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दक्षिण-पूर्वी जिले के कालिंदी कुंज थानाक्षेत्र में यूनानी डॉक्टर जावेद अख्तर की हत्या के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। डॉक्टर के सिर में गोली मारकर हत्या करने वाले आरोपी की अभी उम्र 16 वर्ष भी पूरी नहीं हुई कि वह बड़ा गैंगस्टर बनने का सपने बुन रहा था। 

उसने एक महीने पहले इंस्टाग्राम पर लिखा था कि उसे वर्ष 2024 में एक मर्डर करना है। डॉक्टर जावेद अख्तर की हत्या करने के तुरंत बाद इंस्टाग्राम पर लिख दिया था कि …. कर दिया 2024 का मर्डर। 

आरोपी किशोर इलाके में अपराध की दुनिया में अपना वर्चस्व चाहता था। स्थानीय थाना कालिंदी कुंज की जैतपुर पुलिस ने उसके दो और साथियों को शुक्रवार को पकड़ लिया। दोनों नाबालिग हैं।




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अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त राकेश पावरिया ने बताया कि आरोपी नाबालिग को एसीपी/दक्षिणी रेंज नरेश सोलंकी की निगरानी में इंस्पेक्टर विजय पाल दहिया के नेतृत्व में एसआई राजेश, एएसआई विजुमन व अन्य की टीम ने बृहस्पतिवार को जैतपुर से पकड़ा था। 

अपराध में इस्तेमाल हथियार और खोल बरामद किया गया। बाद में उसे कालिंदी कुंज थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया था। पुलिस ने शुक्रवार को इसके दो और साथियों को पकड़ लिया।


अपराध शाखा के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मुख्य आरोपी नाबालिग स्थानीय बदमाशों व उनकी लाइफ स्टाइल से प्रभावित था। वह भी बड़ा गैंगस्टर बनकर इलाके में अपना वर्चस्व चाहता था। इसके लिए वह यमुना पार से कट्टा लेकर आया था। 

इसके बाद उसने इंस्टाग्राम पर करीब एक महीने पहले लिखा था कि वर्ष 2024 में एक मर्डर करना है। उसने ये लिखने के बाद अपने हाथ में पिस्टल भी ले रखी है। डॉ. जावेद की हत्या करने के बाद उसने इंस्टाग्राम पर लिखा कि.. और उसने कर दिया 2024 का मर्डर। 

 


अपराध शाखा के अधिकारियों का कहना है कि आरोपी जब अस्पताल में पट्टी कराने गया तो डॉक्टर ने औकात जैसे शब्दों का इस्तेमाल संबोधन के लिए किया था। इसको लेकर और डॉ. अख्तर के बीच तीखी बहस हुई थी। अगले दिन किशोर अस्पताल लौटे, पट्टी करवाई और फिर डॉक्टर को गोली मार दी। 

 


औकात जैसे शब्द कहकर किया था अपमानित

दक्षिण-पूर्वी जिले के पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने शुक्रवार शाम को अधिकारिक बयान जारी कर कहा कि एक आरोपी का फरीदाबाद में 20-21 सितंबर की रात को एक्सीडेंट हो गया था। इलाज के लिए वह अस्पताल आया था। उसके साथ उसका एक नाबालिग साथी भी था। इलाज के बाद बिल 1200 रुपये आया। आरोपी ने इलाज का खर्च ज्यादा होने की बात कहकर झगड़ा करना शुरू कर दिया। आरोपी 400 रुपये देकर अस्पताल से चला गया। जांच के दौरान ये पता चला कि मृतक डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारियों ने उसे डांटा और अपमानित किया। करीब 10 दिन बाद आरोपी अपनी मौसी के साथ फिर से अस्पताल में पट्टी हटवाने गया। अस्पताल ने उसकी पट्टी हटाने से मना कर दिया और औकात जैसे शब्द कहकर उसे अपमानित किया। 

 


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