Maha Kumbh Mela: महाकुंभ मेले में स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन भी सनातन धर्म के समझने के लिए पहुंचेंगी. वह आज अपनी टीम के साथ काशी से प्रयागराज के लिए रवाना होंगी. उससे पहले ही वह भगवा रंग में रंगी नजर आईं.
प्रयागराजः उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी प्रयागराज में लगे महाकुंभ में एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन भी रविवार को महाकुंभ जाएंगी. कुंभ मेले में पहुंचने से पहले ही भगवा रंग में रंगी नजर आईं. भगवा वस्त्र पहनने के साथ ही लॉरेन ने अपना नाम भी बदल लिया. उन्हें गुरु निरंजनी पीठाधीश्वर महंत कैलाशानंद गिरी ने अपना गौत्र दिया. साथ ही उन्हें कमला नाम दिया गया. वह वेस्टर्न ड्रेस की बजाए संयासी चोला पहने हुए नजर आईं.
हिंदुस्तान लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयागराज में लगे महाकुंभ में लॉरेन कमला बनकर सनातन धर्म को समझेंगी. इस दौरान यहां होने वाले कथा और प्रवचनों में शामिल होंगी. स्वामी कैलाशानंद गिरी के मुताबिक, लॉरेन जॉब्स की सनातम में काफी रूचि है. वह गिरी को अपने पिता की तहर मानती हैं. स्वामी कैलाशानंद गिरी ने उन्हें अपना गौत्र दिया. फिलहाल, वह वाराणसी में अपनी टीम के साथ रुकी हुई हैं. लारेन पॉवेल 13 जनवरी को काशी से प्रयागराज जाएंगी. महाकुंभ में श्रीनिरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिविर में रुकेंगी. 10 दिन कल्पवास करेंगी. साधुओं की संगत में रहकर सनातन, आध्यात्म और भारतीय संस्कृति के बारे में जानेंगी.
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लॉरेन की यात्रा को लेकर आध्यात्मिक गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि, काशी पहुंचने के बाद लॉरेन जॉब्स भारतीय परिवेश में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने पहुंचीं. इस दौरान वह एकटक बाबा को निहारती रहीं. उन्हें बाबा विश्वनाथ के धाम की जानकारी दी गई. लारेन ने गर्भगृह के बाहर से ही बाबा का आशीर्वाद लिया. सनातन धर्म में गैर हिंदू शिवलिंग का स्पर्श नहीं करते, इस बात का ध्यान रखते हुए उन्होंने बाहर से ही दर्शन किया.
स्टीव जॉब्स जानी मानी एप्पल कंपनी के सह-संस्थापक थे. उनकी आध्यात्म में गहरी रूचि थी. पत्नी लॉरेन भी दिवंगत पति की तरह ही आध्यात्म में आस्था रखती हैं. ऐसे में वह महाकुंभ में सनातन को समझने के लिए पहुंची हुई हैं. बता दें कि, स्टीव जॉब्स की बाबा नीम करौली में अगाध आस्था थी. वह उन्हें अपना गुरु मानते थे. 1970 के दशक में सात महीने के लिए आध्यात्मिक एकांतवास पर स्टीव भारत आए थे. नैनीताल स्थित कैंची धाम भी गए थे.
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