जयपुर. जयपुर पुलिस ने खोए हुए, चोरी हुए और छीने गए 533 मोबाइल ढूंढ निकाले हैं. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की साउथ जिले की साइबर सेल ऐसे मोबाइल फोन को बरामद करने का एक स्पेशल अभियान चला रही है. इस अभियान का नाम ‘आपका मोबाइल फिर से आपका’ रखा गया है. इस अभियान के तहत जयपुर पुलिस की ओर से ढूंढे गए इन मोबाइल की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है. इन मोबाइल को उनके मालिकों को वापस लौटा दिया गया है.
आज के वक्त में मोबाइल फोन हर आदमी की जरुरत बन चुका है. ऐसे में कभी मोबाइल फोन गुम हो जाए या फिर कोई छीनकर भाग जाए तो बड़ी परेशानी हो जाती है. लेकिन मोबाइल खोने, चोरी होने या फिर छीन जाने का गम झेलने वालों के साथ अब जयपुर पुलिस खड़ी है. डीसीपी साउथ दिगंत आनंद ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि पिछले करीब 2 साल में गुम हुए, चोरी हुए या फिर छीने गए 533 महंगे मोबाइल फोन को पुलिस ने बरामद किया है. डीसीपी दिगंत आनंद के अनुसार इनकी बाजार कीमत करीब 1 करोड़ रुपये है.
‘आपका मोबाइल फिर से आपका’
डीसीपी दिगंत आनंद और एडिशनल डीसीपी पारस जैन ने इन मोबाइल फोन को शुक्रवार को एक साथ उनके उनके मालिकों को लौटाया. अपने मोबाइल पाकर पीड़ितों के चेहरे पर खुशी साफ नजर आई. डीसीपी आनंद ने बताया कि इस अभियान का नाम ‘आपका मोबाइल फिर से आपका’ रखा गया है. इसी के तहत यह कार्रवाई की गई है. यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. इसके लिए साइबर सेल की पूरी टीम जुटी है.
अन्य जिलों की पुलिस भी चला चुकी है ऐसे अभियान
राजस्थान में जयपुर पुलिस से पहले भी कई जिलों की पुलिस ने इस तरह के अभियान चलाकर हजारों की तादाद में मोबाइल बरामद कर उनको उनके मालिकों को लौटा चुकी है. कोटा, अजमेर और भीलवाड़ा पुलिस भी इसमें शामिल है. यह बात दीगर है कि कई मोबाइल के मालिकों को इसके लिए दो साल तक इंतजार करना पड़ा. लेकिन कई ऐसे पीड़ित भी हैं जिन्हें कुछ ही दिनों में उनके खोए हुए या छीने गए मोबाइल मिल गए.
Tags: Jaipur news, Jaipur police, Rajasthan news
- व्हाट्स एप के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- टेलीग्राम के माध्यम से हमारी खबरें प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
- हमें फ़ेसबुक पर फॉलो करें।
- हमें ट्विटर पर फॉलो करें।
Follow Us on Social Media
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Ghaziabad365 || मूल प्रकाशक ||