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-सनातन के नाश के लिए जो कूटनीतियां रची जा रही हैं इस पर हमें चेतना होगा: पं राजकुमार तिवारी

चमोली। श्री केदार सभा के अध्यक्ष पं राजकुमार तिवारी ने सोमवार को पारिवारिक सदस्यों के साथ भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। श्री केदार सभा के अध्यक्ष एवं उत्तराखंड चार धाम तीर्थ महापंचायत के संरक्षक राजकुमार तिवारी दो दिवसीय बदरीनाथ धाम प्रवास पर है। इसके बाद बद्रीनाथ में श्राद्ध पक्ष में ब्रम्हकपाली में अपने पित्रों का तर्पण किया। इस दौरान चार धाम महापंचायत के महामंत्री बृजेश सती, उमेश सती, डिमरी पंचायत के पदाधिकारी व अन्य पुरोहित उपस्थित रहे। चार धाम महा पंचायत के संरक्षक एवं केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति के केंद्रीय अध्यक्ष उमेश सती एवं दर्जनों पर पुरोहितों द्वारा शॉल पहनकर तीर्थ क्षेत्र में स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।

इसके अलावा बद्रीश पंडा पंचायत पुरोहित समिति द्वारा भी उनका स्वागत किया गया। समिति के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर चार धाम तीर्थ महापंचायत के महासचिव डॉक्टर बृजेश सती, ब्रह्म कपाल पंचायत समिति के केंद्रीय अध्यक्ष उमेश सती, बद्रीश पंडा पंचायत समिति के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी, सुरेश ह टवाल, संजय हटवाल, दीनदयाल कोठियाल, सुधाकर बाबुलकर, अजय बंदोलिया, गौरव पांच भैया, हरीश सती, सतीश सती, ऋतिक बडोला, अशोक तोड़रिया आदि उपस्थित रहे। वहीं इस दौरान तिरूपति बाला जी में चर्बी वाले प्रसाद के संबंध में सभी धार्मिक संगठनों से बात हुई।

भविष्य में तिरुपति बालाजी सहित किसी भी धार्मिक स्थलों पर ऐसा कृत्य न हो इस पर भी चर्चाएं हुई। श्री केदार सभा के अध्यक्ष एवं उत्तराखंड चार धाम तीर्थ महापंचायत के संरक्षक राजकुमार तिवारी ने कहा तिरुपति बालाजी मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। वहां प्रसाद के घी में चर्बी का मिलना अत्यंत दु:खद और घृणित कृत्य है।  हिंदू धार्मिक स्थलों की पवित्रता की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। तिरुपति मंदिर जैसे प्रतिष्ठित स्थल पर इस प्रकार की घटना शर्मनाक है। यह गंभीर किस्म का धार्मिक अपराध है।

उन्होंने कहा मठ मंदिर चलाना सरकारों का काम नहीं है। हमारे मंदिर हमारी श्रद्धा के केंद्र हैं, वह समाज के द्वारा ही संचालित होने चाहिए। मंदिरों में गैर हिंदुओं का प्रवेश और उनके द्वारा मंदिरों का संचालन कतई नहीं होना चाहिए। सनातन के नाश के लिए जो कूटनीतियां रची जा रही हैं इस पर हमें चेतना होगा। किसी को प्रसाद में अभक्ष्य खिलाना न्याय के विरुद्ध है। मैं उच्चतम न्यायालय से निवेदन करना चाहता हूं कि आस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों पर कठोरतम कार्रवाई करें और उनको जेल भेजें। मंदिर की व्यवस्था को सनातन को जानने और मानने वालों को सौंपा जाए।

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