-कारोबारी कोठी में डकैती का 40 घंटे में खुलासा, मास्टरमाइंड नौकर समेत 3 गिरफ्तार
-50 लाख के गहने और 10 लाख कैश बरामद, बिहार पहुंचने से पहले पुलिस ने दबोचा
गाजियाबाद। कविनगर में 7 जनवरी को हुई डकैती की वारदात का डीसीपी सिटी की टीम ने 40 घंटे बाद खुलासा करते हुए मास्टर माइंड नौकर समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 50 लाख के गहने और 10 लाख रुपये नगद बरामद किया है। वारदात में शामिल एक अन्य शातिर की पुलिस तलाश कर रही है। कारोबारी ने डकैती की एफआईआर दर्ज कराते हुए 80 लाख के गहने और करीब 25 लाख की नगदी लूटे जाने की बात कही थी।
शुक्रवार को हरसांव स्थित पुलिस लाइन में डकैती की घटना का खुलासा करते हुए डीपीसी सिटी राजेश कुमार ने कवि नगर एसीपी अभिषेक श्रीवास्तव की मौजूदगी में बताया कि कविनगर के ए ब्लॉक में कोठी नंबर- 101 में रहने वाले उद्योगपति और स्टील कारोबारी 78 वर्षीय रामदास गुप्ता और उनकी पत्नी सुमित्रा गुप्ता 7 जनवरी की रात को बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। बदमाशों की एंट्री से कुछ देर पहले ही कोठी से घरेलू नौकर चंदन बाहर निकला था। नौकर चंदन फोन पर लुटेरों को पूरी जानकारी दे रहा था। रात में करीब 10 बजे जब लुटेरे घर से निकल गए तो रामदास गुप्ता ने पड़ोसी को जानकारी दी, पड़ोसी ने ही पुलिस को सूचित किया था और फिर बच्चों को लेकर गोवा गए रामदास गुप्ता के बेटे गौरव गुप्ता को मामले की जानकारी दी गई थी।
रामदास गुप्ता की तहरीर पर कविनगर थाने में डकैती का मुकदमा दर्ज हुआ था। डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि मामले में पुलिस टीम गठित कर लोकल इनपुट, सीसीटीवी कैमरे व मुखबिर की सूचना के आधार पर शुक्रवार को घरेलू नौकर चंदन कुमार पुत्र राम उदगार कामत निवासी सुपौल, चंदन के गांव के रहने वाले ओमप्रकाश पुत्र जोगेंद्र कामत और सुनील कुमार पुत्र शिव शंकर निवासी जिला गोंडा को मुखर्जी पार्क के पास से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों का एक साथी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। पुलिस पूछताछ में
चंदन ने बताया कि वह दो वर्षों से कोठी में काम करता था। कैश और गहनों के बारे उसे पूरी जानकारी थी। 4 जनवरी को गौरव गुप्ता अपने बच्चों के साथ गोवा घूमने चले गये थे। घर में केवल बुजुर्ग रामदास गुप्ता व उनकी पत्नी सुमित्रा गुप्ता ही थे और घर का सीसीटीवी कैमरा भी खराब था। यह बात नौकर ने अपने साथी ओमप्रकाश को बताई।
7 जनवरी को ओमप्रकाश अपने दो दोस्तों के साथ कोठी के पास चाय की दुकान पर पहुंचा। जहां चारों मिले और रात को करीब पौने नौ बजे डकैती की वारदात को अंजाम दे डाला। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश आरडीसी, राजनगर पहुंचे और कैश आपस में बांट लिया। वारदात के बाद भी लुटेरों ने पुलिस ऑफिस के पास ही लूटे गए माल का बंटवार कर लिया और करीब 40 घंटे तक शहर में ही रहे। क्योंकि डकैती की वारदात के बाद पुलिस ने भी चारों तरफ चेकिंग बढ़ा दी थी। जिसमें बदमाशों का गाजियाबाद से निकलना इतना आसान नही था, वहीं पुलिस के डर से बदमाश भी 40 घंटे तक गाजियाबाद में छिपे रहे। आरोपी शुक्रवार को बिहार भागने की फिराक में थे। जैसे ही लाल कुआं की तरफ जाते समय मुखर्जी पार्क के पास पहुंचे तो पुलिस ने दबोच लिया।
डीसीपी ने बताया आरोपियों के पास से एक सफेद धातु का सिक्का, एक अदद घड़ी (फोरासेल्स), चांदी के 133 सिक्के, डायमंड के सात कड़े, गोल्ड की चार पतही छड़ी और एक चूड़ी, एक ग्रीन मोतियों की माला गोल्ड सहित, एक ब्राउन पीली माला, दो हीरे और गोल्ड के ब्रेसलेट, तीन लर का मांग टीका, तीन मोतियों की माला सफेद धातु, एक सैट गले व कान का सफेद धातु का, दो कान का सहारा पीली धातु, एक नग लाल रंग, कान का टॉप्स सफेद धातु, एक सफेद मोती का हुक, एक अंगूठी व 4 बिछुआ चांदी का और एक चांदी का बड़ा कटोरा और 10,49,535 रुपये नगद बरामद किया गया है।
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