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दीमा हसाओ19 मिनट पहले

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लिजान मगर का शव हादसे के छठे दिन मिला है। ये सभी मजदूर 6 जनवरी को कोयला खदान में उतरे थे।

असम के दीमा हसाओ जिले में 300 फीट गहरी कोयला खदान से शनिवार दोपहर को एक और मजदूर का शव बाहर निकाला गया है। अभी उसकी पहचान नहीं हो सकी है।

इससे पहले सुबह 27 साल के लिजान मगर का शव पानी पर तैरता मिला था। लिजान दीमा हसाओ के कलामती गांव नंबर 1 का निवासी था। इससे पहले बुधवार को नेपाल के रहने वाले गंगा बहादुर श्रेठ का शव मिला था।

NDRF की टीम शनिवार सुबह पानी का लेवल चेक करने गई थी, तभी उन्हें मगर का शव को तैरता दिखा। उसे सुबह करीब 7:30 बजे बाहर निकाला गया। खदान में पानी का लेवल 6 मीटर कम हो गया है। 5 पंप से रात भर पानी निकाला गया।।

इधर, असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का कहना है कि यह अवैध खदान नहीं थी, बल्कि 12 साल पहले बंद कर दी गई थी। तीन साल पहले तक असम खनिज विकास निगम के अधीन थी। 6 जनवरी को पहली बार मजदूर खदान में घुसे थे।

3 किलो उमरंगसो में बनी इस खदान में 6 जनवरी को पानी भर गया था। जिससे वहां काम कर रहे रैट होल माइनर्स फंस गए। बाकी बचे 7 मजदूर के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन आज भी जारी है।

उमरंगसो कोयला खदान में फंसे मजदूरों के नाम

  • हुसैन अली, बागरीबारी, थाना श्यामपुर, जिला: दर्रांग, असम
  • जाकिर हुसैन, 4 नंबर सियालमारी खुटी, थाना दलगांव, जिला: दर्रांग, असम
  • सर्पा बर्मन, खलिसनिमारी, थाना गोसाईगांव, जिला: कोकराझार, असम
  • मुस्तफा शेख, बागरीबारी, पीएस दलगांव, जिला: दर्रांग, असम
  • खुसी मोहन राय, माजेरगांव, थाना फकीरग्राम, जिला: कोकराझार, असम
  • संजीत सरकार, रायचेंगा, जिला: जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल
  • सरत गोयारी, थिलापारा, बताशीपुर, डाकघर पनबारी, जिला: सोनितपुर, असम

खदान हादसे में 2 गिरफ्तारियां

असम पुलिस ने खदान हादसे के सिलसिले में एक व्यक्ति को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इसका नाम हनान लस्कर है। हनान को खदान मालिक ने मैनेजर बनाया था। यही मजदूरों का पेमेंट भी देखता था। घटना के तुरंत बाद हनान भाग गया था। गुरुवार रात एक तलाशी अभियान के बाद हनान को गिरफ्तार किया गया। इस मामले में पुलिस ने इस मामले में पहले पुनुश नुनिसा को गिरफ्तार किया था।

अभी 12 पंप निकाल रहे पानी, लेकिन लेवल घटा नहीं

NDRF के डिप्टी कमांडर एनके तिवारी ने शुक्रवार को कहा था कि पहले पूरा पानी बाहर निकालेंगे, उसके बाद ही गोताखोर अंदर जाएंगे। अभी सुरंग में भरे पानी को बाहर निकालने के लिए दो हैवी पंप 24 घंटे काम कर रहे हैं। आस-पास की पांच खदानों से भी 10 पंप मंगाकर लगाए हैं। अभी तक वर्टिकल तलाशी की गई, लेकिन कुछ भी नहीं मिल पाया है। खदान से पानी निकालने के साथ-साथ आगे तलाश की जा रही है।

2018 में भी मारे गए थे 15 रैट होल माइनर्स

ऐसा ही एक हादसा मेघालय की ईस्ट जयंतिया हिल्स में 2018 में हुआ था। जहां 15 मजदूर कोयला खदान में फंसकर मारे गए थे। 13 दिसंबर को इस खदान में 20 खनिक 370 फीट गहरी खदान में घुसे थे, जिसमें से 5 मजदूर पानी भरने से पहले बाहर निकल आए थे। 15 मजदूरों को बचाया नहीं जा सका था।

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जिंदा लौटा मजदूर बोला- सुरंग में सीधा लेट गया, पानी के प्रेशर ने बाहर फेंक दिया

6 जनवरी को सुरंग में पानी भरने के बाद समझ-बूझ के चलते जिंदा लौटे मजदूर रियाज अली ने भास्कर से बात की। उसने बताया कि पानी आते ही वह सीधा लेट गया, जिससे पानी के प्रेशर ने उसे बाहर फेंक दिया। रियाज ने बताया- मैंने ऊपर वाले को याद किया और आंख बंदकर सांस रोककर सुरंग में सीधा लेट गया। कुछ ही सेकंड्स बाद सुरंग के भीतर से इतना तेजी से पानी आया कि मैं प्रेशर के साथ सुरंग से बाहर निकलकर खदान की तली पर जा गिरा। पानी में ऊपर आकर देखा तो वहां कुछ और मजदूर भी थे। हमें खदान के भीतर-बाहर लाने -ले जाने वाली क्रेन की रस्सी पास ही लटक रही थी। मैं उसे पकड़ कर बाहर आ गया। पढ़ें पूरी खबर…

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