-नगर निगम ने शंकर भगवान की भव्य कलाकृतियों से संवारा शहर, हर कोना बना आध्यात्मिक अनुभव का केंद्र
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। इस वर्ष का कांवड़ महोत्सव गाजियाबाद के लिए केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक बनकर उभरा है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में शहर को स्वच्छ, सुव्यवस्थित और संस्कारित रूप देने की दिशा में जो प्रयास किए हैं, वे अभूतपूर्व माने जा रहे हैं। सावन के पावन महीने में जहां शिव भक्तों की आस्था अपने चरम पर है, वहीं गाजियाबाद नगर निगम ने इस बार कांवड़ महोत्सव 2025 को केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पूरे शहर के सांस्कृतिक कायाकल्प का माध्यम बना दिया है। नगर निगम द्वारा शहर को सजाने, संवारने और भक्तिमय वातावरण में ढालने का जो ऐतिहासिक प्रयास हुआ है, उसने नगरवासियों और श्रद्धालुओं दोनों के दिल जीत लिए हैं। मेरठ रोड तिराहे पर फ्लाईओवर की दीवारों पर बनाई गई भगवान शिव की भव्य नीली कलाकृति न सिर्फ राहगीरों को आकर्षित कर रही है, बल्कि श्रद्धा और आस्था की शक्ति का प्रतीक बन गई है।
आने-जाने वाले हजारों लोगों के लिए यह दीवार अब महज ईंट-पत्थर नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक पड़ाव बन चुकी है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की अगुवाई में नगर निगम के सभी विभाग पूरी तरह सक्रिय हैं। साफ-सफाई अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है। नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग कांवड़ मार्गों की सफाई से लेकर डस्टबिन व्यवस्था, कूड़ा उठान और सड़कों की धुलाई तक में दिन-रात जुटा है। मेरठ रोड, दूधेश्वरनाथ मंदिर, मोहननगर, नई बस्ती, साहिबाबाद जैसे क्षेत्रों में विशेष सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं। नगर आयुक्त के प्रयासों से गाजियाबाद अब केवल एक शहर नहीं, शिव की महागाथा का जीवंत मंच बन गया है। यहां आस्था, प्रशासन और जनभागीदारी का ऐसा त्रिवेणी संगम दिख रहा है, जो आने वाले वर्षों के लिए प्रेरणा बनेगा।
नगर को सजाया धार्मिक कलाकृतियों और लाइटिंग से, बना आध्यात्मिक शहर
अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार के अनुसार, नगर आयुक्त के निर्देशन में पूरे कांवड़ रूट को धार्मिक कलाकृतियों, दीवार चित्रण, फूलों की सजावट और रंगीन रोशनियों से सुसज्जित किया गया है। दूधेश्वरनाथ मंदिर के सामने वाली दीवार पर फूल-पत्तियों की कलाकृति बनाई गई है। वहीं शहर के प्रवेश द्वारों को शिवमयी छवियों से अलंकृत कर गाजियाबाद को शिव नगरी जैसा स्वरूप देने का प्रयास किया गया है।
हर कांवडि़ए के स्वागत में खड़ा है शहर, लाइटिंग से जगमगाया हर मार्ग
मेरठ रोड तिराहा, जो लाखों कांवडिय़ों का प्रवेश द्वार है, वहां पर विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है। पूरे मार्ग पर हाई-मास्ट लाइट्स, साउंड सिस्टम और सूचना पट लगाए गए हैं। पेयजल, मेडिकल सहायता, मोबाइल टॉयलेट्स और सेवा केंद्र की भी बेहतर व्यवस्था की गई है।
प्रशासन-सामाजिक संगठनों का तालमेल, बना महोत्सव को ऐतिहासिक आयोजन
कांवड़ महोत्सव को सफल बनाने के लिए नगर निगम के अलावा पुलिस प्रशासन, सामाजिक संस्थाएं, स्वयंसेवी समूह भी पूरे समर्पण से जुटे हैं। हर चौराहे, प्रमुख मंदिर और शिविर के आसपास पुलिस और निगम की टीमें तैनात हैं, जो लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं।
भक्ति और नगर सज्जा का अद्वितीय संगम, देश के लिए बना अनुकरणीय मॉडल
गाजियाबाद नगर निगम का यह अभिनव प्रयास अन्य शहरों और नगर निकायों के लिए एक प्रेरणा बन सकता है। धार्मिक आयोजनों को प्रशासनिक दक्षता, सांस्कृतिक सज्जा और सामाजिक समरसता के साथ कैसे संयोजित किया जा सकता है, इसकी मिसाल इस बार गाजियाबाद ने पेश की है।
शिव भक्तों के स्वागत में नहीं रहेगी कोई कमी
कांवड़ महोत्सव 2025 गाजियाबाद के लिए सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि शहर की छवि को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और नागरिक स्तर पर एक नई ऊंचाई देने का अवसर है। नगर निगम की पूरी टीम दिन-रात इस दिशा में समर्पित भाव से कार्य कर रही है। हमारा लक्ष्य न केवल साफ-सफाई बनाए रखना है, बल्कि श्रद्धालुओं को एक ऐसा वातावरण देना है, जहाँ उन्हें हर मोड़ पर सम्मान, सुविधा और भक्ति का अनुभव हो।
नगर आयुक्त
शहर को धार्मिक रंगों से सजाया जा रहा है, कलात्मक चित्रों और आकर्षक लाइटिंग के माध्यम से। मेरठ रोड तिराहे पर भगवान शंकर की अद्भुत कलाकृति, दूधेश्वरनाथ मंदिर क्षेत्र की सजावट और कांवड़ रूट की साफ-सफाई यह सब गाजियाबाद को ‘शिव नगरी’ के रूप में प्रतिष्ठित करने का प्रयास है। हम चाहते हैं कि यहां आने वाला हर कांवडिय़ा गाजियाबाद को श्रद्धा और सेवा का प्रतीक मानकर लौटे। मैं नागरिकों से भी अपील करता हूँ कि वह इस आयोजन में सक्रिय सहयोग दें और इस महोत्सव को पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनाएं।
विक्रमादित्य सिंह मलिक
नगर आयुक्त
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