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-नशे की समस्या से मुक्ति जरूरी, महत्वपूर्ण है समाज की भूमिका: मनीष कुमार
-डीएम की अध्यक्षता में नार्को कोर्डिनेशन सेंटर के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न
-जनपद में नशीले पदार्थों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य संबंधित अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
-नशे के दुष्प्रभाव से जन सामान्य एवं युवाओं को व्यापक स्तर पर किया जाए जागरूक

गौतमबुद्धनगर। आज की युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में तेजी से फंस रही है। जगह-जगह लगी छोटी-छोटी दुकानें एवं चाय की दुकानों पर युवाओं को आसानी से नशा परोसा जा रहा है। परचून की दुकान से लेकर मेडिकल स्टोर भी शामिल हैं। इन दुकानों पर तंबाकू, जर्दा, गुटखा और दर्जनों नशीले पदार्थ बिक्री शामिल है। सुबह होते ही दोपहर और देर शाम तक मेडिकल स्टोर पर और परचून की दुकानों एवं चाय के खोखे पर नशेबाज बैठ कर नशा करते हैं। दुकानों पर नशा करने वाले युवाओं की लंबी लाइन देखी जाती है। युवाओं को नशे के सेवन से बचाने के लिए जिला प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है। जिसके लिए जिले में 24 नवंबर तक तंबाकू मुक्त युवा अभियान 2.0 अभियान चलाया जा रहा है।

इस अभियान के तहत जिला प्रशासन की सभी टीमें अभियान में अपना सहयोग देंगी। अभियान के तहत स्कूल परिसर तंबाकू मुक्त किए जाएंगे। साथ ही विद्यालय के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना अपराध की श्रेणी में आएगा और कठोर कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में जिलाधिकारी मनीष कुमार की अध्यक्षता में नार्को कोर्डिनेशन सेंटर के तहत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार द्वारा नशीले पदार्थों पर अंकुश लगाने की वर्तमान तक की गई कार्यवाही से जिलाधिकारी को अवगत कराया। डीएम ने कहा नशाखोरी की लत तेजी से अपने पैर पसार रही है। इसकी गिरफ्त में युवा पीढ़ी भी आ रही है। इन सामाजिक कुरीतियों की वजह से अधिकांश परिवार जहां आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं तो वहीं काफी युवाओं के कदम अपराध की दुनिया की ओर भी बढ़ रहे हैं। इससे युवाओं का भविष्य भी संकट में आ रहा है। दूसरी तरफ नशीले पदार्थों की बिक्री करने वालों की चांदी हो रही है।

आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती युवाओं को नशे से बचाना है, इसके लिए जनपद में नशा मुक्ति अभियान संचालित करते हुए युवाओं को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के सभी स्रोतों पर रोक लगाने के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, विश्वविद्यालयों, अन्य शिक्षण संस्थाओं, आरडब्ल्यूए सोसाइटी, स्वयंसेवी संस्थाओं का अधिक से अधिक सहयोग लेते व्यापक स्तर पर अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार किया जाए। इसके साथ ही साथ जनपद में नशीले पदार्थों के स्रोतों पर रोकथाम लगाने के उद्देश्य संबंधित समस्त विभागीय अधिकारियों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित करते हुए वृहद स्तर पर अभियान चलाकर प्रवर्तन की कार्रवाई करें। ताकि नशे के अवैध कारोबार पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सकें। डीएम ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनपद में 24 नवंबर तक चलने वाले तंबाकू मुक्त युवा अभियान 2.0 व्यापक स्तर पर संचालित किया जाए और इस अभियान के माध्यम से युवाओं को जागरूक किया जाए कि तंबाकू के सेवन करने से क्या-क्या हानियां आपके स्वास्थ्य को हो सकती हैं। इसलिए तंबाकू का सेवन ना करें।

बैठक के दौरान सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा अपनी-अपनी विभागीय कार्यवाही एवं नशा मुक्ति अभियान के तहत किए गए प्रचार-प्रसार के संबंध में और नशीले पदार्थों के रोकथाम पर चर्चा करते हुए कैसे जन सामान्य एवं युवाओं को नशे के दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है अपने-अपने सुझावों से डीएम को जानकारी दी। डीएम ने नार्को कोर्डिनेशन सेंटर के तहत गठित जिला स्तरीय समिति के सुझावों का अनुश्रवण करते हुए कहा कि जनपद में नशीले पदार्थों के स्रोतों पर पूर्णतया अंकुश लगाने के उद्देश्य से जो सुझाव आज समिति के समक्ष प्रस्तुत किए गए हैं, उनके आलोक में संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा आपसी समन्वय स्थापित करते हुए जनपद को नारकोटिक्स फ्री बनाये जाने की दिशा में कार्यवाही की जाए, जिससे नशे के दुष्प्रभाव से जन सामान्य एवं युवा प्रभावित न हो सके। बैठक में जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी सतीश कुमार, जिला मनोरंजन कर अधिकारी जेपी चन्द, तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ डॉ श्वेता खुराना, आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय, गौरव चन्द, नामवर सिंह, डॉ. शिखा ठाकुर, चन्द्रशेखर सिंह, अभिनव शाही, रवि जायसवाल एवं पुलिस व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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