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-आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, तस्करों पर लगातार टूट रहे कानून के बम, राजस्व में बेतहाशा वृद्धि

उदय भूमि संवाददाता
गौतमबुद्ध नगर। गौतमबुद्ध नगर में आबकारी विभाग ने अवैध शराब कारोबार के खिलाफ जो मोर्चा खोला है, वह अब अभियान नहीं बल्कि एक निर्णायक जंग बन चुका है। इस मुहिम के सेनापति बने हैं जिला आबकारी अधिकारी सुबोध कुमार श्रीवास्तव, जिनकी अगुवाई में एक-एक शराब तस्कर की नकेल कसी जा रही है। नतीजा है कि जिले में न केवल तस्करों के हौसले पस्त हुए हैं, बल्कि आबकारी राजस्व भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा है। एक दौर था जब शराब माफिया पुलिस और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर कारोबार करते थे, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। सुबोध श्रीवास्तव की ‘ज़ीरो टॉलरेंस नीति’ और ‘फील्ड में रहकर निगरानी’ की रणनीति ने पूरे जिले में शराब माफियाओं की नींद उड़ा दी है। उनके नेतृत्व में आबकारी टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों ने यह साबित कर दिया है कि अवैध शराब के कारोबारियों के लिए गौतमबुद्ध नगर में अब कोई जगह नहीं बची। रविवार को खुद जिला आबकारी अधिकारी ने सेक्टर-22 की देशी शराब दुकानों, कंपोजिट दुकानों और मॉडल शॉप का औचक निरीक्षण कर विक्रेताओं की धड़कनें तेज कर दीं। उन्होंने गुप्त खरीदार बनकर ओवररेटिंग की जांच की और दुकानों पर लगे CCTV कैमरों की लाइव फीड के साथ स्टॉक व बिक्री मिलान की भी जांच की। दुकानदारों को सख्त लहजे में चेताया गया कि नियमों से खिलवाड़ किया तो कार्रवाई तुरंत होगी।

तस्करों पर एक और बड़ी कार्रवाई, भारी मात्रा में शराब बरामद
इसी दिन आबकारी निरीक्षक नामवर सिंह की टीम ने थाना जेवर क्षेत्र से कोमल उर्फ कमल को अवैध रूप से शराब बेचते हुए गिरफ्तार किया। उसके पास से 30 पव्वे कटरीना ब्रांड देशी शराब (UP मार्का) बरामद की गई। वहीं, निरीक्षक अभिनव शाही की टीम ने थाना सेक्टर-63 पुलिस के सहयोग से विक्की पुत्र रमेश को बहलोलपुर अंडरपास के पास से दबोचा। उसके पास से 106 पव्वे देशी शराब बरामद हुए। ये सभी तस्कर गहरी योजना के तहत गौतमबुद्ध नगर में शराब फैला रहे थे।

“जनपद को नशा मुक्त बनाना ही हमारा मिशन है” 
श्रीवास्तव ने कहा कि अब कोई भी दुकानदार या तस्कर कानून से नहीं बच पाएगा। “हम हर बोतल पर नजर रख रहे हैं, हर रास्ते पर हमारी टीम सतर्क है। अवैध शराब बेचने वालों की अब खैर नहीं। जनपद को साफ, सुरक्षित और नशा मुक्त बनाना ही हमारा लक्ष्य है,” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कार्रवाई सिर्फ तस्करों तक सीमित नहीं है, बल्कि जिन लाइसेंसी विक्रेताओं पर ओवररेटिंग या स्टॉक गड़बड़ी पाई जाएगी, उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जीरो टॉलरेंस नीति ने बदली जिले की तस्वीर, जनता को मिला विश्वास
सुबोध श्रीवास्तव की सख्ती और सतत निगरानी से आबकारी राजस्व में भी जोरदार उछाल देखने को मिला है। जनता अब न केवल सुरक्षित महसूस कर रही है, बल्कि ईमानदार व्यापार को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। जहां एक ओर अपराधियों की कमर टूटी है, वहीं जनता में कानून के प्रति भरोसा और भी मजबूत हुआ है। गौतमबुद्ध नगर में आबकारी विभाग की यह ‘सुबोध नीति’ न केवल माफियाओं का सफाया कर रही है, बल्कि शासन के नीति-नियमों को ज़मीन पर पूरी मजबूती के साथ लागू भी कर रही है। शराब माफिया हो या ओवररेटिंग करने वाला दुकानदार, हर किसी के लिए आबकारी विभाग के पास है ‘सुबोध फार्मूला’, जिसमें सिर्फ कानून की जीत और अपराध की हार तय है।

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