद। इंटीग्रेटिड हाउसिंग एंड स्लम डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईएचएसडीपी) योजना के तहत जिन कॉलोनियों को अभी तक हैंडओवर नहीं किया गया है। नगर निगम व निकाय उन कॉलोनियों को जल्द हैंडओवर करें। मंगलवार को जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह के निर्देशन में कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह ने एडीएम न्यायिक अंजुब बी सिंह, डूडा विभाग के परियोजना अधिकारी संजय पथेरिया, नगर निगम के अधिशासी अभियंता एसपी मिश्रा, नगर निगम के अधिशासी अभियंता देशराज सिंह, नरेंद्र कुमार दिनकर, पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता डीके शर्मा, गरिमा गुप्ता, जलकल विभाग के सहायक अभियंता आस कुमार, स्मृति गुप्ता, एमएम मिश्रा आदि अधिकारियों के साथ आईएचएसडीपी योजना की बैठक की। बैठक के दौरान कॉलोनी को हैंडओवर किए जाने तथा मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई। केंद्र सरकार की आईएचएसडीपी योजना के तहत सुदामापुरी में 1188 भवनों का वर्ष-2015-16 में आवंटन किया गया था। जिनमें आवंटी निवासरत है।

कॉलोनी में पानी,बिजली, सीवर आदि की व्यवस्था होने के बाद बरसात में कॉलोनी में जलभराव होता हैं। इसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों को परेशनी का सामना करना पड़ता है। केंद्र सरकार की यह योजना बंद हो गई है। इस कॉलोनी को नगर निगम को हस्तांतरण भी नहीं हुआ है। नगर निगम द्वारा कॉलोनी नीचा होने के बाद भी पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं की गई हैं। इसलिए हैंडओवर भी नहीं की जा रही है। ऐसे ही योजना के तहत अर्थला में वर्ष-2018-19 में 208 भवनों का आवंटन किया जा चुका है। मगर यह कॉलोनी भी नगर निगम को हैंडओवर नहीं की गई है। इसमें भी पानी निकासी की समस्या होने के चलते हैंडओवर करने में समस्या आ रही है। इसी प्रकार से नगर पंचायत फरीदनगर द्वारा कॉलोनी को हैंडओवर लिया जा चुका है। मगर वहां पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न होने के बाद आवंटियों द्वारा निवास नहीं किया जा रहा है।

आईएचएसडीपी योजना के तहत कुल 288 भवनों का विभिन्न चरणों में वर्ष-2022-23 तक आवंटित किया गया है। इन 288 आवंटियों के सापेक्ष 221 आवंटियों द्वारा अपने आवंटन प्राप्त कर मौके पर मुलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने की वजह से भवनों पर भौतिक रूप से कब्जा नहीं लिया जा रहा हैं। के कारण भौतिक कब्जा नहीं लिया जा रहा है। बैठक में नगर पंचायत फरीदनगर के अधिशासी अभियंता ने अवगत कराया कि आवंटियों को रहने संबंधी कोई भी अपेक्षित व्यवस्था वहां नहीं है। एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह ने बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक,नगर पंचायत फरीदनगर और नगर निगम अपनी-अपनी स्थलीय निरीक्षण आख्या डूडा परियोजना अधिकारी संजय पथेरिया को प्रेषित करेंगें। इसके बाद परियोजना अधिकारी संयुक्त रिपोर्ट जिलाधिकारी तथा नगर आयुक्त के समक्ष पत्रावली पर प्रस्तुत करेंगें। इस पर जिलाधिकारी द्वारा अंतिम निर्णय अमल में लाया जा सकें।




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