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आपदा प्रबंधन इकाई
– फोटो : अमर उजाला

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नोएडा प्राधिकरण ने पिछले कुछ वर्ष पहले नोएडा शहर को आपदा से बचाने के लिए आपदा प्रबंधन सेल की स्थापना की थी। जानकारी के मुताबिक पिछले लगभग पांच वर्षों से वह बंद पड़ा हुआ है। यहां पर आपदा प्रबंधन के लिए न तो कोई लाइव जैकेट, स्टीमर, बोट, अग्निशमन उपकरण या अन्य कोई भी उपकरण नहीं हैं। इतना ही नहीं वहां एक गार्ड की सिवा कोई भी कर्मचारी नही है। 

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स्थानीय लोगों के अनुसार यहां एक प्रमोद नाम के सख्श आते हैं तो यहां की देख रेख करते हैं। लेकिन आपदा प्रबंधन से जुड़ी कोई भी तैयारी तो छोड़िए कोई एक कर्मचारी तक नही है। ऐसी स्थिति यह सोचने को मजबूर करती है कि अगर भविष्य में नोएडा जैसे हाईटेक शहर में  किसी भी प्रकार की आपदा आती है तो उससे कैसे निपटा जाएगा ? जहां कई बड़ी बहुमंजिला इमारतें हैं।

क्यों बनाना पड़ा था आपदा प्रबंधन इकाई

नोएडा क्षेत्र भूकंप के जोन-4 अंतर्गत आता है, जहां 7 रिक्टर स्केल तक का भूकंप आ सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यमुना और हिंडन के बीच का दोआब होने की वजह से यहां की मिट्टी रेतीली व गीली है। इसलिए तेज भूकंप आने पर बिल्डिंगों के बोझ से जमीन धंस सकती है। ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने आपदा प्रबंधन इकाई का गठन किया था।

पिछले साल अगस्त 2023 में यमुना और हिंडन नदी में आई थी बाढ़

नोएडा से गुजरने वाली यमुना और हिंडन नदी में पर्वतीय क्षेत्र में अत्यधिक बारिश होने से बाढ़ आ गई थी। उस वक्त जिला प्रशासन ने एनडीआरफ, पुलिस बल और प्राधिकरण के सहयोग से आई इस आपदा से हजारों लोगों का रेस्क्यू किया था। इसके साथ ही नोएडा एनसीआर में कई बार भूकंप भी आ चुके हैं।

क्या बोले जिम्मेदार

नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विभाग के पास आपदा प्रबंधन के लिए एक भी कर्मचारी उपलब्ध नहीं है। स्थिति बिगड़ने पर प्राधिकरण के कर्मचारियों और जिला प्रशासन की मदद से ही किसी भी आपातकालीन स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाता है।

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