-ग्राहकों से लिया जा रहा सीधा फीडबैक, गुप्त टेस्ट परचेजिंग से दुकानों पर बढ़ी निगरानी
-विक्रेंताओंं को भी नई आबकारी नीति के तहत दिए जा रहे स्पष्ट निर्देश
-ग्राहकों से सीधे संवाद: हर दुकान पर अधिकारी के नंबर किए गए प्रदर्शित
-नियम उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। जिला आबकारी विभाग की टीमें शनिवार रात एक्शन मोड में रहीं। जनपद में शराब दुकानों पर ओवर रेटिंग की बढ़ती शिकायतों पर सख्त रुख अपनाते हुए आबकारी विभाग ने एक नई और प्रभावशाली रणनीति लागू कर दी है। अब दुकानों पर गुप्त रूप से ‘टेस्ट परचेजिंग के साथ-साथ ग्राहकों से विक्रेताओं की कार्यशैली और व्यवहार को लेकर सीधा फीडबैक लिया जा रहा है। इसका उद्देश्य शराब बिक्री में पारदर्शिता लाना और उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति सजग बनाना है। 1 अप्रैल से लागू हुई नई आबकारी नीति के अंतर्गत जनपद में खुली नई दुकानों के विक्रेताओं को कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दी गई है। विक्रेताओं को यह भी कहा गया है कि यदि ओवर रेटिंग या ग्राहक के साथ दुर्व्यवहार की शिकायतें मिलीं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब सभी दुकानों के बाहर आबकारी अधिकारी और संबंधित क्षेत्रीय निरीक्षक के मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से लिखे गए हैं ताकि कोई भी ग्राहक बिना झिझक अपनी शिकायत सीधे दर्ज कर सके। ग्राहक अगर शराब की बोतल पर अंकित मूल्य से अधिक पैसा वसूलने, अमानवीय व्यवहार या किसी तरह की असुविधा का सामना करता है, तो वह तुरंत विभाग को सूचित कर सकता है।
आबकारी विभाग की यह पहल ना सिर्फ ओवर रेटिंग पर नकेल कसने में सहायक होगी, बल्कि जनपद में पारदर्शिता, उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और अवैध व्यापार पर लगाम के एक बड़े कदम के रूप में देखी जा रही है। शनिवार रात को आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा, अखिलेश बिहारी वर्मा, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, अखिलेश कुमार डॉ राकेश त्रिपाठी और अनुज वर्मा की टीम द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में शराब की दुकानों का औचक निरीक्षण करते हुए न केवल दुकानदारों की गतिविधियों पर नजर रखी बल्कि वहां मौजूद ग्राहकों से भी सीधा फीडबैक लिया। फीडबैक के जरिए यह जाना गया कि कहीं ओवर रेटिंग या दुर्व्यवहार की शिकायत तो नहीं है। अवैध शराब के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए विभाग ने संभावित तस्करों के ठिकानों पर दबिश दी। विभाग की ओर से साफ कहा गया है कि जनहित में कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ग्राहक अपने अधिकारों को जानें और किसी भी शिकायत की सूचना बिना झिझक विभाग को दें-उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम ने बताया कि यदि किसी विक्रेता द्वारा शराब पर अंकित मूल्य से अधिक वसूला जाता है या दुर्व्यवहार किया जाता है, तो ग्राहक दुकानों के बाहर प्रदर्शित आबकारी अधिकारी और क्षेत्रीय इंस्पेक्टर के नंबरों पर शिकायत कर सकते हैं। शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, ग्राहकों से अवैध शराब से संबंधित जानकारी साझा करने का भी अनुरोध किया गया है। आबकारी विभाग की टीमें दिन-रात छापेमारी और शराब तस्करों के ठिकानों पर दबिश देकर जिले को अवैध शराब के कारोबार से मुक्त करने के लिए प्रयासरत हैं।
अवैध शराब के विरुद्ध भी सख्त मोर्चा
जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम के निर्देशन में आबकारी विभाग ने जनपद को अवैध शराब के कुचक्र से मुक्त करने के लिए निर्णायक मोर्चा खोल दिया है। विभाग की टीमें लगातार दिन-रात छापेमारी कर रही हैं, ताकि न सिर्फ नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो, बल्कि अवैध शराब के निर्माण, बिक्री और तस्करी में लिप्त नेटवर्क को जड़ से समाप्त किया जा सके। यह अभियान नशे के खिलाफ प्रशासन की जीरो टॉलरेंस नीति का सशक्त उदाहरण है, जो जनपद को सुरक्षित और कानूनसम्मत वातावरण देने के लिए प्रतिबद्ध है।
ग्राहकों से अपील: सहयोग करें, अधिकार जानें
जिला आबकारी अधिकारी ने जनपदवासियों से एक सशक्त अपील की है कि वह शराब खरीदते समय अपने उपभोक्ता अधिकारों को अच्छी तरह समझें और यदि किसी विक्रेता द्वारा निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली, गलत व्यवहार या नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसकी जानकारी तुरंत विभाग से साझा करें। विभाग ने भरोसा दिलाया है कि हर शिकायत को पूरी गोपनीयता के साथ दर्ज किया जाएगा और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह पहल जनसहभागिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ सिस्टम को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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