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नेहरूनगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा और संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक का मुख्य एजेंडा उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को अभी से जुट जाना होगा। संगठन को बूथ स्तर तक और मजबूत करने, जनसंपर्क अभियान को बढ़ाने और सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने पर विशेष जोर दिया गया। इसके अलावा, बैठक में भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष के संभावित नामों पर भी चर्चा हुई। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि संगठन को और सशक्त करने के लिए अनुभव और युवा जोश का सही संतुलन आवश्यक है। संघ की बैठक में यह महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर के पूरे नाम भीमराव रामजी आंबेडकर का ही उपयोग किया जाए।

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव-2027 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी रणनीतिक तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी कड़ी में बुधवार को गाजियाबाद के नेहरूनगर स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में एक महत्वपूर्ण समन्वय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित भाजपा और संघ के कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक का मुख्य एजेंडा उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा करना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए सभी कार्यकर्ताओं को अभी से जुट जाना होगा। संगठन को बूथ स्तर तक और मजबूत करने, जनसंपर्क अभियान को बढ़ाने और सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने पर विशेष जोर दिया गया।

इसके अलावा, बैठक में भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय अध्यक्ष के संभावित नामों पर भी चर्चा हुई। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि संगठन को और सशक्त करने के लिए अनुभव और युवा जोश का सही संतुलन आवश्यक है। संघ की बैठक में यह महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया कि डॉ. भीमराव आंबेडकर के पूरे नाम भीमराव रामजी आंबेडकर का ही उपयोग किया जाए। संघ का मानना है कि रामजी शब्द को षड्यंत्रपूर्वक उनके नाम से हटा दिया गया था, जबकि उन्होंने संविधान पर अपने पूरे नाम से हस्ताक्षर किए थे। बैठक में यह प्रस्ताव भी रखा गया कि अंबेडकर के नाम से पहले आदरणीय, परम आदरणीय या पूजनीय जैसे सम्मानजनक शब्दों का उपयोग किया जाना चाहिए। साथ ही, यह सवाल भी उठाया गया कि उनकी तस्वीरों में हमेशा नीला रंग ही क्यों दिखाया जाता है और क्या अन्य रंगों का प्रयोग संभव नहीं है। संघ ने इस पर विचार करते हुए अंबेडकर की छवियों में विविधता लाने की बात कही।

इसके अलावा, 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती को पूरे प्रदेश में धूमधाम से मनाने का निर्णय लिया गया। इस वर्ष, कार्यक्रमों में उनकी अलग-अलग छवियों और उनके संपूर्ण नाम के साथ उनके योगदान को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, संगठन मंत्री धर्मपाल सिंह, एमएलसी मोहित बेनीवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं महापौर सुनीता दयाल, राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप, पश्चिमी क्षेत्र के अध्यक्ष सतेंद्र सिसोदिया, महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल समेत करीब 250 पदाधिकारी शामिल हुए। आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता भी इस बैठक में उपस्थित रहे।

बैठक से पहले शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम, कई मार्गों पर लगा जाम
मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुए शहर में सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त कर दी गई थी। पुलिस ने कई मार्गों पर बैरिकेडिंग लगा दी, जिससे डायमंड फ्लाइओवर, हापुड़ चुंगी, राजनगर एक्सटेंशन और अन्य प्रमुख सड़कों पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। बैठक स्थल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, जिससे आम नागरिकों को भी आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई वाहन चालकों को अपने रास्ते बदलने पड़े, जबकि कुछ लोग घंटों जाम में फंसे रहे। बैठक के कारण लगाए गए यातायात प्रतिबंधों का असर स्कूली बच्चों पर भी पड़ा। हापुड़ चुंगी से राजनगर एक्सटेंशन की ओर जाने वाले मार्ग को बंद किए जाने से केंद्रीय विद्यालय कमला नेहरू नगर, परिवर्तन स्कूल, डीपीएस, रेयान स्कूल और अन्य स्कूलों की बसें जाम में फंस गईं। इस दौरान बसों में बैठे बच्चों को तेज धूप में काफी इंतजार करना पड़ा, जिससे अभिभावकों में भी नाराजगी देखी गई। कई अभिभावकों ने प्रशासन से ऐसी बैठकों के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन को बेहतर बनाने की मांग की।

आरएसएस के शताब्दी वर्ष पर विशेष चर्चा
बैठक में आरएसएस के शताब्दी वर्ष (2025) के भव्य आयोजन को लेकर भी चर्चा हुई। संघ 2025 में अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे करेगा, जिसे विजयदशमी से एक साल तक मनाया जाएगा। इस अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें जनजागरण अभियान, शाखाओं का विस्तार, सामाजिक सेवा कार्यक्रम और हिंदुत्व से जुड़े विभिन्न आयोजनों को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आरएसएस और भाजपा मिलकर इस अवसर को ऐतिहासिक बनाने के लिए कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने प्रदेश में विकास और सुशासन के लिए जो कार्य किए हैं, उन्हें जनता तक पहुंचाना आवश्यक है। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों में सरकार की नीतियों और उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार करें और विपक्षी दलों के दुष्प्रचार का जवाब दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाना है, जिसके लिए हर कार्यकर्ता को पूरी निष्ठा के साथ जुटना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का संगठनात्मक ढांचा जितना मजबूत होगा, चुनाव में जीत उतनी ही आसान होगी। बैठक के समाप्त होने के बाद धीरे-धीरे शहर में यातायात व्यवस्था सामान्य होने लगी। पुलिस ने सभी बैरिकेडिंग हटा दी, जिससे लोगों को राहत मिली। हालांकि, स्थानीय नागरिकों ने भविष्य में इस तरह की बैठकों के दौरान ट्रैफिक प्रबंधन को अधिक सुचारू बनाने की मांग की है।

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