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पति हरियाणा, दिल्ली और यूपी से करता था शराब तस्करी
पत्नी और बच्चे बेचते थे शराब, 40 से 50 रुपए कि करते थे अधिक वसूली
आबकारी विभाग की टीम ने घर में दबिश देकर अवैध शराब के धंधे का किया भंडाफोड़
हरियाणा, दिल्ली और यूपी ने 17 पेटी शराब समेत महिला तस्कर गिरफ्तार

गाजियाबाद। जिले में त्योहार का पर्व हो या फिर चुनावी सीजन दोनो ऐसे मौके है जहां इन दिनों में शराब की सबसे अधिक डिमांड रहती है। ऐसा नहीं है कि शौकीनों के लिए प्रदेश सरकार शराब टोटा पड़ा हुआ है, लेकिन बढ़ती खपत के बीच शराब माफिया भी ऐसे मौके को भुनाने का एक भी अवसर गवाना नही चाहते है। क्योंकि ऐसे मौके में ही शराब तस्कर भी अपनी अवैध दुकान को चलाने के लिए हर संभव प्रयास करते है, लेकिन गाजियाबाद में आबकारी अधिकारी को सख्ती कही जाए या फिर तस्करो के खिलाफ तैयार को उनकी रणनीति दोनो ही शराब तस्करो पर भारी पड़ रही है। गाजियाबाद में अवैध शराब का धंधा करना तस्करो के लिए खतरे से खाली नही है, भले ही तस्कर दिल्ली और हरियाणा पुलिस और वहा के एक्साइज विभाग की टीम की आखों में धूल झोंककर शराब तस्करी कर सकते हो। गाजियाबाद के शराब तस्करी करने का मतलब है कि उनकी जगह सीधा जेल है।

आबकारी विभाग द्वारा जिले में चलाए जा रहें शराब तस्करो के खिलाफ अभियान में आबकारी विभाग की टीम ने एक बार फिर से समय रहते तस्करो के अवैध धंधे पर अपना डंडा चलाते हुए तस्करी करने वाली महिला तस्कर को गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई महिला शराब तस्कर को आबकारी विभाग की टीम ने सलाखों के पीछे भेज दिया है। लेकिन इस बीच शराब तस्करी का सरगना महिला का पति मौके से पहले ही फरार हो गया। फराह महिला के पति शराब तस्कर ने ड्राई डे के दिन और दशहरा पर्व पर खपाने के लिए हरियाणा से शराब तस्करी का घर में ही शराब से भरी पेटियों को छिपाया हुआ था। जिससे ड्राई दिन के दिन और दशहरा पर्व पर हरियाणा व दिल्ली और यूपी शराब को बेचकर अधिक कमाई करना चाहता था। इस बीच वह तीन पेटियों को बेच भी चुका था। मगर बाकी पेटियों को आबकारी विभाग की टीम ने जब्त कर लिया। अधिक कमाई के चक्कर में शराब तस्कर ने अपने इस धंधे में मासूम बच्चों तक को लगा रखा था। फरार तस्कर का काम था हरियाणा से शराब लेकर आना और पत्नी व बच्चों के का था उसे बेचना। जिस उमर में मां बाप अपने बच्चो के हाथों में कलम थमा कर एक अच्छा नागरिक बनाने का सपने देखते है, उस उमर में तस्कर अपने बच्चो से शराब तस्करी करा रहा था। त्योहार नजदीक आते ही आबकारी विभाग की टीम ने जिले में पूरी तरह से किले बंदी को हुई है। यह किले बंदी शराब तस्करो के लिए किसी चक्रव्यूह से के नही है, जहा कदम रखते ही शराब तस्करो के स्वागत में खड़ी आबकारी विभाग की टीम 24 घंटे तैयार रहती है।

जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने बताया जनपद गाजियाबाद में अगामी त्योहार के चलते आबकारी विभाग की टीम द्वारा अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और परिवहन के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत आबकारी विभाग को संभी टीमें अपने अपने क्षेत्र में छापेमारी और तस्करो के ठिकानों पर दबिश दे रही है। ड्राई डे के दिन गांधी जयंती के उपलक्ष्य में आबकारी विभाग द्वारा दुकानों कि शत प्रतिशत बंदी के लिए विशेष अभियान चलाते ही चेकिंग और छापेमारी की गई। मुखबिर से सूचना मिली कि थाना लोनी बॉर्डर क्षेत्र में एक व्यक्ति अवैध रूप से शराब तस्करी का रहा है। सूचना पर कारवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक अनुज वर्मा और डॉ. राकेश त्रिपाठी की संयुक्त टीम गठित की गई। टीम मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान थाना लोनी बॉर्डर अंतर्गत राहुल गार्डन कॉलोनी के एक घर में दबिश तो एक महिला और बच्चे शराब तस्करी करते हुए पाए गए। जब घर की तलाशी ली गई तो मौके से टीम ने घर के विभिन्न लोनी छिपा कर रखी 14 पेटी संतरा ब्रांड कि देसी शराब हरियाणा राज्य में बिक्री के लिए अनुमन्य, 2 पेटी
एरिस्ट्रोक्रेट प्रीमियम विदेशी मदिरा दिल्ली राज्य में बिक्री के लिए अनुमन्य, 2 अलग अलग थैलो में 10 पौवे नाइट ब्लू
देसी शराब हरियाणा राज्य में बिक्री के लिए अनुमन्य एवं 67 पौवे दिलदार ब्रांड की देसी शराब उत्तर प्रदेश राज्य में बिक्री के लिए अनुमन्य बरामद किया गया। महिला तस्कर को पहचान बबली पत्नी बबलू निवासी राहुल गार्डेन गली नंबर 10, बुद्ध बाज़ार रोड लोनी बार्डर के रूप में हुई।

जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि पकड़ी गई महिला शराब तस्कर से पूछताछ में पता चला है कि हरियाणा, दिल्ली और यूपी शराब की तस्करी इसका पति करता था। कुछ दिन पूर्व ही उसका पति हरियाणा, दिल्ली और यूपी शराब की तस्करी कर 20 पेटी को लेकर आया था। घर में उसी शराब को छिपाया हुआ था। जिससे उक्त शराब को ड्राई डे के दिन गांधी जयंती के दिन और दशहरा पर्व पर हरियाणा और दिल्ली की शराब को बेचना चाहता था। क्षेत्र में शराब तस्करी का का उसकी पत्नी और छोटे छोटे बचें करते थे। जिससे की अगर कभी कारवाई हो तो वह गिरफ्तारी से बच सके। बरामद 17 पेटी शराब की कीमत करीब 30 से 40 हजार रुपए है। तस्करो के खिलाफ आबकारी विभाग का अभियान आगे भी जारी रहेगा। फरार तस्करी को गिरफ्तारी के लिए भी आबकारी विभाग की टीमें लगातार दबिश दे रही है।

पढ़ने की उम्र में मासूमों के हाथों में थमा दिया शराब

कम समय जल्द अमीर बनने को चाह में आदमी इतना अंधा हो गया है कि उसे सही गलत का कुछ पता नहीं है। बस पैसे आने चाहिए। हर मां बाप का सपना होता है को उसके बच्चे पढ़ लिखकर अच्छे इंसान और एक अच्छी नौकरी करे, लेकिन फरार शराब तस्कर अधिक कमाई के लालच में बच्चो के हाथों से कलम छीनकर हाथों में शराब थमा दिया। जिस उमर में इन बच्चों को पढ़ाई के साथ खेलना कूदना चाहिए उस उमर में यह बच्चे मां के साथ शराब तस्करी करते थे। जब इस बात का पता आबकारी विभाग को चला तो टीम ने बच्चों को पढ़ाई के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया और उसके पिता के खिलाफ भी थाने में मुकदमा दर्द करा दिया। तस्कर शराब पर अंकित मूल्यों से करीब 40 से 50 रुपए वसूल करते थे। दिन हो या फिर बिना किसी को खौंफ के शौकीनों को शराब पर बेचते थे।

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