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-संभावित बाढ़ की तैयारी को लेकर डीएम ने की बैठक
-5 दिन में बाढ़ नियंत्रण की बेहतर कार्य योजना प्रस्तुत करने के दिए निर्देश

गाजियाबाद। जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने बुधवार को कलेक्ट्रेट महात्मा गांधी सभागार में बाढ़ नियंत्रण की आवश्यक तैयारी को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कई आवश्यक दिशा-निर्देश एवं सुझाव दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित पदाधिकारी अभी से ही बाढ़ की तैयारी करना शुरू कर दें। ताकि उस समय कोई परेशानी न हो। एडीएम एफ/आर सौरभ भट्ट ने जिलाधिकारी को बताया जनपद में 1978 में अत्यधिक बाढ़ व वर्षा का प्रकोप रहा, यह बाढ़ यमुना 9.7 किमी व हिंडन नदी 57 किमी की दो नदियां से आयी।

यमुना नदी में 200.284 मीटर पर और हिंडन नदी पर 203.311 मीटर पर बाढ़ संकेत है और यमुना नदी में 205.33 मीटर (पुराना लोहे का पुल, सीडब्ल्यूसी दिल्ली में) व हिंडन नदी में 205.080 मीटर (हिंडन बैराज) पर खतरे का संकेत है। यमुना के जल का स्त्रोत हिमालय की बर्फ पिघलने से है इसका जल हथनीकुंड यमुनानगर, हरियाणा से डिस्चार्ज होता है जो 3 दिवस में ओखला बैराज पहुंचता है और हिंडन नदी का उद्गम स्थल प्राकृतिक नालों से होने वाले अपवाह (जनपद सहारनपुर) से होता है जो जनपद तक 2 दिन में पहुंचता है।

डीएम ने दिए बेहतर कार्ययोजना बनाने के निर्देश
डीएम इन्द्र विक्रम सिंह ने उपस्थित सभी बाढ़ नियंत्रण समिति के सदस्यों को कहा कि आगामी 5 दिनों में बाढ़ के खतरे व निपटने की क्षमता का आंकलन, संस्थागत व्यवस्था, बचाव व न्यूनीकरण उपाय, पूर्व की तैयारियां जैसे बाढ़ में कार्यवाही करने वाले विभागों/स्टेकहोल्डर्स का चिन्हीकरण व उल्लेख, टीमों का गठन, पूर्व चेतावनी टीम/दल, राहत एवं खोज बचाव दल, प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने व शरणालय प्रबंधन दल व क्षति आंकलन दल, उपकरण, कंट्रोल रूम, स्वास्थ्य सेवा सहित अन्य सभी बिंदुओं पर सुव्यवस्थित व बेहतर कार्य योजना प्रस्तुत की जाए। बैठक में एसडीएम सदर, एसडीएम लोनी, सिंचाई विभाग, जिला पूर्ति विभाग, पंचायती राज विभाग, परिवहन विभाग, जीडीए, पीडब्ल्यूडी, विद्युत विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य सम्बंधित विभाग के अधिकारी/प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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