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• पुलिस आयुक्त के औचक निरीक्षण में मिली खामियों पर दिए सख्त निर्देश, जनकेंद्रित पुलिसिंग पर जोर
• थाने की व्यवस्था, रिकॉर्डिंग, सफाई से लेकर व्यवहार तक हर बिंदु पर की गई गहन समीक्षा
• पुलिसिंग को जनता के विश्वास और सेवा का प्रतीक बनाने की दिशा में बड़ा कदम

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने और पुलिसिंग व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी एवं प्रभावी बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए पुलिस आयुक्त जे. रविन्द्र गौड़ ने बुधवार की रात ट्रांस हिंडन क्षेत्र के अंतर्गत स्थित साहिबाबाद थाने का औचक दौरा किया। यह निरीक्षण न केवल प्रशासनिक तत्परता का प्रतीक रहा, बल्कि आम जनता की शिकायतों और अपेक्षाओं के प्रति पुलिस विभाग की जवाबदेही को भी रेखांकित करता है। पुलिस आयुक्त के इस अचानक निरीक्षण ने थाने की कार्यशैली, आंतरिक व्यवस्था और नागरिक सुविधाओं की वास्तविक स्थिति को सामने रखा। निरीक्षण के दौरान उन्होंने थाना कार्यालय, महिला सहायता केंद्र, सीसीटीएनएस कक्ष, मालखाना, अभिलेखों की स्थिति, निगरानी प्रणाली और आधारभूत सुविधाओं की बारीकी से जांच की। इस दौरान पुलिस आयुक्त ने जो कुछ देखा, उसके आधार पर उन्होंने जनता के हितों को सर्वोपरि मानते हुए थाना प्रभारी और स्टाफ को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि नागरिकों के साथ व्यवहार में मृदुता और संवेदनशीलता झलके।

आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सम्मानपूर्वक सुना जाए और उनकी समस्याओं का समाधान त्वरित गति से किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिसिंग अब केवल कानून का पालन करवाने तक सीमित नहीं रह सकती, बल्कि नागरिकों के विश्वास की आधारशिला पर ही एक सशक्त और सशक्तिकरणयुक्त समाज का निर्माण संभव है। निरीक्षण के दौरान उन्होंने साफ-सफाई की स्थिति को भी बेहद गंभीरता से लिया और निर्देश दिया कि थाना परिसर और बैरिक की स्वच्छता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि थाने में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के बैठने और कार्य करने की स्थिति आरामदायक होनी चाहिए, जिससे उनका कार्य प्रदर्शन बेहतर हो सके। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि सभी निगरानी कैमरे पूरी तरह क्रियाशील हों और उनकी रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखी जाए ताकि किसी भी घटना की जांच में आसानी हो। इसके साथ ही पेयजल और विद्युत व्यवस्था की भी समीक्षा की गई और उसे दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए।

पुलिस आयुक्त ने स्पष्ट किया कि मालखाना, डाक कक्ष और अपराध नियंत्रण कक्ष में दस्तावेजों और सबूतों का रखरखाव बेहद व्यवस्थित और सुरक्षित ढंग से होना चाहिए, ताकि न्याय प्रक्रिया में कोई बाधा न आए। उन्होंने सीसीटीएनएस प्रणाली के अद्यतन होने पर विशेष ध्यान देने को कहा और संबंधित रिकार्ड को समय-समय पर अपडेट करने का निर्देश दिया। पुलिस आयुक्त का यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सशक्त संदेश था कि पुलिस को अब केवल वर्दी नहीं, संवेदनशीलता और सेवा का प्रतीक बनना होगा। जे. रविन्द्र गौड़ का यह दौरा न केवल साहिबाबाद थाना, बल्कि सम्पूर्ण गाजियाबाद पुलिस के लिए एक चेतावनी भी है और एक दिशा-सूचक भी कि अब प्रशासनिक सुस्ती और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि ऐसे निरीक्षण आगे भी जारी रहेंगे, जिससे पुलिस तंत्र चुस्त, जवाबदेह और नागरिकों के भरोसे पर खरा उतरने वाला बन सके।

पुलिस आयुक्त जे. रविन्द्र गौड़ ने निर्देश देते हुए कहा कि थाना केवल अपराध नियंत्रण का केंद्र नहीं, बल्कि जनता के विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक होना चाहिए। हर आने वाले व्यक्ति के साथ संवेदनशील और मृदुल व्यवहार किया जाए। शिकायतकर्ताओं की बात ध्यान से सुनी जाए और उस पर बिना देरी के निष्पक्ष एवं प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। थाना परिसर की स्वच्छता, अधिकारीगण के लिए बैठने की व्यवस्था, प्रतीक्षा कक्ष, पेयजल, बिजली, और निगरानी प्रणाली की कार्यशीलता जैसी बुनियादी व्यवस्थाएं बेहतर हों, यह सुनिश्चित करना अब प्राथमिकता है। हर रिकार्ड अद्यतन हो, अपराध से जुड़े दस्तावेजों का रखरखाव सुव्यवस्थित हो और सीसीटीएनएस प्रणाली सक्रिय रूप से काम करे, यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है। जनता के विश्वास को हासिल करना है तो पुलिस को सेवा, सजगता और संवेदनशीलता के साथ काम करना होगा। जनकेंद्रित पुलिसिंग अब सिर्फ नारा नहीं, बल्कि हमारी कार्यशैली की नींव होगी।

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