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• 40,000 लीटर मिथाइल अल्कोहल बरामद, कर्नाटक से लाकर लखनऊ में सप्लाई किया जा रहा था, दो गिरफ्तार
• अवैध शराब का जाल बिछाने से पहले ही ढहा, आबकारी विभाग की टीम ने दिखाई सतर्कता

उदय भूमि संवाददाता
लखनऊ। जनपद लखनऊ में अवैध शराब के कारोबार को पूरी तरह समाप्त करने के लिए आबकारी विभाग द्वारा की जा रही लगातार सख्त और प्रभावी कार्रवाई ने अपराधियों के मंसूबों पर करारा वार किया है। जिला आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह की अगुवाई में विभाग की टीम ने शुक्रवार रात को एक महत्वपूर्ण अभियान के तहत कानपुर रोड पर चेकिंग के दौरान एक बड़े तस्करी नेटवर्क को बेनकाब किया। इस दौरान आबकारी निरीक्षक सेक्टर- 11 राहुल कुमार सिंह, लक्ष्मी शंकर वाजपेई, अखिलेश चौधरी और एसटीएफ लखनऊ और थाना सरोजनी नगर की संयुक्त टीम ने एक संदिग्ध टैंकर को रोका, जिसमें अवैध रूप से 40,000 लीटर मिथाइल अल्कोहल युक्त कैमिकल लाया जा रहा था। यह कैमिकल अवैध शराब बनाने के लिए कर्नाटक से लखनऊ के राजाजीपुरम इलाके में सप्लाई किया जा रहा था।

यह कैमिकल बिना किसी वैध परमिट के परिवहन किया जा रहा था, जो यह दर्शाता है कि यह पूरी तस्करी बिना किसी सरकारी नियंत्रण के चल रही थी। चौंकाने वाली बात यह है कि जब टैंकर को चेक किया गया, तो चालक ने भागने की कोशिश की, लेकिन विभाग की टीम ने अपनी तेज-तर्रार कार्रवाई से उसे पीछा कर पकड़ लिया। यह घटना उस समय हुई जब लखनऊ में अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को एक नई दिशा मिल रही थी। लखनऊ में आबकारी विभाग की यह कार्रवाई न केवल तस्करी के नेटवर्क को नष्ट करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे प्रदेश में अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ एक संदेश भी है। आबकारी विभाग की तत्परता, कड़ी निगरानी और सक्रियता ने यह साबित कर दिया है कि यदि प्रशासन दृढ़ संकल्पित हो, तो कोई भी अवैध कार्य सफल नहीं हो सकता।

अवैध शराब निर्माण का जाल बिछाने से पहले ही तस्करों की मंशा पर फिरा पानी
जब विभाग की टीम ने टैंकर की गहरी जांच की, तो 40,000 लीटर मिथाइल अल्कोहल युक्त कैमिकल बरामद किया गया, जो अवैध शराब बनाने में इस्तेमाल किया जाना था। यह कैमिकल कर्नाटक से लाकर लखनऊ में राजाजीपुरम इलाके में सप्लाई किया जाना था। हालांकि, चालक और तस्कर यह साबित करने में नाकाम रहे कि उनके पास कोई वैध दस्तावेज है। चालक अगरेज सिंह (निवासी गुरदासपुर, पंजाब) और तस्कर गौरव गुप्ता (निवासी राजाजीपुरम, लखनऊ) को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे इस मिथाइल अल्कोहल का अवैध शराब निर्माण में उपयोग करने के लिए लाए थे, जो यदि सप्लाई हो जाता, तो अनगिनत लोगों के जीवन को खतरे में डाल सकता था। दोनों के खिलाफ विष अधिनियम 1919 और भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया।

आबकारी विभाग की सख्त कार्रवाई से अवैध शराब तस्करी पर नकेल
यह कार्रवाई आबकारी विभाग की सख्त और प्रभावी कार्यशैली को और भी मजबूत करती है, जो अवैध शराब तस्करी और उसके निर्माण पर कड़ी नजर रखने के लिए प्रतिबद्ध है। जिला आबकारी अधिकारी करुणेन्द्र सिंह ने कहा कि इस तरह की कार्यवाही से न केवल अवैध शराब तस्करों को कड़ा संदेश मिलता है, बल्कि इससे लोक स्वास्थ्य और सुरक्षा की रक्षा भी होती है। आबकारी विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि लखनऊ में अवैध शराब तस्करी की कोई भी कोशिश अब सफल नहीं हो सकती। विभाग की यह सक्रियता और तेज-तर्रार निगरानी कर्नाटक जैसे बाहरी राज्यों से लाकर अवैध शराब की तस्करी करने वालों के खिलाफ निर्णायक कदम साबित हो रही है।
यह कार्रवाई यह भी स्पष्ट करती है कि आबकारी विभाग अवैध शराब के कारोबार को समाप्त करने के लिए पूरी तरह से सक्रिय है और इसके खिलाफ किए जा रहे प्रयासों में विभाग कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। जिला प्रशासन की यह प्रतिबद्धता और पारदर्शिता अब लखनऊ में अवैध शराब के कारोबार को न केवल खत्म कर रही है बल्कि सामाजिक सुरक्षा और व्यवस्था को भी सुनिश्चित कर रही है।

आबकारी विभाग की कार्यशैली पर मंथन
यह कार्रवाई आबकारी विभाग की सख्त कार्यशैली, तत्परता और पारदर्शिता का स्पष्ट उदाहरण है। जिले में अवैध शराब के कारोबार को रोकने के लिए विभाग की यह पहल अब एक मिसाल बन चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि विभाग के द्वारा की जा रही चेकिंग और सामूहिक निगरानी के चलते अवैध शराब तस्करों के लिए लखनऊ में अब कोई जगह नहीं बची है। आबकारी विभाग ने अपने कार्यशैली में सुधार करते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कई और नई योजनाओं पर काम करने का भी संकल्प लिया है। इसके साथ ही विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आने वाले समय में अवैध शराब तस्करी और शराब बनाने वालों के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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