बायोमास ब्रिकेट का उत्पादन
– फोटो : एएनआई
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फैक्टरी के निदेशक वैभव गर्ग ने कहा, “प्लांट में बायोमास ब्रिकेट का उत्पादन किया जाता है। हमारा लक्ष्य अपने देश को प्रदूषण मुक्त बनाना है। उत्तर भारत में पराली जलाना एक बड़ा मुद्दा है। हम किसानों से पराली खरीदते हैं और बायोमास ब्रिकेट का उत्पादन करते हैं, जिनका उपयोग उद्योगों द्वारा किया जाता है… मैं किसानों से आग्रह करता हूं कि वे हमारे पास पराली लाएं, ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके।’
#WATCH | Hapur, UP: Director of the factory, Vaibhav Garg says, “Biomass briquettes are produced in the plant. We aim to make our country pollution-free. Burning of stubble is a big issue in North India. We buy stubble from farmers and produce biomass briquettes which are used by… https://t.co/USkXRxBpfm pic.twitter.com/gzOZnbQ4Z5
— ANI (@ANI) October 20, 2024
दिल्ली में हर साल पराली के कारण पर्यावरण प्रदूषण की समस्या होती है। हर बार इसके निदान की तमाम कोशिशें की जाती हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकलता। बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली में बीते 13 दिनों में 2,762 जगहों पर धूल रोधी अभियान चलाया गया। इसमें प्रदूषण फैलाने वाली जगहों पर करीब 17.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ में 76 जगहों पर काम कर रहीं एजेंसियों को नोटिस भी दिया गया।
अभियान में 13 संबंधित विभागों के अधिकारियों की 523 टीमें लगी हुई हैं। दिल्ली सरकार की सख्त हिदायत है कि निर्माण स्थलों पर धूल रोकने से जुड़े 14 नियमों को पूरी तरह लागू करना जरूरी है। ऐसा न करने वाली निर्माण एजेंसियों पर कार्रवाई होगी। ऐसे में बायोमास ब्रिकेट कुछ मदद कर सकता है।
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