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-अभियान चलाकर भूमि को मुक्त कराकर नियोजित कर बेचा
-अतिक्रमण हटाने के साथ नाले-नालियों की नियमित सफाई करने के दिए निर्देश

गाजियाबाद। जीडीए की इंदिरापुरम योजना में करोड़ों रुपए की खाली पड़ी जमीन पर लोगों द्वारा किए गए अवैध निर्माण के खिलाफ जीडीए कार्रवाई कर जल्द ही जमीन को कब्जा मुक्त कराएगा। गुरुवार को जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने इंदिरापुरम योजना में रिक्त पड़ी भूमि का मौके पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया कि जीडीए की भूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण है। इंदिरापुरम योजना में साफ-सफाई एवं नाले-नालियों की सफाई भी नियमित तरीके से नहीं होना पाई गई। जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने अभियंत्रण जोन-6 के अधिशासी अभियंता आलोक रंजन और सहायक अभियंता पीयूष सिंह को मौके पर सख्त निर्देश दिए कि इंदिरापुरम योजना में जमीन पर किए गए अतिक्रमण को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। इसके साथ ही नाले-नालियों की नियमित सफाई कराई जाए। अभियंत्रण अनुभाग यह भी सुनिश्चित कर लें कि योजना में जहां पर भूमि पर अवैध अतिक्रमण है। वहां पर अभियान चलाकर भूमि को मुक्त कराते हुए नियोजित कर बेचा जाए।

इंदिरापुरम योजना में साफ-सफाई एवं नाले-नाली, सीवर, ड्रेनेज आदि की लगातार सफाई भी नियमित तरीके से कराते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि योजना में किसी भी परिस्थिति में बारिश के दौरान जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो। जीडीए उपाध्यक्ष ने इंदिरापुरम योजना में चालू निर्माण का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जीडीए से स्वीकृत मानचित्र के विपरीत निर्माण कर्ता द्वारा सैट-बैक कवर करते हुए निर्माण किया जा रहा था। इंदिरापुरम में ही भूखंड संख्या-645 नीति खंड-2, भूखंड संख्या-645 नीति खंड-2, भूखण्ड संख्या-10, न्याय खंड-1 तथा भूखंड संख्या-5, नीति खंड-1 में अवैध निर्माण किए जाने पर उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम-1973 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत तत्काल सील करने के लिए प्रवर्तन अनुभाग की टीम को निर्देश दिए।

जीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि इंदिरापुरम योजना में अवैध निर्माण पर सतत निगरानी रखते हुए प्रवर्तन अनुभाग के प्रभारी व इंजीनियर यह सुनिश्चित कर लें कि कोई भी अवैध निर्माण न होने पाए। अगर कोई भी अवैध निर्माण पाया गया तो संबंधित के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही निर्माणकर्ता और बिल्डरों को भी निर्देशित किया कि जीडीए सीमा क्षेत्र में भूमि पर विधिवत मानचित्र स्वीकृत के अनुसार ही निर्माण किया जाए। आमजन किसी भी वादग्रस्त ,विवादित निर्माण में भवनों का क्रय-विक्रय न करें।




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